नगर परिषद सभागार में गांधी जीवन दर्शन पर संगोष्ठी : महात्मा गांधी के बतााए मार्ग पर चलकर ही विश्वमंगल संभव

विनय एक्सप्रेस समाचार, जैसलमेर। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 150 वीं जयंती वर्ष व स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ के तहत जिले में चल रहे ‘‘अगस्त क्रांति सप्ताह‘‘ के कार्यक्रमों की कड़ी में नगर परिषद सभागार में शुक्रवार को गांधी जीवन दर्शन की वर्तमान प्रासंगिकता विषय पर संगोष्ठी हुई।

इसमें गांधी जीवन दर्शन समिति के संयोजक उम्मेद सिंह तंवर, नगर परिषद उपसभापति खींवसिंह, उपखण्ड अधिकारी रमेश सीरवी, पूर्व जिला प्रमुुख अंजना मेघवाल, सहसंयोजक रूपचंद्र सोनी, नगर परिषद आयुक्त शशिकान्त शर्मा, उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास सुभाष विश्नोई, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी रामखिलाड़ी बैरवा, जिला खेल अधिकारी राकेश बिश्नोई, विकास अधिकारी हीराराम कलबी, बीईईओ बलबीर तिवारी एवं अधिकारीगण आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम की शुरूआत में उपखण्ड अधिकारी रमेश सिरवी के स्वागत भाषण से हुई। कार्यक्रम के संयोजक उम्मेदसिंह तंवर ने महात्मा गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर संगोष्ठी की शुरूआत की।

उपखण्ड अधिकारी रमेश सिरवी ने गांधी जी को वर्तमान की सभी समस्याओं का समाधान बताया तथा उन्होंने गांधी जी के जीवन दर्शन को विस्तार से प्रकट किया। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार हो तथा हम सभी को गांधी जी के विचारों के समान अपने अन्दर करुणा एवं सहानुभूति रखनी चाहिए।

कार्यक्रम के संयोजक उम्मेदसिंह तंवर ने गांधी जीवन दर्शन संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि गांधी जी कल भी प्रासंगिक थे और आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होने जीवन में सबसे बड़ा आधार सत्य को बताया तथा अपने अन्दर आत्म शुद्धि लाने के लिए सभी को प्रेरित किया।

उन्होंने कहा कि हमें मन में किसी के प्रति ईर्ष्या, द्वेष, घृणा ऐसे विचार नहीं रखने चाहिए। उन्होंने बताया कि अपराधी से नहीं, अपराध से घृणा करंे। उन्होंने गांधी जी की दृष्टि में जो सात पाप सिद्धान्तविहीन राजनीति, श्रम विहीन सम्पति, विवेकहीन भोग विलास, चरित्र विहीन शिक्षा, नैतिकता विहीन त्याग, मानवता विहीन विज्ञान, त्याग विहीन पूजा बताए गए हैं। उनसे बचने के लिए सभी को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि गांधी जी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाएं और गांधीवाद ही सभी समस्याओं की चाबी हैं।

सह संयोजक रूपचंद सोनी ने संगोष्ठी के संभागियों का स्वागत किया और गांधी जी की जीवनी को आज के जीवन की सार्थकता बताया तथा कहा कि मन से अहिंसा के पूजारी बने तथा मन में सत्यता रखें।

नगर परिषद आयुक्त शशिकांत शर्मा ने गांधी जी के समस्त जीवन को सामाजिक जीवन में उतारे तथा उनके विचारों और पवित्रता को अपनाएं तथा धरातल पर जीवन को उतारे।

उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास सुभाष विश्नोई ने गांधी जी के सिद्धान्तों के बारे में बताया और कहा कि वास्तविक जीवन वही है जिसमें अहिंसा, प्यार, सत्यता और स्वराज्य हो।

पूर्व जिला प्रमुख एवं जिला परिषद सदस्य अंजना मेघवाल ने इस अवसर पर कहा कि गांधी जी की प्रासंगिकता विश्व में हैं, जीवन में भी होनी चाहिए। इसके लिए आने वाली पीढ़ी को अधिक से अधिक प्रेरित करे तथा उन्हें सच्चाई के मार्ग पर चलने को कहे।

मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी रामखिलाड़ी बैरवा ने गांधी जी के शिक्षा के क्षेत्र में योगदान को विस्तार पूर्वक प्रकट किया। उन्होंने बताया कि शिक्षित बेरोजगार देश के लिए भार होता हैं तथा लोक कल्याण की भावना से ही सभी समस्याओं का समाधान होता हैं। गांधी जी की जीवनी बुनियादी शिक्षा में महत्वपूर्ण हैं।

विकास अधिकारी हीराराम कलबी ने कहा कि गांधी जी केवल अतीत की कड़िया नहीं है, भविष्य भी हैं। उन्होंने कहा कि सभी को विकास की धारा में जोड़ेगे तथा गांधी जी के विचारों को अपनाएं।

दिलीप सिंह(बरमसर) ने एक प्रेरणा गीत एक दुलारा देश हमारा प्यारा हिन्दुस्तान, भारत हमारा देश प्यारा गाकर अपने विचार प्रकट किए।

ये थे उपस्थित

इस अवसर पर व्याख्याता तनसिंह, समाजसेवी राजेन्द्र व्यास, व्याख्याता रतनसिंह, दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र मृदुलसिंह तंवर, सहायक आचार्य श्रीमती ममता शर्मा, पार्षद कमलेश छंगाणी, दुर्गेश आचार्य, गिरधरसिंह, आनंद व्यास, महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के जाकीर हुसैन, कमलसिंह भाटी, अमृत विश्नोई, अकरम मेहर, उपेन्द्र आचार्य, ए.आर. पंवार, धर्मेन्द्र आचार्य, राधेश्याम कल्ला, राणसिंह चौधरी, नारायणदान रतनू, अनमोल शर्मा, प्रहलाद शेटी, अधिशाषी अभियंता अमृत देवपाल, बसंत छंगाणी, शिवदान उज्ज्वल, करणदान रतनू, सचिन तंवर एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

कार्यक्रम के अन्त में नगर परिषद उपसभापति खींवसिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन सहायक निदेशक समग्र शिक्षा प्रभुराम राठौड ने किया।