विनय एक्सप्रैस समाचार, जैसलमेर। कृषि विभाग ने मरुस्थलीय जैसलमेर जिले के समस्त किसानों से अपील की है कि रबी सीजन में फसल बुवाई का समय है, इसलिए काश्तकारों को सिंचित क्षेत्र में नहर में कम पानी की आवक एवं आवंटन को दृष्टिगत रखते हुए रबी मौसम के दौरान कम से कम पानी चाहने वाली फसलों तथा किस्मों की बुवाई करने की सलाह दी गई है। उपनिदेशक, कृषि (विस्तार) डॉ.राधेश्याम नारवाल ने इस संबंध में बताया कि इस स्थिति में किसान सीमित क्षैत्र में बुवाई किया जाना सुनिश्चित करें ताकि पानी की कम उपलब्धता में भी फसलों को पकाव के लिए पानी उपलब्ध हो सके।डीएपी के स्थान पर सिंगल सुपर फॉस्फेट का करें उपयोग
उन्होंने जिले में डीएपी उर्वरक की सीमित आपूर्ति के चलते एएसपी ऊर्वरक का अधिक उपयोग करने की सलाह किसानों की गई हैं। रबी 2021-22 में सरसों एवं चना फसल के लिए विकल्प-1 के तहत 1200 रुपये लागत मूल्य पर 23 किलोग्राम फॉसफोरस और 9 किलोग्राम नाईट्रोजन के साथ ही विकल्प 2 के अन्तर्गत कुल लागत मूल्य 1166 रुपये में 24 किलोग्राम फॉसफोरस, 20 किलोग्राम नाईट्रोजन तथा 16 किलोग्राम सल्फर उपयोग की सलाह दी गई हैं।
उन्होंने बताया कि द्वितीय विकल्प के अनुसार 3 बैग एसएमपी एवं 1 बैग यूरिया का संयोजन प्रयुक्त किया जाना चाहिए। एसएसपी उर्वरक में 11 प्रतिशत सल्फर के साथ कैल्शियम पोषक तत्व भी शामिल हैं जो तिलहनी एवं दलहनी फसलों के लिए अत्यन्त गुणकारी व लाभदायी है। सल्फर से तिलहनी फसलों में तेल की मात्रा में बढ़ोतरी होगी व एसएसपी और यूरिया का संयोजन डीएपी से सस्ता भी है। डीएपी की अपेक्षा बाजार में सुगमता से उपलब्ध होने वाला सस्ता उर्वरक हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को विकल्प 2 के अनुसार एवं युरिया उर्वरक उपयोग की सलाह दी गई है।