राजस्थान साहित्य उत्सव साहित्य कुंभ-2023 : मेले में पुस्तकों के प्रति झलका प्रेम, शिविर में जीवंत हुई दृश्य कला

विनय एक्सप्रेस समाचार, जोधपुर। कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित राजस्थान साहित्य उत्सव (साहित्य कुम्भ-2022) में प्रदेशवासियों के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। साहित्यकारों को मंच प्रदान करने और युवाओं को साहित्य में साहित्य के प्रति रुचि पैदा करने के उद्देश्य से आयोजित उत्सव में साहित्य, कला और संगीत का संगम दिखायी दिया। रविवार को पद्मश्री अनवर खां मांगणियार की लोक गायन प्रस्तुति ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

सीताराम लालस पुस्तक मेले में पुस्तक प्रेमियों की चहलकदमी लगातार बनी रही। इसी प्रकार कोमल कोठारी कला शिविर में दृश्य कला व अन्य कारीगरी से आगंतुक रूबरू हुए। हस्तशिल्प मेले में दस्तकारों का हुनर देखने को मिला तो फूड स्टॉल्स पर विभिन्न व्यंजनों का स्वाद लेते लोग नजर आए। हिन्दी ग्रंथ अकादमी, राजस्थान साहित्य अकादमी व पं. जवाहर लाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी के संयोजन में सीताराम लालस पुस्तक मेले में किताबों का विराट संग्रह देखने को मिला।

यहां विभिन्न प्रकाशकों की 35 से अधिक स्टॉल्स लगायी गयी। दो दिन में ही 2 हजार से अधिक पुस्तकें खरीदी गयी। जोधपुर के हेमंत चौधरी ने कहा कि मुझे पढ़ने का काफी शौक है, यहां मुझे ऐसी भी कई किताबें मिली जिन्हें मैं काफी लंबे समय से ढूंढ रहा था। इस मेले का व्यापक असर देखने को मिलेगा।

 

लाइव पेंटिंग ने बेहद अभिभूत किया

ललित कला अकादमी के संयोजन में आयोजित कोमल कोठारी कला शिविर में मशहूर चित्रकारों ने शिरकत की। इनमें डॉ. विद्यासागर उपाध्याय, डॉ. नाथू लाल वर्मा, भवानी शंकर शर्मा, योगेन्द्र नरूका, रश्मि नरूका, साबिया, अमित हरित, मनीष शर्मा, लाखन सिंह जाट व पी.सी. किशन समेत 10 कलाकारों का लाइव पेंटिंग सेशन देखकर आगंतुक रोमांचित हो उठे।

कन्वेनर मनोज टेलर ने बताया कि अकादमी की ओर से क्ले आर्ट, उस्तां कला, प्रिंट मेकिंग की स्टॉल्स भी लगायी गयी है, साथ ही संगोष्ठी भी आयोजित की जा रही है। वहीं हस्तशिल्प मेले में हैंड ब्लॉक, जूट बैग, सना आर्ट, मेहर आर्ट, कोटा डोरिया व सजावटी सामानों की स्टॉल्स है दस्तकारों के उत्पाद लोगों को आकर्षित कर रहे हैं।