कार्यशाला का उद्घाटन आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत व अध्यक्षता आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने किया
विनय एक्सप्रेस समाचार, जोधपुर। प्रदेश में दुष्कर्म की घटनाओं पर अंकुश लगाने, बाल अधिकारों के प्रति बालक-बालिकाओं व आमजन में जागरूकता लाने तथा बाल अपराध की शिकायतों का त्वरित निस्तारण हेतु राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा संपूर्ण प्रदेश में जिला व ब्लॉक स्तर पर “चुप्पी तोड़ो हमसे कहो“ एक दिवसीय कार्यशाला गुरुवार को चौपासनी बाइपास स्थिति मरूग-सजय़ रिसोर्ट में हुआ। कार्यशाला का मुख्य आतिथ्य आरसीए अध्यक्ष माननीय वैभव गहलोत व अध्यक्षता राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष श्रीमती संगीता बेनीवाल ने की। कार्यक्रम के विशिष्यट अतिथि जिला कलक्टर इंद्रजीत सिंह व ग्रामीण पुलिस अधीक्षक अनिल कयाल व आयोग के सदस्य सचिव महेंद्र प्रताप सिंह ने की। कार्यक्रम के उद्घाटन के पहले सत्र में जिला कलक्टर इंद्रजीत सिंह ने कहा कि प्रदेश में हर बच्चे के अधिकारों के संरक्षण के लिए बाल आयोग पूरी तत्परता के साथ कार्य कर रहा है। बाल आयोग बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति संरक्षित है, बाल आयोग आपके द्वार कार्यक्रम के तहत स्कूलों में बच्चो से संवाद करना, उन्हें जागरूक करने और उन्हें जानकारी देने के लिए पिछले दो वर्ष से बेहतरीन कार्य कर रहा है। आयोग समय समय पर जागरूकता अभियान, नुक्कड़ सभाओं और स्कूलों के माध्यम से आयोग बच्चों तक पहुंच रहा है, इसके अच्छे परिणाम भी निकल कर सामने आ रहे हैं। बालक-बालिका अपनी परेशानी को बेहिचक आयोग के सामने रख रहे है। कलक्टर ने बच्चों से संवाद करते हुवे कहा कि बच्चे अपने आप को अलग और अकेला ना समझें बाल आयोग उनके लिए काम कर रहा है. यदि उन्हें कुछ भी गलत लगे तो तो बच्चे बाल आयोग या सीधे पुलिस, चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर (1098) पर भी संपर्क कर सकते हैं। उनकी जानकारी को पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा। इस दौरान डॉक्यूमेंट्री फिल्म के माध्यम से बच्चों को गुड और बैड टच के बारे में जानकारी दी गई। आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के प्रयासों से आयोग हमेशा सतर्क है। बाल संरक्षण के क्षेत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अथक प्रयासों से राजस्थान देश में पहला राज्य है जहां इसके लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध करवाया गया है।आयोग बाल श्रम, यौन हिंसा को रोकने और बाल शिक्षा प्रोत्साहन पर और प्रभावी फोकस रख रहा है। मुख्यमंत्री जी की महत्वकांक्षी योजनाओं का लाभ बच्चों को मिले जिसको लेकर प्रयास लगातार जारी है। राज्य में अगर दुष्कर्म जैसी घटनाओं होती है तो आयोग गंभीरता से पीडित को न्याय दिलाने में खड़ा रहता है। बच्चों की समस्याओं के समाधान के लिए ऐसी कार्यशाला पूरे राज्य के प्रत्येक गांव, तहसील में होगी, यह कार्यशाला निश्चित तौर पर लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगी। कार्यशाला के मुख्य अतिथि वैभव गहलोत ने संबोधत करते हुए कहा कि ऐसी कार्यशालाओं से बच्चियों में जागरूकता आती है। पूरे राज्य में खुशी है कि आयोग के अध्यक्ष, सदस्य सक्रिय रहकर कठोर से कठोर निर्णय लेकर तत्परता से कार्य कर रहे है। मुख्यमंत्री जी की मंशा है कि राजस्थान बाल मित्र प्रदेश बने। जिससे गलत घटनाएं नहीं हो तथा हर नाबालिग खुलकर अपनी बात रख सके। जोधपुर शहर से कार्यशालाओं का शुभारंभ हुआ है, पूरे राज्य में ऐसे आयोजन करके बालश्रम, भिक्षावृत्ति, दुष्कर्म, बाल शोषण को रोका जा सकता है। उन्होंने आयोग अध्यक्ष की प्रशंसा करते हुए कहा कि गुड टच बेड टच का प्रत्येक गांव-शाणी तक प्रचार प्रसार किया, जिसके कारण जागरूकता अधिक आई है। उन्होंने बालिकाओं को कहा कि आत्मसम्मान हमारा ऊंचा होना चाहिए। हमारे में सेल्फ कांफिडेंस होना चाहिए। हमें अपने गुणों की पहचान होना चाहिए। स्वयं की सुरक्षा करना आना चाहिए। गहलोत ने बच्चों से सीधा संवाद कर फिल्म के सारांश और बाल संरक्षण अधिनियम के तहत उन्हें मिलने वाले अधिकार बताए। उन्होंने बच्चों से कहा कि उन्हें डरने की जरूरत नहीं है, यदि उनके साथ कोई भी व्यक्ति गलत व्यवहार करता है तो इसकी जानकारी
सबसे पहले अपने माता-पिता, शिक्षकों और चाइल्ड हेल्प लाइन पर दें। उन्होंने कहा कि आत्मबल के साथ आगे बढ़ने से समाज का उत्थान होगा और समाजिक बुराइयों में कमी आएगी। कार्यक्रम में आयोग सचिव महेंद्र प्रताप सिंह ने आयोग की विभिन्न योजनाओं व आयोग द्बारा किये गए कार्यों को सत्र के दौरान रखा। पुलिस कमिश्नर जोस मोहन ने कहा कि नाबालिग बच्चों के ऐसी गलत घटना होते ही आयोग तत्काल से एक्शन लेकर पुलिस के आलाधिकारी से संपर्क में रहकर घटना के बारे में जानकारी लेकर कार्यवाही करती है। उन्होंने कार्यशाला में महिला पुलिस के अधिकारियों द्बारा दिए जाने वाले बालिका आत्मरक्षा प्रशिक्षण के बारे में बताया। ग्रामीण पुलिस अधीक्षक अनिल कयाल ने कहा कि आयोग द्बारा बेहतरीन कार्य किये जा रहे है।उन्होंने जिले में बालकों के संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। बालिकाओं से संवाद कर किए सवाल-जवाब
कार्यक्रम के दौरान बालिकाओं को जागरूक करने के साथ उनके साथ होने वाले अपराधों को लेकर 10 मिनट की फिल्म दिखाई गई। इसके बाद वैभव गहलोत ने बालिकाओं से संवाद किया, जिसमें उनकी समस्याओं को जानने की कोशिश की। इस दौरान बालिकाओं ने गहलोत ने स्कूल में खेल का आयोजन, जोधपुर शहर में क्रिकेट मैच करवाने, चुप्पी तोड़ो हमसे कहो जैसे कार्यक्रम करवाने के बारे में पूछा, वैभव गहलोत ने भी बच्चियों को शालीनता से जवाब देते हुए बच्चियों के साथ यादगार के लिए फोटोज खिंचवाई।
विभिन्न सत्रों में वक्ताओं ने जानकारी दी
कार्यशाला के दौरान अलग-अलग सत्रों में वक्ताओं ने बाल संरक्षण अधिनियम के तहत उन्हें मिलने वाले अधिकार बताए। इस दौरान बाल आयोग सदस्य नुसरत नकवी, डां.विजेंद्र सिंह सिद्धू,शिव भगवान नागा, वंदना व्यास, बाल कल्याण समिति जोधपुर के अध्यक्ष डां. धनपतराज गुजर, श्रीमती शुशि वैष्णव, विक्रम सरगरा, लक्ष्मण परिहार, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य बबिता शर्मा, जय भाटी, बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक डां.बीएल सारस्वत ने विभिन्न सत्रों में संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्यठ सलाहकार किशोर न्याय समिति हाइकोर्ट के राकेश
चौधरी ने किया।
कार्यों व नवाचारों हेतु सुझाव प्राप्त किए
कार्यक्रम में समस्त विभागों के जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों के साथ चर्चा कर बाल अधिकारों के संरक्षण हेतु किए जा रहे कार्यों व नवाचारों हेतु सुझाव प्राप्त किए। कार्यशाला में सभी विभागों के जिला व ब्लॉक स्तरीय अधिकारीगण, निजी/राजकीय स्कूलों के स्टूडेंट्स व स्काउट, गाइड व जिले में बालकों के क्षेत्र में कार्य करने वाली प्रमुख स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।