विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। मौसम केन्द्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में एक कम दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी तथा दूसरा कम दबाव का क्षेत्र अरब सागर की खाड़ी में बना हुआ है। इसके अलावा अगले 24 घंटों में एक पश्चिमी विक्षोभ भी उत्तर पश्चिमी भारत के ऊपर प्रभावी होगा।
उपरोक्त तंत्र के प्रभाव से आगामी दिनों में दक्षिणी व दक्षिण पूर्वी राजस्थान में मौसम में परिवर्तन होने की प्रबल संभावना है
18-19 नवंबर को उदयपुर, कोटा, जोधपुर, अजमेर व जयपुर संभाग के जिलों में मेघगर्जन, बिजली चमकने के साथ कहीं-कहीं हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावना है। कोटा, उदयपुर संभाग के जिलों में 20 नवंबर को भी इस सिस्टम का असर जारी रहेगा। हालांकि 21 नवंबर से इस सिस्टम का असर समाप्त होगा तथा मौसम शुष्क रहेगा।
आसमान में दिनभर बादल छाए रहने तथा बारिश होने से दिन के अधिकतम तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने तथा रात्रि न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होने की संभावना है।
उपरोक्त मौसमी तंत्र को ध्यान में रखते हुए मौसम विभाग जयपुर द्वारा को विशेष कृषि सलाह दी जा रही है इसके अंतर्गत चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा बाराँ, भीलवाड़ा, बूंदी, झालावाड़, कोटा, प्रतापगढ़ रासमंद, सिरोही, उदयपुर, पाली व जालौर जिलों हेतु विशेष कृषि सलाह दी गयी है जो इस प्रकार हैः-
1. कृषि मंडियों व धान मंडियों में खुले में रखे हुए अनाज व जींसों को सुरक्षित स्थान पर भंडारण करें ताकि उन्हें भीगने से बचाया जा सके।
2. खुले आसमान में पक कर तैयार फसलों को भी ढककर अथवा सुरक्षित स्थान पर भंडारण करें।
3. रबि की फसलों की बुवाई, सिंचाई तथा किसी भ प्रकार का रासयनिक छिड़काव कुछ समय के लिए स्थगित कर दें।