बिना अनुमति मुख्यालय नही छोंडे अधिकारी – जिला मजिस्ट्रेट यादव
विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम अनुसार विधानसभा आम चुनाव 2023 हेतु निर्वाचन की गतिविधियां प्रारम्भ हो चुकी हैं। उक्त चुनाव शांतिपूर्वक, स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न कराया जाना आवश्यक है साथ ही जिले के सभी क्षेत्रों एवं सभी वर्गों के मतदाता बिना किसी आतंक एवं भय के अपने संवैधानिक मताधिकार का प्रयोग कर सकें, इस हेतु असामाजिक, अवांछित एवं बाधक तत्वों की गतिविधियों को नियंत्रित करने तथा कानून व्यवस्था एवं लोक शांति बनाये रखने हेतु प्रतिबन्धात्मक उपाय किया जाना नितान्त आवश्यक है।
इस संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिला मजिस्ट्रेट डॉ. अमित यादव ने दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144 लागू करते हुए बताया कि जिले की राजस्व सीमा के भीतर सम्पूर्ण क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का विस्फोटक पदार्थ, रासायनिक पदार्थ, आग्नेय अस्त्र-शस्त्र, जैसे- रिवाल्वर, पिस्टल, बंदूक, एम.एल.गन, बी.एल.गन आदि एवं अन्य हथियार जैसे गण्डासा, फर्सी, तलवार, भाला, कृपाण, चाकू, छुरी, बर्छी, गुप्ती, कटार, धारिया, बाघनख (शेर-पंजा) जो किसी धातु के शस्त्र के रुप में बना हो आदि तथा विधि द्वारा प्रतिबंधित हथियार और मोटे घातक हथियार-लाठी आदि सार्वजनिक स्थानों पर धारण कर न तो घूमेगा, और न ही प्रदर्शन करेगा और न ही साथ में लेकर चलेगा। यह आदेश ड्यूटी पर तैनात सीमा सुरक्षा बल, राजस्थान सशस्त्र पुलिस बल, राजस्थान सिविल पुलिस, चुनाव ड्यूटी में मतदान दलों में तैनात अधिकारियों, कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। सिख समुदाय के व्यक्तियों को धार्मिक परम्परा के अनुसार कृपाण रखने की छूट होगी।यह आदेश शस्त्र अनुज्ञापत्र नवीनीकरण हेतु आदेशानुसार शस्त्र निरीक्षण करवाने अथवा शस्त्र पुलिस थाने में जमा करवाने हेतु ले जाने पर लागू नही होगा।
वहीं दिव्यांग एवं बीमार व्यक्ति जो बिना लाठी के सहारे नहीं चल सकते है, लाठी, बैशाखी का उपयोग चलने में सहारा लेने हेतु कर सकेगे। राष्ट्रीय राईफल एसोसिएशन के वह सदस्य जो प्रतियोगिता की तैयारी एवं भाग लेने जा रहे है उन पर यह आदेश लागू नहीं होगा। नागौर जिले से बाहर का कोई भी व्यक्ति जिले की सीमा में उपरोक्त तरह के हथियारों को अपने साथ नहीं लायेगा, ना ही सार्वजनिक स्थानों पर प्रयोग या प्रदर्शन करेगा।
कोई भी व्यक्ति संबन्धित उपखण्ड मजिस्ट्रेट की स्वीकृति के बिना किसी भी सार्वजनिक स्थल पर कोई भी जुलूस, सभा, धरना, भाषण आदि का आयोजन नहीं करेगा एवं न ही सम्बंन्धित उपखण्ड मजिस्ट्रेट की पूर्व अनुमति के बिना ध्वनि प्रसारण यंत्र का प्रयोग किया जाएगा। ध्वनि प्रसारण यंत्र हेतु अनुमति संबधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट द्वारा सुबह 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक प्रसारण यंत्र के उपयोग हेतु दी जा सकेगी। ऐसे आयोजनों में कोई इस प्रकार का कृत्य नहीं करेगा, जिससे यातायात व्यवस्था, जन व्यवस्था, एवं जन शांति विक्षुब्ध हो। यह प्रतिबंध बारात एवं शव यात्रा पर लागू नहीं होगा। कोई भी व्यक्ति सांप्रदायिक सद्भावना को ठेस पहुंचाने वाले तथा उत्तेजनात्मक नारें नहीं लगाएगा और ना ही ऐसा कोई भाषण एवं उद्बोधन देगा और ना ही ऐसे किसी पम्पलेट, पोस्टर या अन्य प्रकार की चुनाव सामग्री छापेगा या छपवाएगा, वितरण करेगा या करवाएगा और न किसी एम्प्लीफायर, रेडियो, टेप रिकॉर्डर, लाउड स्पीकर, ऑडियो-वीडियों केसेट या अन्य किसी इलेक्ट्रानिक उपकरणों के माध्यम से इस प्रकार का प्रचार प्रसार करेगा अथवा करवाएगा। ऐसे कृत्यों के लिए न ही किसी को दुष्प्रेरित करेगा। कोई भी व्यक्ति चुनाव प्रचार के दौरान किसी अन्य के निजी जीवन के बारे में आपत्तिजनक भाषण, प्रचार-प्रसार, अवांछनीय टीका-टिप्पणी नहीं करेगा ना ही करवाएगा। कोई भी व्यक्ति या संस्था इन्टरनेट तथा सोशल मीडिया यथा Facebook, Twitter, WhatsApp, youtube आदि के माध्यम से किसी प्रकार का धार्मिक उन्माद जातिगत द्वेष या दुष्प्रचार नहीं करेगा। कोई भी किसी के समर्थन या विरोध में सार्वजनिक एवं राजकीय सम्पत्तियों पर किसी तरह का नारा-लेखन या प्रति-चित्रण नहीं करेगा, न ही करवायेगा और न ही किसी तरह के पोस्टर, होर्डिंग लगायेगा और न ही सार्वजनिक सम्पत्तियों का विरुपण करेगा। किसी भी निजी सम्पत्ति का उक्त प्रयोजनार्थ उपयोग उसके स्वामी की लिखित पूर्वानुमति के बिना नहीं किया जा सकेगा। कोई भी व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक स्थानों पर मदिरा का सेवन नहीं करेगा ना ही अन्य किसी को सेवन करायेगा और न ही मदिरा सेवन हेतु दुष्प्रेरित करेगा तथा अधिकृत विक्रेताओं के अलावा कोई भी व्यक्ति निजी उपयोग के अलावा अन्य उपयोग हेतु सार्वजनिक स्थलों में मदिरा लेकर आवागमन नहीं करेगा और न ही इस हेतु किसी को दुष्प्रेरित करेगा। सूखा दिवस पर मदिरा विक्रय पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगा। कोई भी व्यक्ति चुनाव प्रचार या प्रसार हेतु वाहनों से यातायात बाधित नहीं करेगा, ना करवायेगा। संबधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट की लिखित पूर्वानुमति के बिना कोई भी व्यक्ति ध्वनि प्रसारक यंत्र लगे किसी प्रकार के वाहन का प्रयोग नहीं करेगा, न ही करवायेगा। किसी भी मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों, गिरिजाघरों या अन्य धार्मिक स्थानों का निर्वाचन प्रचार मंच के रुप में प्रयोग नहीं किया जाएगा। कोई भी व्यक्ति मतदान दिवस के दिन मतदान केन्द्र से सौ मीटर परिधि के अन्दर किसी भी तरह के मोबाईल फोन, सैल फोन, वायर लैस का उपयोग नहीं करेगा, न ही लेकर चलेगा। यह प्रतिबंध चुनाव ड्यूटी में लगे पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा।
जिला नागौर के सभी विधानसभा क्षेत्रों के लिए 30 अक्टूबर 2023 से 6 नवंबर 2023 तक नाम निर्देशन पत्र भरने वाला अभ्यर्थी रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय से 100 मीटर परिधि में तीन वाहन से अधिक वाहन अपने साथ नहीं ला सकेगा एवं वही वाहन उपयोग में लेगा, जिनकी स्वीकृति रिटर्निंग अधिकारी द्वारा जारी की गई हो।
मतदान के दिवस मतदाताओं को वाहनों से मतदान केन्द्रों तक ले जाने और वहां से वापस लाने पर पूर्णतः रोक रहेगी। कोई भी किसी भी मतदाता को मतदान प्रक्रिया में भाग लेने के उसके विधिक अधिकार के प्रयोग में किसी प्रकार से बाधा नहीं डालेगा।
उन्होने बताया कि यह आदेश 9 अक्टूबर 2023 से तुरन्त प्रभाव से आगामी आदेश तक प्रभावी रहेगा। उक्त निषेधाज्ञा की अवहेलना या उल्लंघन किये जाने पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत दण्डित करवाया जाएगा।
विधानसभा आम चुनाव-2023 पम्पलेट-पोस्टर पर मुद्रक-प्रकाशक का नाम-पता लिखना जरूरी
जिला कलक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ अमित यादव के निर्देशों की पालना मे विधानसभा आम चुनाव 2023 के दौरान निर्वाचक पैम्पलेट एवं पोस्टर इत्यादि के मुद्रण पर नियंत्रण के लिए आयोजित बैठक मे जिले में स्थित मुद्रक, मुद्रणालयों एवं समाचार पत्रों को दिशा-निर्देश जारी किए गये।
अतिरिक्त जिला कलक्टर राकेश कुमार गुप्ता ने बैठक मे बताया कि विधानसभा चुनाव से संबंधित प्रकाशित-मुद्रित कराए जाने वाले सभी प्रकार के निर्वाचन पैम्फलेट, पोस्टर जैसी अन्य सामग्री पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127-क के अनुसार उसके मुद्रक और प्रकाशक का नाम-पता स्पष्ट लिखना जरूरी होगा। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति किसी निर्वाचक पैम्पलेट या पोस्टर का मुद्रण तब तक नही करा सकेगा जब तक प्रकाशक के पहचान की घोषणा उसके द्वारा हस्ताक्षरित और दो व्यक्तियों द्वारा सत्यापित कर दो प्रतियों में मुद्रक को नही दे दी जाती है। मुद्रण से पूर्व प्रकाशक से घोषणा प्राप्त करनी होगी। मुद्रित सामग्री की चार प्रतियां, घोषणा पत्र, मुद्रित दस्तावेजों की प्रतियों की संख्या और कीमत से संबंधित सूचना जिला मजिस्ट्रेट को निर्धारित तिथि के भीतर प्रस्तुत करनी होगी। अतिरिक्त जिला कलक्टर ने बताया कि इन निर्देशों का किसी भी प्रकार से उल्लंघन करने पर कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाएगी। इसमें कारावास एवं जुर्माने या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। कारावास को छह माह तक या जुर्माने को दो हजार रुपए तक बढ़ाया जा सकता है। साथ ही मुद्रणालयों के अनुज्ञा पत्र को समाप्त करने की कार्यवाही भी शामिल है। उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार तथा निर्वाचन विभाग राजस्थान के आदेश के अनुसार यह सभी प्रावधान प्रिन्ट मीडिया-समाचार पत्रों में प्रकाशित होने वाले विज्ञापनों पर भी लागू होंगे।
बिना अनुमति मुख्यालय नही छोंडे अधिकारी – जिला मजिस्ट्रेट
जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ अमित यादव ने बताया कि विधानसभा आम चुनाव 2023 की आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारी बिना अनुमति के मुख्यालय नही छोंडे। उन्होने बैठक के माध्यम से समस्त आरओ, विकास अधिकारी, नगर परिषद आयुक्त सहित अन्य अधिकारियों को संबोधित करते हुए बताया कि आयोग के निर्देशानुसार आदर्श आचार संहिता की शत प्रतिशत पालना करना सुनिश्चित करें इसमे किसी भी प्रकार की लापरवाही नही बरते।