विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। एक प्लास्टर इंडस्ट्रीज के लिए 90 हजार में खरीदी गई ऑयल प्रेस मशीन गारंटी अवधि में 2 बार खराब हो गई। परिवादी मशीन ठीक करने या बदलकर नई देने या उसकी कीमत वापिस करने की गुहार करता रहा, मगर कंपनी ने सुनवाई नहीं की। थक हार कर जब परिवादी जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग के समक्ष पेश हुआ तो नोटिस तामिल होने के बावजूद संबंधित कंपनी की ओर से कोई प्रतिनिधि पेश नहीं हुआ। न्यायालय ने एक पक्षीय फैसला सुनाते हुए कंपनी को आदेश दिया कि वे या तो मशीन ठीक कर दें अन्यथा परिवादी के जमाशुदा 90 हजार रुपए मय ब्याज उसे वापिस करें।
यह था प्रकरण
निकटवर्ती भदवासी स्थित मेघा सांई प्लांस्टर इंडस्ट्रीज के प्रोपराइटर नागौर के नया दरवाजा निवासी मेघराज माली ने आयोग के समक्ष एक परिवाद पेश कर बताया कि उसने गुजरात के सूरत शहर की निलसन प्राइम इंडिया लिमिटेड से 90 हजार रुपए में एक ऑयल प्रेस मशीन खरीदी। जो वारंटी पीरियड में खराब हो गई। जब उसे वापिस कंपनी में दिखाया तो कंपनी ने इसे दुरुस्त किया और चार्ज भी वसूल लिया, मगर इसके बाद भी मशीन फिर खराब हो गई। परिवादी ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग से आग्रह किया कि उसे या तो मशीन चेंज कर दी जाएं या ठीक कर दी जाएं अन्यथा उसकी कीमत ब्याज सहित वापिस दिलाई जाए।
नोटिस के बावजूद नहीं आया अप्रार्थी तो सुनाया फैसला
इस प्रकरण में न्यायालय की ओर से अप्रार्थी निलसन प्राइम इंडिया लि. को नोटिस भेजा गया। नोटिस तामिल हो गया, उसके बावजूद उसका कोई प्रतिनिधि न तो उपस्थित हुआ और ना ही जवाब पेश किया। ऐसे में जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष नरसिंहदास व्यास, सदस्य बलवीर खुड़खुडिया व चन्द्रकला व्यास ने एकपक्षीय फैसला करते हुए कहा कि अप्रार्थी अब 2 माह में ऑयल प्रेस मशीन ठीक कर दें। साथ ही एक साल ही नए सिरे से वारंटी भी देवे। यदि 2 माह मे मशीन ठीक नहीं की जाती है तो परिवादी को उसके 90 हजार रुपए 21 जनवरी 2021 से 9 प्रतिशत ब्याज सहित अदा करें। न्यायालय ने अपने फैसले में परिवादी को हुई घोर मानसिक परेशानी देखते हुए 5 हजार रुपए मानसिक वेदना के और 5 हजार रुपए परिवाद शुल्क के भी अदा करने के आदेश दिए हैं।