अंगदान जीवनदान अभियान का आगाज : मुख्ममंत्री अशोक गहलोत ने किया राज्य स्तर से किया शुभारंभ, ऑनलाइन जुड़े जनप्रतिनिधि एवं जिला स्तरीय अधिकारीगण

मृत्यु उपरांत अपने पुत्र स्वर्गीय पीयूष के अंगदान करने वाले पिता को प्रशस्ति पत्र सौंपा

साडोकण के सामाजिक कार्यकर्ता गेनाराम सांगवा ने सौंपा देहदान का संकल्प पत्र

जिले के चिकित्सा संस्थानों व विद्यालयों में हुए कार्यक्रम, अंगदान की शपथ ली, शपथ पत्र भी भरे

स्कूली विद्यार्थियों के बीच वाद-विवाद प्रतियोगिताएं भी हुई आयोजित

विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। अंगदान जीवनदान अभियान का आगाज गुरूवार को अंगदान दिवस के अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व राज्य के चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने जयपुर से किया। इस कार्यक्रम में जिला एवं ब्लॉक स्तर के अधिकारी जहां वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए ऑनलाइन जुड़े वहीं राज्य का आमजन फेसबुक व यूटयृब लिंक के जरिए इस पुनीत अभियान से जुड़ते हुए सहभागी बना।

अंगदान दिवस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस वीडियो कांफ्रेसिंग वाले कार्यक्रम में जिला कलेक्टर डॉ अमित यादव कुचामन सिटी राजीव गांधी भारत निर्माण आईटी सेंटर से तथा जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रट कार्यालय परिसर स्थित आईटी सेंटर से पूर्व मंत्री हबीबुर्रहमान, जिला प्रमुख भागीरथ राम, नगर परिषद सभापति पायल गहलोत, अतिरिक्त जिला कलेक्टर रिछपाल सिंह बुरड़क, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ महेश वर्मा शामिल हुए।

इस कार्यक्रम के दौरान नागौर जिले के निवासी श्री राम गोपाल बंजारा, जिन्होंने अपने पुत्र स्वर्गीय पीयूष की मृत्यु उपरांत उनकी दोनों किडनी, लीवर व कॉर्निया जरूरतमंद मरीजों के लिए दान कर दिए थे , के प्रतिनिधि उरजा राम को आईटी सेंटर में मौजूद जनप्रतिनिधि एवं जिला स्तरीय अधिकारियों ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया।

इस दौरान साडोकण के सामाजिक कार्यकर्ता गेनाराम सांगवा ने देहदान का संकल्प पत्र आईटी सेंटर में मौजूद जनप्रतिनिधि व जिलाधिकारियों को सौंपा। इस दौरान जिला क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी डॉ. श्रवण राव, विकलांग विकास सेवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष पापा लाल सांखला, पुलिस विभाग उप निरीक्षक लक्ष्मी नारायण, सीएलजी सदस्य सैयद अली व मांगीलाल चौधरी सहित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के जिला स्तरीय अधिकारीगण भी मौजूद रहे। जिले में ब्लॉक स्तरीय अधिकारी अधिकारीगण इस आयोजन से ऑनलाइन जुड़े।

अभियान के पहले दिन राजकीय कार्यालयों, चिकित्सा संस्थानों, ग्राम पंचायतों तथा सरकारी विद्यालयों में अंगदान की शपथ ली गई।

नागौर जिला मुख्यालय स्थित स्वास्थ्य भवन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. महेश वर्मा ने जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुश्ताक अहमद की मौजूदगी में विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों, यहां मौजूद चिकित्साधिकारियों व कार्यालय स्टॉफ के अन्य सदस्यों को अंगदान दिवस पर अंगदान की शपथ दिलाई। पंडित जेएलएन राजकीय अस्पताल में नियंत्रक डॉ. अनिल पुरोहित ने चिकित्साधिकारियों को अंगदान की शपथ दिलाईं। वहीं अस्पताल के पैरामेडिकल स्टॉफ ने भी विश्व अंगदान दिवस पर अंगदान की शपथ ली और राज्य सरकार के इस अभियान का सफल बनाने का आह्वान किया। इसके अतिरिक्त जिले के समस्त खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालयों में खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, जिला एवं उप जिला अस्पतालों में प्रमुख चिकित्सा अधिकारियों तथा सामुदायिक एवं प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों में प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों ने स्टॉफ सदस्यों के साथ अंगदान की शपथ ली। जिले के निजी अस्पतालों में भी संचालक चिकित्सकों व स्टॉफ ने विश्व अंगदान दिवस मनायां। इसी प्रकार राजकीय उच्च प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्तर तक के सरकारी विद्यालयों में भी विश्व अंगदान दिवस पर गतिविधियां आयोजित की गई। सरकारी विद्यालयों में अंगदान दिवस पर कक्षा 8 से लेकर 12 वीं तक के विद्यार्थियो के बीच अंगदान विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं। इसके साथ-साथ प्रार्थना सभाओं में संस्था प्रधानों ने विद्यालय स्टॉफ सहित विद्यार्थियों के साथ अंगदान की शपथ ली। अभियान के पहले दिन जिले में विभिन्न जगह आयोजित हुए कार्यक्रमों में आमजन ने अंगदान को लेकर संकल्प पत्र भी भरे।

17 अगस्त तक चलेगा अभियान

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. महेश वर्मा ने बतया कि अंगदान जीवनदान अभियान अंगदान दिवस से शुरू होकर आगामी 17 अगस्त तक संचालित होगा, जिसके तहत राज्य स्तरीय गाइडलाइन के अनुसार विभिन्न तरह की जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इस अभियान के तहत आमजन को अंगदान के लिए प्रेरित करते हुए उनसे संकल्प पत्र भी भरवाए जाएंगे। अभियान के पहले दिन भी जिले में विभिन्न जगह आयोजित हुए कार्यक्रमों में आमजन से अंगदान को लेकर संकल्प पत्र भरे। एक पखवाड़े तक चलने वाले इस अंगदान जीवनदान अभियान में शहर से गांव-ढाणी तक जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।
पूरे पखवाड़े में विभिन्न स्तरों पर जन जागरूकता गतिविधियां आयोजित कर आमजन को अंगदान के लाभ व आवश्यकता से रूबरू कराते हुए अंगदान के लिए प्रेरित किया जाएगा। विद्यालय, कॉलेज विद्यार्थियों को अंगदान की शपथ दिलवाई जाएगी, फिर ग्राम, ब्लाक तहसील व जिला स्तर पर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित होगी। विजेताओं को 15 अगस्त को सम्मानित किया जाएगा। अभियान के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं, रोटरी क्लब, ब्रह्माकुमारीज व अन्य सिविल सोसाइटी संस्थाओं की मदद ली जाएगी।

ऑर्गन डोनेशन महत्वपूर्ण तथ्य

’हार्ट अटैक से मृत्यु होने पर केवल कुछ अंग या ऊतक ही डोनेट किये जा सकते है जैसे कि कॉर्निया, हड्डी, त्वचा और रक्तवाहिकाएं।
’ब्रेन स्टेम मृत्यु के बाद लगभग 37 विभिन्न अंग और ऊतक दान किए जा सकते हैं, जैसे कि किडनी, हृदय, लिवर और फेफड़े।
’मृत व्यक्तियों से अंगदान करने की स्थिति भारत में अभी भी बहुत कमजोर है। भारत में केवल लिविंग ऑर्गन डोनर्स के द्वारा अंगदान से आवश्यकता की पूर्ति नहीं की जा सकती है इसलिए मृत व्यक्तियों के ऑर्गन डोनेशन को प्रोत्साहित करना अतिआवश्यक है।

ट्रांसप्लांटेशन ऑफ़ ह्यूमन ऑर्गन्स एक्ट 1994

ट्रांसप्लांटेशन ऑफ़ ह्यूमन ऑर्गन्स एक्ट 1994 के अंतर्गत मानव अंगो के उपचारात्मक प्रयोजन तथा मानव अंगो के व्यवसायिक व्यवहार की रोकथाम के लिए नियम निर्धारित किए गए है। इस अधिनियम के अनुसार, ऑर्गन के स्रोतः
’निकट रिश्तेदार दाता (मां, पिता, बेटा, बेटी, भाई, बहन, पति या पत्नी)
’मृत दाता, विशेष रूप से ब्रेन स्टेम डेथ के बाद जैसे कि सड़क दुर्घटना आदि के पीड़ित जहां ब्रेन स्टेम मृत हो चुका है और व्यक्ति अपने आप श्वास नहीं ले सकता है, लेकिन वेंटीलेटर/ऑक्सीजन सपोर्ट पर है, के हार्ट एवं अन्य ऑर्गन काम कर रहे है।
’निकट रिश्तेदार के अलावा ऐसा डोनर जो केवल प्रेम और संलग्नता के आधार पर दान कर सकता है या किसी अन्य विशेष ’कारण से जिसके लिए ऑथ़राइज़्‌ कमेटी की स्वीकृति आवश्यक है।

’कार्डिएक मृत्यु के बाद के मृत डोनर।

राष्ट्रीय अंग ट्रांसप्लांट प्रोग्राम के उद्देश्य
’अंग और ऊतक उपलब्ध कराने और प्रत्यारोपण के लिए एक संगठित प्रणाली स्थापित करना।
’मृत दाता से अंग और ऊतक दान के लिए निकट परिजनों को प्रेरित करना।
’अंग प्रत्यारोपण के लिए मानव संसाधनों का प्रशिक्षण।
’अंग व्यापार से गरीब व्यक्तियों की सुरक्षा करना।
’अंग और ऊतक ट्रांसप्लांट सेवाओं का मॉनिटरिंग करना और योजना में जरूरत पड़ने पर नीति और कार्यक्रम में सुधार करना।