विनय एक्सप्रेस समाचार,नागौर। आगामी मानसून के दौरान अतिवृष्टि एवं बाढ़ बचाव राहत कार्यो की पूर्व तैयारी हेतु शुक्रवार को कलक्ट्रेट सभागार में अतिरिक्त जिला कलक्टर मनोज कुमार की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। जिसमें एडीएम मनोज कुमार ने नागौर, मेड़ता व कुचामन जल संसाधन विभाग के अधिशाषी अभियंता को 15 जून से बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित कर बाढ़ या अतिवृष्टि की संभावना में प्रत्येक तहसील के संकटग्रस्त एवं संवेदनशील क्षेत्रों का आपदा से सामना करने के लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। एडीएम ने निर्देश देते हुए कहा कि जिले में जलभराव व बाढ़ की संभावना को ध्यान में रखते हुए वायरलैस सेटो को कार्यशील रखें तथा नावों, रक्षा पेटियों, रस्सों, मसाल व टाॅर्चो की व्यवस्था की जाएं तथा गैर सरकारी संगठनों की पहचान कर उनके पास उपलब्ध संसाधन व सामग्री का सुनिश्चितिकरण कर आपदा की स्थिति में उनका उपयोग करने की व्यवस्था करें। जिले में नहरों एवं तालाबों पर लगातार भ्रमण कर आने वाले संकट के विषय में अग्रिम चेतावनी देने का कार्य सुनिश्चित किया जाएं। संभावित संकट की सूचनाएं तत्काल जिला स्तरीय व राज्य स्तरीय आपदा नियंत्रण कक्ष व सभी संबंधित विभागो को नियमित रुप से भिजवाया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने संबंधित मुख्यालय पर हर समय जिम्मेदार अधिकारी की उपस्थिति देने के निर्देश दिए।
इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर ने सिंचाई विभाग को जिले में सभी बड़े बांधो को समय समय पर पैट्रोलिंग करवाकर अग्रिम चेतावनी देते रहने के निर्देश दिए। इसके लिए तहसीलदार भी पटवारियों से उक्त बांधो की चैकसी करवाएंगे। उन्होंने बताया कि जिले के अच्छे तैराक व गोताखोंरो की सूची तैयार की जाएं और जिला तैराक संघ से भी बाढ़ के समय सहयोग लिया जाएं। ताकि आवश्यकता होने पर उनकी सेवाएं ली जा सके। उन्होंने सिंचाई विभाग को बाढ़ बचाव से संबंधित कन्टीजेन्सी प्लान बनाकर सात दिवस में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता को अपने कार्यालय में 15 जून से नियंत्रण कक्ष स्थापित करने, जिला रसद अधिकारी को अतिवृष्टि एवं बाढ़ के समय पर्याप्त मात्रा में जनमानस को खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाने की व्यवस्था सुनिश्चित करवाने, नगरपरिषद व नगरपालिकाओं द्वारा शहर में सड़को की मरम्मत व नालों की सफाई व्यवस्था करवाने, जल निकासी हेतु पम्पसेट की व्यवस्था करने, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को वर्षा, अतिवृष्टि एवं बाढ़ की स्थिति में बीमारी का प्रकोप होने की संभावना से निपटने के लिए जिले के सभी रेफरल अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, उप स्वास्थ्य केन्द्रो एवं पोस्ट केन्द्रो पर पर्याप्त मात्रा में जीवन रक्षक दवाईयां उपलब्ध करवाने की व्यवस्था करने, भारत संचार विभाग को जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष के टोल फ्री नंबर 1077 को हर समय चालू अवस्था में रखने, डाक व तार विभाग को बाढ़ की स्थिति में टेलीग्राम व पोस्टल व्यवस्था सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही पुलिस विभाग को होमगार्ड व आरएसी की प्रशिक्षित टीम तैयार रखने, विद्युत निगम को क्षतिग्रस्त पावर लाइनों से तुरंत विद्युत संबंध विच्छेद करने, जमीन पर रखे ट्रांसफाॅर्मर व ढीले तारों को सही करने, पशुपालन विभाग को अतिवृष्टि के समय पशुओं में फैलने वाली बीमारियों के इलाज के लिए पर्याप्त दवाईयों की व्यवस्था सुनिश्चित करवाने, गौशालाओं की व्यवस्था देखने, सार्वजनिक निर्माण विभाग को जर्जर सार्वजनिक भवनों को चिन्हित कर उनकी मरम्मत करवाने सहित शिक्षा विभाग, राजस्व विभाग व नागरिक सुरक्षा विभाग को मानसून से उत्पन्न होने वाली संकट की स्थिति से निपटने के लिए अग्रिम तैयारियां करने के निर्देश दिए। इसके लिए प्रत्येक उपखण्ड स्तर पर वाट्सअप ग्रुप बनाकर समस्त सूचना प्रेषित करने के निर्देश दिए गए।