विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। जल जीवन मिशन के तहत हर घर को नल द्वारा शुद्व पेयजल उपलब्ध करवाना विभाग की पहली प्राथमिकता है। इसके लिए सहभागी ग्रामीण मूल्यांकन यानि पीआरए ऐसी कारगर गतिविधि है, जिसके माध्यम से जल जीवन मिशन की सफलता में लोगों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित होती है। पीआरए के माध्यम से लोगों को मिशन के बारे में जानकारी दी व ली जा सकती है। इसका प्रयोग ग्रामीणों के साथ संवाद करने के लिए किया जाता है। यह बात जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता एवं जल जीवन मिशन के सदस्य सचिव जगदीशचंद्र व्यास ने गुरुवार को जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक के दौरान कही। इस दौरान उन्होंने कहा कि ग्रामीण जल आपूर्ति में योजना, कार्यान्वयन और प्रचालन व रखरखाव चरण में समुदाय को शामिल करने के लिए पीआरए का प्रयोग किया जाता है तथा स्थानीय समुदाय को सशक्त बनाने पर जोर देते हुए गांव की समस्याओं व क्षमताओं का आकलन करने में पीआरए गतिविधि की सक्रिय भूमिका होती है।
अधीक्षण अभियंता ने बताया कि कार्यान्वयन सहायता एजेंसी व ग्रामीणों के सहयोग से सामुदायिक नक्शा, सामुदायिक चर्चा आदि का प्रयोग किया जाता है व सहभागी ग्रामीण मूल्यांकन के अंतर्गत समुदाय के बीच चर्चा, निर्णय व परिणाम को साझा करने की गतिविधि संचालित की जाती है। जिसके तहत जिले में अब तक 1589 गांवो में से 1586 गांवों में पीआरए गतिविधियां आयोजित की जा चुकी है। समीक्षा बैठक के दौरान अधिशाषी अभियंता सम्पत जीनगर, निरंजनसिंह आढा, जिला आईईसी सलाहकार मोहम्मद शरीफ छींपा, दीपेंद्रसिंह सफेड़, अशोक बोड़ा, श्रीराम प्रजापत, डॉ. तेजवीर चौधरी, रामदेव बेरा व कमलेश प्रजापत आदि मौजूद रहे।