जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग का : निर्णय कृषक मृत्यु बीमा क्लेम की राशि नहीं देने पर हर्जाना

सर्प-दंश से मृत्यु के मामले में पोस्टमार्टम आवश्यक नहीं

विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग ने प्रधानमंत्री कृषक सुरक्षा योजना के अंतर्गत मृत्यु बीमा क्लेम नाजायज रूप से खारिज करने पर बीमा कंपनी पर हर्जाना लगाया है। मामले के अनुसार रूपासर इनाणा (मूंडवा) निवासी जगराम ने नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के विरुद्ध आयोग में परिवाद प्रस्तुत कर बताया कि उसकी पत्नी जिमनाई द्वारा यूनाइटेड बैंक में बचत खाता खोलने पर बैंक द्वारा प्रीमियम राशि की कटौती कर प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना के अंतर्गत उसका बीमा करवाया गया था । जिमनाई की मार्च, २०१६ में कृषि कार्य के दौरान सांप काटने से मृत्यु होने के बावजूद बीमा कंपनी ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बिना क्लेम के भुगतान से मना कर दिया गया है।
आयोग के अध्यक्ष डॉ श्याम सुन्दर लाटा, सदस्य बलवीर खुडखुडिया व चंद्रकला व्यास की न्यायपीठ ने अपने निर्णय में कहा कि सर्पदंश के मामलों में पोस्टमार्टम करवाया जाना आवश्यक नहीं है बल्कि इलाज करने वाले चिकित्सक द्वारा दिया गया प्रमाणपत्र ही मृत्यु साबित करने के लिए पर्याप्त है। आयोग ने विपक्षी बीमा कंपनी की सेवाओं में त्रुटि मानते हुए मृत्यु बीमा की राशि भुगतान करने के साथ परिवादी को शारीरिक व मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति राशि दस हजार व परिवाद व्यय पांच हजार रुपए अदा करने का भी बीमा कंपनी को आदेश दिया है।