मनुष्य साधन का नहीं वास्तव प्रेम का भूखा : साध्वी डॉ.बिंदुप्रभा

आचार्य शुभचंद्र महाराज का स्मृति दिवस मंगलवार को

विनय एक्सप्रेस समाचार,नागौर। जयमल जैन पौषधशाला में सोमवार को पर्युषण पर्व के तीसरे दिन साध्वी डॉ.बिंदुप्रभा ने प्रवचन में कहा कि आगम में वर्णित महापुरुषों के जीवन चरित्र से सभी को जीवन जीने की कला मिलती है। अंतगड सूत्र में ऐसे साधकों का वर्णन है, जिन्होंने सब कुछ प्राप्त होते हुए भी उनका त्याग कर संयम का मार्ग अपनाया। और संयम के बल पर अपना चरम एवं परम लक्ष्य अर्थात मोक्ष पाया। साध्वी ने कहा कि पर्युषण का तीसरा दिवस ज्ञान, दर्शन एवं चरित्र रूपी रत्नत्रय की आराधना की प्रेरणा देता है। जो रत्नत्रय की आराधना करता है, उसका मोक्ष का मार्ग प्रशस्त हो जाता है। साध्वी ने अंतगड सूत्र के तीसरे वर्ग के अंतर्गत श्री कृष्ण के सहोदर छह भाइयों का वर्णन किया। श्री कृष्ण जब अपनी माता देवकी को वंदन करने के लिए पहुंचते हैं, तो माँ की इच्छा पूर्ति करने के लिए प्रयत्नशील रहते हैं।

वास्तव में माता-पिता की इच्छाओं के अनुरूप आवश्यकताओं की पूर्ति करना हर पुत्र का कर्तव्य बनता है। माता-पिता के उपकारों को चुकाने के लिए जब उन्हें वृद्धावस्था में सेवा की जरूरत होती है, उस समय पुत्र को किंकर्तव्यविमूढ़ नहीं बनना चाहिए। अपने सभी कार्यों को गोण करते हुए माता-पिता की सेवा करना प्रथम एवं मुख्य कार्य होता है। वृद्धावस्था में अकेलापन अखरने के कारण पुत्रों को माता-पिता का दुख दर्द जानने में समय देना चाहिए। मनुष्य साधन का नहीं वास्तव प्रेम का भूखा होता है। माता-पिता की शिक्षाओं को ठुकराने वाला दर-दर की ठोकरें खाता है। जो माता-पिता की जीते जी सेवा नहीं करता, मरने के बाद उनके नाम पर चाहे कुछ भी किया जाए फलदाई नहीं होता। माता-पिता को नमस्कार करने से पुण्य बढ़ता है। हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। पुत्र चाहे कितना भी बड़ा हो जाए माता-पिता के सामने छोटा ही रहता है। संचालन संजय पींचा ने किया। प्रवचन और चौपाई की प्रभावना तथा प्रश्नोत्तरी विजेताओं को पुरस्कृत करने के लाभार्थी मोतीलाल, मनोज, जितेंद्र ललवानी परिवार रहें।

पांचीदेवी ललवानी ने 4 उपवास एवं तोषिना ललवानी ने तेले तप के प्रत्याख्यान साध्वी वृंद के मुखारविंद से ग्रहण किए। प्रवचन प्रश्नों के उत्तर जयेश पींचा, ललित सुराणा, भीखमचंद ललवानी, संगीता चौरड़िया, मंजू ललवानी एवं जागृति चौरड़िया ने दिए। आगंतुकों के भोजन का लाभ नरपतचंद, भरत चौरड़िया परिवार ने लिया। संघ मंत्री हरकचंद ललवानी ने बताया कि मंगलवार को आचार्य सम्राट शुभचंद्र महाराज का स्मृति-दिवस तप-त्याग पूर्वक मनाया जाएगा। इस मौके पर प्रकाशचंद बोहरा, कमलचंद ललवानी, मोहनलाल बैद, पार्षद दीपक सैनी सहित सैंकड़ो श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे।