विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य के पंचायती राज संस्थाओं के उपचुनाव कार्यक्रमों की घोषणा कर मतदान की तिथि पंच एवं सरपंच के लिए 7 मई तथा जिला परिषद एवं पंचायत समिति के लिए 10 मई निश्चित की गई है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 135 (ख)के अनुसार मतदान के दिन किसी कारोबार,व्यवसाय,औद्योगिक उपक्रम या किसी अन्य स्थापन में नियोजित प्रत्येक व्यक्ति को जो लोकसभा विधानसभा के लिए निर्वाचन में मतदान करने का हकदार है को मतदान के दिन सवैतनिक अवकाश मंजूर किया जावेगा। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 135 (ख) के प्रावधान राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 22 के अनुसार पंचायती राज संस्थानों के चुनावों के सम्बन्ध में भी लागू होते हैं।
सहायक श्रम आयुक्त ने बताया कि किसी कारोबार,व्यवसाय,औद्योगिक उपक्रम अथवा अन्य किसी स्थापन में नियोजित प्रत्येक व्यक्ति को जो लोकसभा या किसी राज्य की विधान सभा के लिए निर्वाचन में मतदान करने का हकदार है को मतदान के दिन अवकाश मंजूर किया जावेगा। वहीं उपधारा (1) के अनुसार अवकाश मंजूर किये जाने के कारण किसी ऐसे व्यक्ति की मजदूरी से कोई कटौती या उसमें कोई कमी नहीं की जाएगी और यदि ऐसा व्यक्ति इस आधार पर नियोजित किया गया है कि उसे सामान्यतया किसी ऐसे दिन के लिए मजदूरी प्राप्त नहीं होगी तो इस बात के होते हुए भी उसे ऐसे दिन के लिए वह मजदूरी संदत्त की जाएगी जो उस दिन उसे अवकाश मंजूर न किये जाने की दशा में दी गई होती। उन्होंने बताया कि यदि कोई नियोजन उपधारा 1 या उपधारा 2 के उपबंधो का उल्लंघन करेगा तो ऐसा नियोजन जुर्माने जो 500 तक का हो सकेगा दण्डनीय होगा। वहीं उन्होंने बताया कि यह धारा किसी ऐसे निर्वाचक को लागू नहीं होगी जिसकी अनुपस्थिति से उस नियोजन के सम्बन्ध में जिसमें वह लगा हुआ है कोई खतरा या सारवान हानि हो सकती है।
सहायक श्रम आयुक्त ने बताया कि राज्य सरकार ने सम्बन्धित पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचन क्षेत्रों में स्थित औद्योगिक वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के नियोजकों को उनके क्षेत्र में मतदान दिवस 7 मई एवं 10 मई के लिए उनके संस्थान में कार्यरत सभी कामगारों को जिनमें आकस्मिक कामगार भी सम्मिलित है,सवैतनिक अवकाश प्रदान करने के लिए विर्निदिष्ट किया है ताकि उनके द्वारा मतदान के अधिकार का स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।