विनय एक्सप्रेस समाचार नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज लेग स्पिनर शेन वॉर्न का निधन हो गया। फॉक्स स्पोर्ट्स न्यूज के मुताबिक, उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई है। 52 साल के वॉर्न टेस्ट क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया की ओर से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। उन्होंने इस फॉर्मेट में 145 टेस्ट मैच में 708 विकेट लिए हैं। वनडे में उन्होंने 293 विकेट लिए।
वॉर्न के नाम श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन के बाद सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड है। उन्होंने 1992 से 2007 तक 145 टेस्ट मैच खेले थे, जिसमें उन्होंने 25.41 की गेंदबाज़ी औसत से 708 विकेट लिये। मुरलीधरन ने टेस्ट में 800 विकेट लिए थे। 1993 से 2005 तक उन्होंने 194 वनडे में 293 विकेट लिये। 1999 क्रिकेट विश्व कप की विजेता ऑस्ट्रेलियाई टीम में उनका अहम योगदान था।
भारत के खिलाफ 1992 में किया था डेब्यू
शेन वॉर्न ने भारत के खिलाफ 1992 में सिडनी टेस्ट से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच जनवरी 2007 में इंग्लैंड के खिलाफ सिडनी में ही 2007 में खेला था।
शेन वॉर्न ने 4 जून, 1993 में इंग्लैंड के खिलाफ यह गेंद फेंकी थी, जो क्रिकेट इतिहास की सबसे खतरनाक गेंद में शुमार होती है। पहले टेस्ट के दूसरे दिन जब उन्हें गेंद सौंपी गई तो उनके सामने दिग्गज बल्लेबाज माइक गेटिंग थे। गेटिंग 4 रन बनाकर क्रीज पर थे। वॉर्न की पहली गेंद लेग स्टंप के काफी बाहर पिच हुई और ऐसा लग रहा था कि गेंद वाइड हो सकती है। इसी के चलते गेटिंग ने उसे खेलने का प्रयास नहीं किया। इस बीच, जबरदस्त तेजी से टर्न हुई गेंद गेटिंग को चकमा देते हुए उनके ऑफ स्टंप पर जा लगी, जिसे देखकर सभी हैरान हो गए।
एक हजार विकेट किए पूरे
ऑस्ट्रेलिया के इस महान गेंदबाज ने साल 2007 में क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। शेन वॉर्न विश्व के ऐसे दूसरे गेंदबाज हैं, जिसने टेस्ट और वनडे मैचों को मिलाकर 1000 विकेटों के आंकड़े को छुआ है। इस सूची में पहला नंबर मुथैया मुरलीधरन का है। वॉर्न के नाम टेस्ट में 708 लेने का रिकॉर्ड है, वहीं वनडे में उन्होंने 293 विकेट झटके थे।
सचिन आए थे सपने में
वॉर्न ने अपनी गेंदों से दुनिया के लगभग हर बल्लेबाज को खासा परेशान किया था, लेकिन भारत के सचिन तेंदुलकर ने 1998 में शरजाह में उनकी गेंदों की ऐसी पिटाई की थी कि सचिन उनके सपने में नजर आने लगे थे। यह बात उन्होंने खुद बताई थी। उन्होंने कहा था कि ऐसा लगता है कि वह (सचिन) उनके सपने में भी छक्के लगा रहे हैं। शरजाह में खेले गए कोका कोला कप में सचिन के शानदार खेल से भारत ने ट्राई सीरीज जीती थी। इसमें भारत-ऑस्ट्रेलिया के अलावा न्यूजीलैंड की टीम भी थी। फाइनल में सचिन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 134 रन की पारी खेली थी।
शास्त्री को बनाया अपना पहला शिकार
शेन वार्न ने जितना अपने खेल से दुनिया को प्रभावित किया है उतना ही उनके विवादों ने उन्हें क्रिकेट जगत में निराश किया है।1998 में वार्न पर बुकी को जानकारी देने के लिए जुर्माना लगाया था और 2003 के वर्ल्ड कप से कुछ दिन पहले वो प्रतिबंधित पदार्थों के सेवन का दोषी पाए जाने पर एक साल के बैन के साथ क्रिकेट से दूर हुए थे। जाने-अनजाने में डोपिंग का शिकार हुए वार्न ने इन वजहों से बहुत कुछ झेला है। कलाई के जादूगार कहे जाने वाले शेन वॉर्न ने करियर की शुरुआत 1992 में सिडनी टेस्ट मैच में भारत के खिलाफ की थी, जबकि वनडे क्रिकेट में पदार्पण 1993 में न्यूजीलैंड के खिलाफ किया था। शेन वॉर्न ने टेस्ट क्रिकेट में भारत के रवि शास्त्री को अपना अपना पहला शिकार बनाया था।
3 देशों के खिलाफ कर चुके हैं यह कारनामा
वह अकेले ऐसे गेंदबाज हैं, जिसने किसी एक देश के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में 100 या 100 से ज्यादा विकेट चटकाए हैं। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 195, न्यूजीलैंड के खिलाफ 103 और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 130 विकेट चटकाए थे।