प्रसूति, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रीती राजपुरोहित ने गंभीर डेंगू रोग से पीडीत प्रसूता का कराया सफल प्रसव : जाने गर्भवती महिलाएं कैसे रखें डेंगू बीमारी में अपने स्वास्थ्य का ख्याल

विनय एक्सप्रेस स्वास्थ्य समाचार, बीकानेर। मानसून के बाद कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। डेंगू ऐसी ही एक गंभीर बीमारी है जो इस वर्ष काफी अधिक फैल रही है। ऐसे ही एक बेहद गंभीर एवं जटिल केस का सफल उपचार बीकानेर की प्रतिष्ठित प्रसूति,स्त्री रोग, फीटल मेडिसिन एवं इनफर्टिलिटी विशेषज्ञ, लप्रोस्कोपिक एवं कैंसर सर्जन  डॉ. प्रीती राजपुरोहित ने पीबीएम अस्पताल के सामने स्थित श्रीराम वुमन एवं चाइल्ड हॉस्पिटल में किया।

डॉ. प्रीती राजपुरोहित : प्रसूति,स्त्री रोग, फीटल मेडिसिन एवं इनफर्टिलिटी विशेषज्ञ, लप्रोस्कोपिक एवं कैंसर सर्जन 

डॉ. प्रीती ने बताया कि एक 32 वर्षीया महिला गर्भावस्था के नौवें महीने में डेंगू से पीड़ित गंभीर अवस्था में चिकित्सालय आयीं। महिला बीकानेर के  कई अस्पतालों में गयी थी परंतु महिला की गंभीर अवस्था को देखते हुए इलाज़ नहीं हो पाया था। समय बीतने के साथ महिला की स्थिति और गंभीर होती जा रही थी जिससे जच्चा और बच्चा दोनों को जोखिम बढ़ता जा रहा था।

महिला में प्लेटलेट्स 4 लाख से गिरकर 20 हज़ार से कम रह गए थे। गर्भ के अंदर पानी स्तर 8 के बजाय निम्नतम स्तर से भी कम 2 पर आ गया था, जिससे बेहद अधिक जटिलता उत्पन्न हो गयी थी।

गर्भ के अंदर बेहद कम पानी होने से बच्चे को खतरा था और गंभीर डेंगू अवस्था एवं बेहद कम प्लेटलेट्स के कारण ऑपरेशन करने में महिला को अत्यधिक जोखिम था।

हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के बारे में जानकारी देते हुए राजपुरोहित ने बाताया कि डेंगू संक्रमित गर्भवती महिला का उपचार बेहद चुनौतीपूर्ण होता है। केस की जटिलता को समझते हुए गर्भवती महिला की विस्तृत जांच और चिकित्सा प्रबंधन किया गया एवं सभी सावधानियों के साथ सामान्य प्रसव कराया गया।

नोर्मल डीलवरी करवाने के बात डॉ. प्रीती राजपुरोहित ने माँ और बच्चे दोनों के पूर्ण स्वस्थ रहने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए परिजनों को के समक्ष उनके अच्छे स्वास्थ्य की सदैव कामना की।

जाने गर्भवती महिलाएं कैसे रखें डेंगू बीमारी में अपने स्वास्थ्य का ख्याल

डेंगू मच्छरों से होने वाली एक बेहद गंभीर बीमारी है जिसमें तेज बुखार, त्वचा पर दाने, मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द होता है। पेट में गंभीर दर्द, लगातार उल्टी आना, मूत्र-मल या उल्टी से खून आना जैसे लक्षण डेंगू की गंभीर स्थिति के संकेत हो सकते हैं।

डेंगू होने पर रोगी को अधिक मात्रा में तरल पदार्थ लेने की सलाह दी जाती है। लक्षणों के आधार पर दवाईयां दी जाती हैं। कुछ रोगियों के रक्त में प्लेटलेट्स की मात्रा कम हो जाती है, जिसके लिए विशिष्ट उपचार की आवश्यकता हो सकती है।

इम्युनिटी यानी बीमारियों से लड़ने की शरीर की क्षमता अच्छी हो तो कोई भी बीमारी आसानी से गंभीर अवस्था में नहीं पहुँचती। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए अच्छा खान पान रखें। मौसमी फल, हरी सब्जियां, दाल, दूध-दही आदि खूब लें।

डेंगू से सुरक्षित रहने के लिए बचाव सबसे बेहतर उपाय है। मच्छरों से बचने का प्रयास करे, डेंगू के मच्छर दिन के समय में अधिक काटते हैं। पूरी आस्तीन वाले कपड़ें पहनें।

 

डेंगू के मच्छर आम तौर पर स्थिर और साफ पानी में प्रजनन करते हैं,इसलिए मच्छरों को बढ़ने से रोकने के लिए अपने घर ऑफिस के आस पास पानी एकत्रित न होने दें।

गर्भवती महिलाओं को आम लोगों की अपेक्षा डेंगू संक्रमण से अधिक खतरा होता है। गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है जिसके कारण डेंगू संक्रमण से महिला स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट आ सकती है। ऐसे में जरूरी है कि गर्भवती महिलाएं डेंगू से बचाव में अधिक सावधानी बरतें।