बारां में प्रवर्तन निरीक्षक रसद विभाग एवं उसका दलाल 5 हजार रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

आवास एवं अन्य ठिकानों पर तलाशी जारी

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। ए.सी.बी. मुख्यालय के निर्देश पर बारां इकाई द्वारा आज कार्यवाही करते हुये मोतीराम जाट प्रवर्तन निरीक्षक कार्यालय जिला रसद अधिकारी, बारां को उसके दलाल सत्यनारायण शर्मा (प्राईवेट व्यक्ति) के माध्यम से परिवादी से 5 हजार रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।


भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक श्री भगवान लाल सोनी ने बताया कि
ए.सी.बी. की बारां इकाई को परिवादी द्वारा शिकायत दी गई कि उसकी राशन की दूकान पर निरीक्षण कर परेशान नहीं करने की एवज में मोतीराम जाट प्रवर्तन निरीक्षक कार्यालय जिला रसद अधिकारी, बारां द्वारा 20 हजार रूपये रिश्वत राशि मांग कर परेशान किया जा रहा है।

जिस पर एसीबी, कोटा के पुलिस अधीक्षक श्री आलोक श्रीवास्तव के सुपरवीजन
में एसीबी बारां इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री गोपाल सिंह कानावत के निर्देशन में शिकायत का सत्यापन किया जाकर आज उप अधीक्षक पुलिस श्री अनीस अहमद एवं उनकी टीम द्वारा आज ट्रेप कार्यवाही करते हुए दलाल सत्यनारायण शर्मा पुत्र श्री मोहनलाल शर्मा निवासी प्रतापनगर, मारूति शोरूम के सामने, वार्ड नं. 8 छबड़ा, जिला बारां (प्राईवेट व्यक्ति) को परिवादी से 5 हजार रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। प्रकरण में आरोपी मोतीराम जाट पुत्र श्री बरदू हाल प्रवर्तन निरीक्षक कार्यालय जिला रसद अधिकारी, बारां को भी गिरफ्तार किया गया है। उल्लेखनीय है कि आरोपी प्रवर्तन निरीक्षक द्वारा शिकायत करने से पूर्व ही परिवादी से 10 हजार रुपये रिश्वत के रूप में वसूल कर लिये थे।


एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस श्री दिनेश एम.एन. के निर्देशन में
आरोपी के निवास एवं अन्य ठिकानों की तलाशी जारी है। एसीबी द्वारा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जायेगा।


एसीबी महानिदेशक, श्री भगवान लाल सोनी ने समस्त प्रदेशवासियों से अपील
की है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टोल-फ्री हैल्पलाईन नं. 1064 एवं व्हाट्सएप हैल्पलाईन नं. 94135-02834 पर 24*7 सम्पर्क कर भ्रष्टाचार के विरूद्ध अभियान में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। एसीबी आपके वैध कार्य को करवाने में पूरी मदद करेगी। विदित रहे कि एसीबी राजस्थान राज्य में राज्य कर्मियों के साथ-साथ केन्द्र सरकार के कार्मिकों के विरूद्ध भी कार्यवाही करने को अधिकृत है।