कांग्रेस को एक और बड़ा झटका : कोषाध्यक्ष रहे सीताराम अग्रवाल भाजपा में शामिल

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। राजस्थान में लोकसभा चुनाव की हलचलों के बीच नेताओं के दल-बदल की बयार सी आई हुई है। चुनाव से ऐन पहले तक लगभग हर दिन नेता एक पार्टी छोड़ दूसरी पार्टी का दामन थाम रहे हैं। सबसे ज़्यादा दल-बदल कांग्रेस और भाजपा कुनबे में हो रहा है। जूनियर से लेकर सीनियर नेता तक अपनी पार्टी की कार्यशैली से नाराज़गी जताकर विरोधी खेमे में जा पहुंच रहे हैं।

अब कांग्रेस के ‘खजांची’ पहुंचे भाजपा:

राजस्थान कांग्रेस को बुधवार को तब एक और बड़ा झटका लगा जब पार्टी के ‘खजांची’ ही प्रतिद्वंदी पार्टी भाजपा में शामिल हो गए। लंबे वक्त तक प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रहे सीताराम अग्रवाल ने जयपुर स्थित प्रदेश भाजपा मुख्यालय पहुंचकर प्राथमिक सदस्यता ले ली। भाजपा के ओंकार सिंह लखावत, उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी, नारायण पंचारिया, श्रवण सिंह बगड़ी समेत कई वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में अग्रवाल का स्वागत किया गया और केसरिया दुपट्टा पहनाकर उन्हें पार्टी में शामिल करने की औपचारिकताएं पूरी की गईं।

तलाशना होगा नया कोषाध्यक्ष:

भाजपा ज्वाइन करने से पहले सीताराम अग्रवाल ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को अपना इस्तीफा सौंपा, जिसमें उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता के साथ ही अन्य सभी पदों से सेवा मुक्त करने की बात लिखी। इधर मौजूदा कोषाध्यक्ष रहे सीताराम अग्रवाल के इस्तीफा देने के बाद अब ये महत्वपूर्ण पद अचानक से खाली हो गया है। अब पार्टी के खातों को कौन संभालेगा, ये नया कोषाध्यक्ष नियुक्त होने के बाद ही साफ़ हो सकेगा। तब तक संभवतः इस पद की अतिरिक्त ज़िम्मेदारी प्रदेशाध्यक्ष के पास ही रहेगी।

जिसने हराया, उसी ने करवाई जॉइनिंग:

कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए सीताराम अग्रवाल की जॉइनिंग के दौरान एक दिलचस्प तस्वीर भी नज़र आई। दरअसल, सदस्यता ग्रहण कार्यक्रम में अग्रवाल को डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने केसरिया दुपट्टा पहनाकर जॉइनिंग करवाई। दिया कुमारी और सीताराम अग्रवाल इससे पहले चुनावी मैदान में आमने-सामने हो चुके हैं।विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान जयपुर की विद्याधर नगर विधानसभा सीट से प्रतिद्वंदी रहे इन दोनों नेताओं के बीच मुकाबले में दिया कुमारी ने सीताराम अग्रवाल को 71 हज़ार से भी ज़्यादा मतों के भारी अंतर से शिकस्त दी थी।

भाजपा की दिया कुमारी को जहां 1 लाख 58 हज़ार 516 वोट हासिल हुए थे, वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंदी रहे कांग्रेस के सीताराम अग्रवाल को 87 हज़ार 148 वोटों से ही संतोष करना पड़ा था। अग्रवाल इससे पूर्व का एक और विधानसभा चुनाव भी हार चुके हैं