एमआईटीएस जाडन में संपन्न हुआ भगवान महावीर फाउंडेशन का 25वां महावीर पुरस्कार समारोह : राज्यपाल द्वारा 25वें महावीर पुरस्कार समारोह की स्मरिका का भी हुआ विमोचन

अहिंसा और शाकाहार, शिक्षा, चिकित्सा, समुदाय और सामाजिक सेंवा की श्रेणियों में उत्कृष्ट एवं उल्लेखनीय कार्य करने वाली 4 संस्थाओ को महामहिम राज्यपाल राजस्थान श्री कलराज मिश्र ने 10 लाख रुपये की राशि, प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह देकर किया सम्मानित

सामाजिक सरोकारों के क्षेत्र में अग्रणी सुगाल समूह नें राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित की है पहचान

महावीर पुरस्कार मानवता लिए प्रोत्साहन का अवसर : कलराज मिश्र, राज्यपाल

 विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। राज्यपाल श्री कलराज मिश्र के मुख्य आतिथ्य में शनिवार को पाली के जाडन स्थित महावीर इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में 25वे महावीर पुरस्कारो का रजत जयंती समारोह आयोजित हुआ। राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने मुख्य समारोह को संबोधित करते हुए भगवान महावीर के सिद्धांतों को आत्मसात करते हुए उन्हें जीवन में अपनाने का आह्वान किया है।

उन्होंने कहा कि महावीर द्वारा प्रतिपादित नियम आज भी उतने ही प्रासंगिक है, जितने की उनके समय में थे। उन्होंने इस अवसर पर भगवान महावीर की अहिंसा, अपरिग्रह, अनेकान्तवाद आदि की शिक्षाओं को जीवन में उतारने का भी आग्रह किया एवं कहा कि महावीर के सिंद्धांत मनुष्य और प्राणिमात्र के प्रति करुणा से जुड़े हैं। महावीर का दर्शन पर्यावरण संरक्षण और पारिस्थिकी संतुलन की सिख देता है। राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि भगवान महावीर फाउंडेशन समाज के विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर व उत्कृष्ट कार्य करने वाले संगठनों व प्रतिभाओं को सम्मानित कर बहुत ही सराहनीय कार्य कर रहा है । राज्यपाल बनने के बाद से ही मेरी प्राथमिकता भारतीय संस्कृति व जीवन मूल्यों के प्रति कार्य करना रही हैं। इससे पहले राज्यपाल श्री मिश्र ने संविधान के मूल कर्तव्यो व उद्देश्यों का वाचन भी करवाया।

भगवान महावीर फाउंडेशन के 25वें महावीर पुरस्कार के राष्ट्रिय समारोह में महामहिम राज्यपाल राजस्थान श्री कलराज मिश्र द्वारा अहिंसा और शाकाहार के क्षेत्र में पीपल फॉर एनिमल्स-सिरोही के भरत सिंघवी, शिक्षा के क्षेत्र में श्री सत्यनारायणन मुंडयूर ,अरुणाचल प्रदेश, चिकित्सा के क्षेत्र में विवेकानंद मिशन आश्रम नेत्र निरामय निकेतन-हल्दिया पश्चिमबंगाल के प्रतिनिधि स्वामी विश्वनाथ, समुदाय और सामाजिक सेंवा के क्षेत्र में नागालैंड गांधी आश्रम के प्रतिनिधि आओतोशी को उल्लेखनीय सेवा कार्यो और सामाजिक उत्कृष्टता के लिए प्रत्येक को 10 लाख रुपये की राशि और प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह के साथ सम्मानित किया गया। साथ इस अवसर पर राज्यपाल द्वारा 25वें महावीर पुरस्कार समारोह की स्मारिका का विमोचन भी किया गया एवं इसके प्रथम प्रथम विमोचित प्रति न्यायमूर्ति श्री जी. एस. सिंघवी को भेंट की। समारोह की अध्यक्षता श्री डी.आर. मेहता पूर्व अध्यक्ष सेबी एवं सम्मानित अतिथि के रूप में न्यायमूर्ति श्री जी.एस.सिंघवी-भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश, श्री ज्ञानचंद पारख- विधायक पाली, श्रीमती शोभा चौहान विधायक सोजत उपस्थित रही।

गौरतलब है की पाली जिले की सियाट गाँव, सोजत रोड़ के प्रवासी राजस्थानी एवं विख्यात औद्योगिक समूह सुगाल ग्रुप के संस्थापक श्री सुगालचंद जैन द्वारा अपने सामजिक सरोकारों का निर्वहन करते हुए पाली जिले में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा में सुलभ अवसर प्रदान करने और जिले के विद्यार्थियो को उच्च शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए जाडन में एमआईटीएस ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशंस की स्थापना भी की गई हैं । श्री जैन राज्यपाल राहत कोष समिति के सदस्य भीं हैं ।

प्रबन्ध न्यासी श्री प्रसन्नचंद जैन ने अपने स्वागत उद्बोधन में सभी आगंतुक अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा की संस्था द्वारा इस वर्ष महावीर पुरस्कारों का रजत जयंती समारोह मना रही है, उन्होंने फाउंडेशन के सेवा प्रकल्पों पर प्रकाश डालते हुए कहा की पिछले 25 वर्षो से संस्था विभिन्न क्षेत्र में मानव समाज के लिए समर्पित भाव से किए गए प्रयासों को रेखांकित करते हुए उन्हें सम्मानित कर रही हैं। उनके और उनके परिवार के लिए सौभाग्य का विषय है पिता श्री सुगालचंद जैन द्वारा स्थापित सेंवा कार्यो के इस कल्प वृक्ष को आगे बढ़ाने का अवसर प्राप्त हुआ।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए श्री सेबी के पूर्व अध्यक्ष एवं चयन समिति के सदस्य श्री डी.आर. मेहता द्वारा अपने अध्यक्षीय उदबोधन में कहा की श्री सुगालचंद जैन द्वारा मानव सेवा के धर्मं को निभाते हुए निरंतर पिछले कई वर्षो से पाली जिले सहित राष्ट्रिय स्तर पर सामाजिक कार्यो में अग्रणी भूमिका निभाई गई हैं। समाज उत्थान के लिए कार्य कर रही प्रतिभाओं को सम्मानित करना एक अत्यंत ही सराहनीय पहल है । श्री जैन द्वारा अपने मानव समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए फाउंडेशन के माध्यम से जो पुरस्कार प्रदान किया जा रहा है, मैं फाउंडेशन के पदाधिकारियों को इस प्रशंसनीय पहल के लिए शुभकामनाएं प्रदान करता हूँ।

भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एवं चयन समिति के सदस्य न्यायमूर्ति श्री जी.एस.सिंघवी ने अपने उदबोधन में कहा की हर व्यक्ति को अपनी आय का कुछ अंश मानव समाज के कल्याण के लिए लगाना चाहिए। समाज के हर क्षेत्र में हमारे देश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। इन्हीं प्रतिभाओं को सम्मानित कर समाज के समक्ष उत्कृष्ट उदाहरण पेश करते हुए भगवान महावीर फाउंडेशन जो कार्य कर रहा है अत्यंत ही सराहनीय एवं उत्कृष्ट है। सेवा भावना से कार्यरत भारत की प्रतिभाओं को राष्ट्रीय मंच प्रदान कर सम्मानित करने का फाउंडेशन अद्वितीय कार्य कर रही है।

न्यासी श्री प्रमोद जैन द्वारा भगवान महावीर फाउंडेशन का प्रगति विवरण प्रस्तुत किया गया, श्री जैन ने कहा की वर्ष 1994 में स्थापित हुए इस पुरस्कार ने वर्ष 2022 तक अब तक राजस्थान राज्य से कुल 9 राजस्थानी सहित कुल 84 लोग को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया हैं। मेरे दादाजी श्री सुगालचंदजी जैन का मानना है की ऐसे सेवाभावी संगठनो को मुख्य पटल पर लाकर प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि मानव समाज के अन्य लोग इससे प्रेरित हो और अनुकरण करें। श्री जैन ने महावीर पुरस्कार के आवेदन आमन्त्रित करने से लेकर अंतिम चयन के सम्पूर्ण प्रक्रिया पर प्रकाश डाला और इस वर्ष की पुरस्कार प्रक्रिया में सहभागिता निभाने हेतु सभी का आभार व्यक्त किया।

अंत में न्यासी श्री प्रतीक जैन सभी आमंत्रीत अतिथिओं का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस अवसर पर फाउंडेशन के सुगालचंद जैन, प्रसन्नचंद जैन, विनोद कुमार जैन, प्रवीण बी छेडा, प्रमोद जैन, प्रतीक जैन, श्री के. नंदकिशोर, प्रवासी राजस्थानी, विशिष्ट आमंत्रित अथितिगण, जिला प्रशासन, मीडिया जगत, गणमान्य नागरिकगण सहित कई विख्यात हस्तियाँ उपस्थित रही।