समितियां किसानों को जबरदस्ती नहीं बेच सकती कोई भी कृषि उत्पाद

विनय एक्सप्रेस समाचार, हनुमानगढ़। जिले की क्रय विक्रय सहकारी समितियों एवं ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कृषि आदान का कार्य किया जा रहा है। ये समितियों निर्धारित लाईसेन्स प्राप्त कर खाद, बीज, कीटनाशक का विक्रय का कार्य करती है। सहकारी विभाग द्वारा इन समितियों को किसानों की मांग एवं इच्छानुसार ही कृषि आदान उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये गये है। समितियों को कोई कृषि उत्पाद किसानों को थोपने की पूर्ण मनाही है।
सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार शिव कुमार पेडीवाल ने बताया कि कुछ किसानों एवं संगठनों द्वारा विशेषकर नैनो यूरिया, सागरिका एवं अन्य जैविक उत्पाद थोपने की शिकायतें मिलती रहती है। ये उत्पाद भी प्रतिष्ठित सहकारी संस्थाओं जैसे इफको, कृभको द्वारा तैयार कर विक्रय किये जाते है, जो जैविक खेती को बढावे हेतु उपयोगी है। किसानों को इन फायदेमंद उत्पादों की तकनीक की पूर्ण जानकारी के अभाव में इनका विरोध किया जाता रहा है, जबकि ये उत्पाद भी डीएपी, एमपीके. यूरिया, सुपर फास्फेट बनाने वाली कंपनियों द्वारा ही अपनी विक्रय पॉलिसी से मार्केट में नाम मात्र में बेचे जा रहे है। किसान नयी तकनीक को अपनाने में समय लेना है, यही कारण है कि उत्पादों को अपनाया नहीं जा रहा है।
परन्तु सहकारी विभाग द्वारा किसानों पर जबरन उत्पाद देने का कोई निर्देश समितियों को नहीं दिया गया है। सभी समितियों को निर्देशित किया गया है कि वे किसी को जबरन यूरिया, डीएपी के साथ अन्य उत्पाद लेने के लिए बाध्य नहीं करें। अगर ऐसी कोई शिकायत मिलती है तो कार्यवाही की जाएगी ।