विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। राज्य निर्वाचन आयोग राजस्थान द्वारा राज्य के पंचायती राज संस्थाओं के उपचुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर
मतदान की तिथि 25 नवम्बर को निश्चित की गई है ।
सहायक श्रम आयुक्त भवानी प्रताप चारण ने बताया कि राज्य के श्रम आयुक्त के आदेशानुसार लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 135 (ख) के अनुसार मतदान के दिन किसी कारोबार, व्यवसाय, औद्योगिक उपक्रम या किसी अन्य स्थापन में नियोजित प्रत्येक व्यक्ति को जो लोकसभा / विधानसभा के लिए निर्वाचन में मतदान करने का हकदार है, को मतदान के दिन सवैतनिक अवकाश मंजूर किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि अवकाश मंजूर किये जाने के कारण किसी ऐसे व्यक्ति की मजदूरी से कोई कटौती या उसमे कोई कमी नही की जायेगी और यदि ऐसा व्यक्ति इस आधार पर नियोजित किया जाता है की उसे सामान्यतया किसी ऐसे दिन के लिए मजदूरी प्राप्त नही होगी तो इस बात के होते हुए भी, उसके ऐसे दिन के लिए वह मजदूरी संदतत् की जायेगी, जो उस दिन उसे अवकाश मंजूर न किए जाने की दशा में दी गई होती ।
यदि कोई नियोजन इसका उल्लघंन करेगा, तो ऐसा नियोजन जुर्माने से, जो 500/ तक का हो सकेगा, दंडनीय होगा ।
उन्होंने बताया कि यह धारा किसी ऐसे निर्वाचक को लागू नही होगी जिसकी अनुपस्थिति से नियोजन के संबंध में जिसमें वह लगा हुआ है, कोई खतरा या सारवान हानि हो सकती हैं ।
चारण ने बताया कि राज्य सरकार ने संबंधित पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचन क्षेत्रों में स्थित औधोगिक प्रतिष्ठानों के नियोजकों को उनके क्षेत्र में ‘मतदान दिवस’ 25 नवम्बर के लिए उनके संस्थान में कार्यरत सभी कामगारों को, जिनमें आकस्मिक कामगार भी सम्मिलित हैं, सवैतनिक अवकाश प्रदान करने के लिए विनिर्दिष्ट किया हैं ताकि उनके द्वारा मतदान के अधिकार का स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से उपयोग सुनिश्चित किया जा सके ।