शिक्षक दिवस के अवसर पर मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह का अभिनंदन

शिक्षक दिवस हमें अपने शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर : प्रो. अमेरिका सिंह, मुख्य अतिथि

विनय एक्सप्रेस समाचार, देहरादून। राजकीय दून चिकित्सा महाविद्यालय, देहरादून में धूमधाम से मनाया गया शिक्षक दिवस का महोत्सवआयोजित किया गया। इस अवसर पर उत्तराखंड चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर हेम चंद पांडेय ने अध्यक्षता की, मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर अमरिका सिंह, पूर्व कुलपति, एमएलएसयू; गर्वित अतिथि के रूप में डॉ. आशोक आचार्य, आरयूएचएस जयपुर के बोर्ड के सदस्य, प्रिंसिपल, दून चिकित्सा महाविद्यालय, और चिकित्सा शिक्षा के निदेशक डॉक्टर आशुतोष सयाना, गर्वित अतिथि के रूप में नरेंद्र सिंह यादव, इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स इंडिया के चेयरमैन, और वकील हर्ष निधि शर्मा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, इंटेलेक्चुअल फाउंडेशन भारत, श्रेष्ठ व्यक्तियों के साथ उपस्थित थे। इस महोत्सव के दौरान, छात्रों और शिक्षकों ने एक साथ मिलकर शिक्षा के महत्व को मान्यता दिलाने का संकल्प लिया।

मुख्य अतिथि प्रो अमेरिका सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षक कभी भी साधारण नहीं होता। निर्माण और प्रलय दोनों उसकी गोद में पलते हैं। ऐसे में शिक्षण के महान दायित्व का हर शिक्षक को पूरी निष्ठा, समर्पण और ईमानदारी के साथ निर्वहन करना चाहिए। गुरुओं का दायित्व है कि विद्यार्थियों में चरित्र निर्माण की जिम्मेदारी लेनी चहिए। छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ अपना चरित्र निर्माण भी करना चाहिए। शिक्षक दिवस हमें अपने शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर देता है। शिक्षक अपने विद्यार्थियों को अनुशासनप्रिय बनाते हैं और उनमें नैतिक मूल्यों के गुण रोपित कर उनकी प्रतिभा का विकास करते हैं, जिससे वे आदर्श नागरिक बनकर राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान कर सकें। उन्होंने शिक्षकों का आह्वान किया है कि वे युवा पीढ़ी में ईमानदारी, सत्य, न्याय, करूणा और कर्तव्यनिष्ठा जैसे आदर्श मूल्यों को आत्मसात कराएं। शिक्षक विद्यार्थियों को शिक्षित कर राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। वही देश और समाज आगे बढ़ता है, जहां गुरुजनों का सम्मान होता है, शिक्षक विद्यार्थियों को संस्कारवान बनाकर राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों और सेमिनारों का आयोजन किया गया, जिनमें शिक्षकों के योगदान को महत्वपूर्ण रूप से चर्चा किया गया। यह समारोह शिक्षक दिवस के महत्व को साझा करता है और शिक्षकों के साथ उनके योगदान का सम्मान करता है, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।