विनय एक्सप्रेस आलेख, जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा कोरोना प्रभावित परिवारों को तुरंत राहत देने के विशेष निर्देश के तहत अजमेर जिला प्रशासन ने मात्र दो दिन में 40 परिवारों को राहत पैकेज जारी किए हैं। मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के तहत जिले के विभिन्न ब्लॉकों में कोरोना के कारण परिवार का मुखिया खोने वाली महिलाओं को एक-एक लाख रूपये स्वीकृत किए गए। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा विशेष सर्वे कर पीड़ित परिवारों को चिन्हित किया गया है। पीड़ितों को किसी तरह का कोई आवेदन नहीं करना है। प्रशासन का सर्वे निरन्तर जारी रहेगा।
मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के संबंध में सरकार द्वारा दिशा निर्देश जारी होते ही जिला कलक्टर श्री प्रकाश राजपुरोहित के मार्गदर्शन में त्वरित कार्यवाही करके मात्र दो कार्य दिवसों में 40 परिवारों को राहत पहुंचाने का कार्य किया है। जिला प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को राहत देने के लिए त्वरित गति से कार्य किया। सोमवार एवं मंगलवार के दो कार्य दिवसों में इन परिवारों को नियमानुसार एक लाख रूपये की एक मुश्त सहायता राशि एवं 1500 रूपए की मासिक पेंशन स्वीकृत की गई है।
यह है योजना
मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना का उद्देश्य राजस्थान के मूल निवासी अथवा 3 वर्ष से राज्य में निवासरत व्यक्ति की मृत्यु पर कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चों, विधवा हुई महिलाओं एवं उनके बच्चों को आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक सहारा प्रदान करना है। इस योजना में एक मार्च 2020 के पश्चात कोरोना की बीमारी से मृत्यु होने वाले व्यक्तियों के परिवारों को शामिल किया गया है। पति की मृत्यु होने पर विधवा महिला को तथा अनाथ होने पर बच्चों को सहायता राशि प्रदान करने का प्रावधान है। जैविक अथवा गोद लिए हुए माता-पिता दोनाें की मृत्यु कोरोना से होने पर अथवा माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु पूर्व में किसी भी कारण से एवं दूसरे की मृत्यु कोरोना के कारण होने पर बच्चों को अनाथ मानते हुए लाभान्वित किया जाएगा। बच्चों का आंगनाबाड़ी केंद्र अथवा विद्यालय में जाना आवश्यक होगा।
यह हैं पात्रता नियम
योजना के अन्तर्गत कोरोना बीमारी से मृत्यु होने पर विधवा अथवा अनाथ के प्रमाणन के आधार पर सहायता प्रदान की जाएगी। इसके लिए अधिकतम आय एवं आयु की बाध्यता नहीं रखी गई है। लाभार्थी इस योजना के साथ-साथ केंद्र एवं राज्य सरकार की अन्य योजनाओं से भी लाभान्वित हो सकते है। विधवा महिलाओं को कोरोना विधवा पेंशन अथवा सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में से एक का ही लाभ मिलेगा। अनाथ बच्चों को सामान्य पालनहार योजना के स्थान पर मुख्यमंत्री कोरोना बाल सहायता से लाभान्वित किया जाएगा। कोरोना योद्धा योजना का लाभ लेने की स्थिति में तथा राजकीय सेवा अथवा राजकीय उपक्रम में स्थाई कार्मिक होने की स्थिति में परिजन इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे। कोरोना विधवा पेंशन का निरस्तीकरण विधवा महिला की राजकीय सेवा में नियुक्ति होने अथवा पुर्नविवाह किए जाने की स्थिति में किया जाएगा।
इसी तरह मुख्यमंत्री कोरोना बाल सहायता अनाथ बच्चों को प्रदान की जाएगी। इसमें प्रत्येक बालक-बालिका की तत्काल आवश्यकता के लिए एक लाख का एक मुश्त अनुदान देय होगा। प्रत्येक बालक-बालिका के 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक 2500 रूपए प्रतिमाह प्रति बालक-बालिका प्रदान किए जाएंगे। प्रत्येक बालक-बालिका के 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर 5 लाख रूपए की एक मुश्त सहायता दी जाएगी। यह राशि इन बच्चों के बैंक खाते में हस्तांतरित करने का प्रावधान है।
कोरोना से अनाथ बच्चों को कक्षा 12 तक राजकीय आवासीय विद्यालयों एवं छात्रावासों में निःशुल्क शिक्षा दी जाएगी। कॉलेज में अध्ययन करने वाली छात्राओं को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के छात्रावासों में प्राथमिकता से प्रवेश दिया जाएगा। इसी प्रकार कॉलेज छात्रों को डीबीटी वाउचर योजना का लाभ बिना किसी शर्त के दिया जाएगा। मुख्यमंत्री युवा संबल योजना में बेरोजगारी भत्ता प्रदान करने में प्राथमिकता रहेगी।
मुख्यमंत्री कोरोना पालनहार सहायता में बच्चों के 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक एक हजार रूपए प्रतिमाह प्रति-बच्चें को दिया जाएगा। साथ ही प्रति बच्चा 2 हजार रूपए प्रतिवर्ष एक मुश्त गणवेश एवं पाठ्यपुस्तकों के लिए दिए जाएंगे। बाल गृहों में आवसरत बच्चों का बैंक खाता खुलवाकर एक मुश्त राशि का ही भुगतान किया जा सकेगा।
समितियों का गठन
मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर पर समिति का गठन किया गया है। इसमें सदस्य के रूप में नगर निगम के आयुक्त, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अतिरिक्त जिला कलक्टर एवं प्रभारी आपदा प्रबंधन अजमेर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक तथा सदस्य सचिव के रूप में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक का चयन किया गया है। इसी प्रकार उपखण्ड स्तर पर समिति में सदस्य के अध्यक्ष उपखण्ड अधिकारी, सदस्य सचिव विकास अधिकारी (ग्रामीण), सदस्य ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी, अधिशाषी अधिकारी (शहरी), सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के ब्लॉक स्तरीय अधिकारी का चयन किया गया है। शहरी क्षेत्र के लिए नगर निगम अजमेर के आयुक्त तथा ग्रामीण क्षेत्र के लिए जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए है। सर्वे के लिए टीमें गठित कर कार्यवाही की जा रही है।