विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। कई देशों में कोरोना के बढ़ते हुए कहर को देखते हुए राजस्थान में भी कोरोना को लेकर चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है. जिसके बाद प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर को अलर्ट भी कर दिया गया है. वहीं सभी पॉजिटिव केसेज में नये वेरिएंट की पहचान के लिए सैंपल को जीनोम-सिक्वेंसिंग प्रयोगशालाओं में भेजने के निर्देश सभी जिला कलेक्टरों को जारी किये जा चुके हैं.
पिछले कोरोना काल में राजस्थान के कोविड प्रबंधन की पूरे देश में प्रशंसा हुई है. लेकिन एक बार फिर चीन से आ रही डरावनी तस्वीरें प्रदेश को पहले से ही अलर्ट कर रही है. यहीं वजह है कि राजस्थान का चिकित्सा महकमा फिर अलर्ट हो चुका है और कोरोना को लेकर नई गाइडलाइन भी आ चुकी है. हालांकि गाइडलाइन में सख्ती जैसा कुछ नहीं है लेकिन गांव-गांव में डोर-टू-डोर सेंपलिंग करने के सख्त निर्देश है.
इसको लेकर जयपुर के स्वास्थ्य भवन में शुक्रवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव डॉ. पृथ्वी की अध्यक्षता में कोविड प्रबंधन की समीक्षा और विस्तृत तैयारियों को लेकर बैठक आयोजित की जाएगी. इस महत्वपूर्ण बैठक में सभी संबंधित अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की जायेगी. ताकि राजस्थान के सभी जिलों में एक्टिव सर्विलेंस के माध्यम से प्रभावी घर-घर सर्वे कर आईएलआई रोगियों की पहचान कर वांछित कार्रवाई की जाए. साथ ही ओपीडी में आने वाले संदिग्ध रोगियों का सैंपल लेकर कोविड की जांच कराएं और ओपीडी में आने वाले SARI रोगियों की पहचान कर उनकी जांच और उपचार किया जाए.
इसके आलावा प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज और निजी संस्थानों से समन्वय स्थापित कर जीनोम सीक्वेसिंग के लिए सभी कोविड-19 पॉजिटिव रोगियों के सैंपल की व्यवस्था हो. वहीं रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, सब्जी मंडी, विद्यालय और अन्य भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में कोविड लक्षणों वाले संदिग्ध रोगियों की रेंडम सैंपलिंग करवाने के भी निर्देश है. साथ ही एक्टिव सर्वे और ओपीडी में आने वाले हाई रिस्क ग्रुप के व्यक्तियों की पहचान कर तुरंत उपचार करवाने के निर्देश है.
राज्य सरकार द्वारा पूर्व में जारी सभी निर्देशों में स्क्रीनिंग, सैंपल कलेक्शन, रेंडम सैंपलिंग, उपचार, डिस्चार्ज की पालना के लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में अन्य विभागों पुलिस, पंचायती राज, महिला एवं बाल विकास, नगर-निगम, आयूष, आईएमए से अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए समय-समय पर आवश्यकतानुसार कोरोना वायरस की रोकथाम और नियंत्रण के लिए समीक्षा करने के निर्देश गाइडलाइन में दिए गए है.
इसके लिए प्रत्येक संस्थान पर गठित रेपिड रिस्पॉन्स टीम को कार्यशील रहने के निर्देश दए हैं. इसके आलावा समस्त राजकीय चिकित्सा संस्थानों को लॉजिस्टिक और दवाईयों की उपलब्धता के साथ साथ घर-घर सर्वे के दौरान कोविड और अन्य मौसमी बिमारियों के लक्षण और उससे बचने के उपाय के साथ-साथ विभागीय स्तर पर उपलब्ध सुविधाओं का प्रचार-प्रसार कर आमजन को जागरूक करने के निर्देश दिए है. इसके लिए जिला और खण्ड पर स्थापित नियंत्रण कक्ष को कार्यशील रखते हुए आमजन को जागरूक करने के निर्देश दिए गए है.