राजस्थानी अत्यंत समृद्ध भाषा- डॉ. बी. डी. कल्ला

राजस्थानी भाषा अकादमी के नवीन पुस्तकालय-हॉल का हुआ लोकार्पण

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। कला, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने कहा कि राजस्थानी अत्यंत समृद्ध भाषा है। केंद्र सरकार द्वारा राजस्थानी को संवैधानिक मान्यता शीघ्र दी जानी चाहिए।
डॉ. कल्ला शनिवार को राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के नवीन पुस्तकालय-हॉल के लोकार्पण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। डॉ. कल्ला ने कहा कि राजस्थानी का शब्दकोष अत्यंत विशाल व समृद्ध है। राजस्थानी के लोक गीत सुमधुर हैं व वर्ष के विभिन्न माहों व ऋतुओं के अनुसार हैं। डॉ. कल्ला ने अनेक लोक गीतों के उदाहरण भी दिये। उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के चहुंमुखी विकास के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि अकादमी के गत तीन वर्षों के बकाया पुरस्कार दिए जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। डॉ. कल्ला ने कहा कि अकादमी द्वारा आगामी 25 वर्षों की कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जाए। भाषा-साहित्य के साथ-साथ संस्कृति के क्षेत्र में भी गंभीरता से कार्य किया जाए। राजस्थानी साहित्यकार अपनी पुस्तकें अकादमी पुस्तकालय को अवश्य भेंट करें, जिससे शोधार्थी व आमजन लाभांवित हो सकें।
अकादमी अध्यक्ष शिवराज छंगाणी ने बताया कि इस पुस्तकालय-हॉल का निर्माण कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा स्वीकृत 25.69 लाख रुपए की राशि से कार्यकारी एजेंसी सार्वजनिक निर्माण विभाग नगर खंड, बीकानेर के माध्यम से हुआ है। छंगाणी ने बताया कि अकादमी की ओर से वर्ष 2022-23 के अकादमी पुरस्कारों-सम्मानों की घोषणा की गई, जिसके तहत कुल 10.78 लाख रु. की पुरस्कार-सम्मान राशि तथा प्रकाशन सहयोग योजना के अंतर्गत कुल 11.52 लाख रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई। वर्ष 2023-24 के अकादमी पुरस्कारों के लिए विज्ञप्ति जारी कर दी गई है। अकादमी की ओर से भारतीय संविधान का राजस्थानी अनुवाद प्रकाशित किया गया है, शीघ्र ही विभिन्न विधाओं में छह पुस्तकों, राजस्थानी साहित्यकार परिचय कोश व अनेक साहित्यकारों के व्यक्तित्व-कृतित्व पर मोनोग्राफ भी प्रकाशित होंगे।
अकादमी सचिव शरद केवलिया ने बताया कि पद्मश्री सी. पी. देवल व अमर कथाकार यादवेंद्र शर्मा ‘चंद्र’ के पुत्र कृष्ण कुमार बिस्सा की ओर से अकादमी को बड़ी संख्या में पुस्तकें भेंट की गईं हैं, जिनका लाभ साहित्यकारों, शोधार्थियों व आम पाठकों को मिलेगा। अकादमी के समस्त प्रकाशन एवं 51 वर्ष से प्रकाशित जागती-जोत पत्रिका के सभी अंक अकादमी वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। अकादमी के पुस्तकालय में लगभग 12 हजार महत्त्वपूर्ण ग्रंथ एवं पुस्तकें उपलब्ध हैं। अकादमी पुस्तकालय के कैटेलॉग को अकादमी की वेबसाइट के माध्यम से आमजन को उपलब्ध करवाया जा रहा है।
कार्यक्रम का संचालन अकादमी के पूर्व कार्यवाहक सचिव पृथ्वीराज रतनू ने किया। इस दौरान कृष्ण कुमार बिस्सा को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में साहित्यकार मधु आचार्य आशावादी, वेद शर्मा, रवि पुरोहित, कमल रंगा, डॉ. मिर्जा हैदरबेग, दिनेश सक्सेना, बिशन मतवाला, गोपाल व्यास, शंकरसिंह राजपुरोहित, विजयशंकर आचार्य, बृजरतन जोशी, राजेन्द्र कुमार पुरोहित, मुकेश व्यास, डॉ. गौरीशंकर प्रजापत, भंवरलाल सुथार, नमामी शंकर आचार्य, नगेन्द्र किराडू, निर्मल रतनू, इंद्रकुमार छंगाणी, श्रीनिवास थानवी, सुशील छंगाणी, कानसिंह, आदित्य व्यास, मनोज मोदी सहित अनेक प्रबुद्धजन उपस्थित थे।