शांत, मर्यादित, गरिमामय आचरण करें, शीघ्र समयबद्ध व विधि अनुरूप न्याय प्रदान करें
विनय एक्सप्रेस समाचार, अजमेर। राजस्व मंडल अध्यक्ष श्री राजेश्वर सिंह ने राजस्थान के राजस्व न्यायालयों में लंबित राजस्व प्रकरणों के त्वरित निस्तारण को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश जारी करते हुए पीठासीन अधिकारियों को इनकी पूर्ण पालना सुनिश्चित करने को कहा है।
राजस्व मंडल निबंधक महावीर प्रसाद ने बताया कि सभी राजस्व न्यायालयों के पीठासीन अधिकारियों से न्यायालय समय का पालन करते हुए अदालतों में शान्त, मर्यादित व गरिमामय आचरण के आधार पर पक्षकारान् एवं सम्बन्धित अधिवक्तागण को शीघ्र, समयबद्ध एवं विधि अनुरूप न्याय प्रदान करने के निर्देश दिये गये हैं। इसी प्रकार प्रकरण राजस्व सुनवाई योग्य पाया जाने पर ही उसे दर्ज कर सम्मन जारी किया जायेगा।
तामीली की प्रक्रिया अविलम्ब हो
तामीली प्रक्रिया में राजस्व वाद व अपीलें लम्बित रहने को भी गंभीरता से लिया जायेगा। सम्मन, नोटिस, तलवाना, नकल वादपत्र, मीमों आॅफ अपील एवं प्रार्थना पत्र समय पर प्रस्तुत किये जायेेंगे सभी पीठासीन अधिकारी तलबी की पत्रावलियों में आदेश 5 सिविल प्रकिया संहिता, 1908 के प्रावधानों के अनुसार अपनी व्यक्तिशः निगरानी में प्रभावी कार्यवाही अमल में लायेंगे।
दोनो पक्षों के साक्ष्य के बाद तय हो अंतिम बहस की तिथि
बहस के बाद वाद की सुनवाई के दौरान साक्ष्य के लिए नियत दिवस को जब कोई पक्षकार स्थगन चाहता है तो स्थगन के सम्बन्ध में आदेश 17 सीपीसी के प्रावधानों को ध्यान में रखा जावे और विशेष हर्जे के लिए धारा 35(बी) सीपीसी के प्रावधानों का विवेकानुसार उपयोग किया जा सकेगा। दोनों पक्षों की साक्ष्य समाप्त होने के पश्चात् अन्तिम बहस के लिए पेशी नियत कर उस दिन बहस सुनी जावे और यदि आवश्यक हो तो लिखित बहस प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करें और निर्णय हेतु नियत पेशी पर ही निर्णय सुनाया जावे।
दूसरे पक्ष को सुने बिना अपास्त न हो निर्णय
अपीलीय न्यायालय के समक्ष अपील प्रस्तुत होने पर यथासम्भव विपक्षी को सम्मन/नोटिस जारी करके ही प्रकरण का अन्तिम रूप से निस्तारण किया जावे और विचारण न्यायालय का निर्णय दूसरे पक्ष को सुने बिना अपास्त नहीं किया जाना चाहिये। अपील न्यायालय अधीनस्थ न्यायालय के निर्णय के पश्चात् निर्णय की क्रियान्विति स्थगित करने के समय या स्थगन प्रार्थनापत्र प्रस्तुत होने पर यथासम्भव दोनों पक्षों को सुनकर ही स्थगन देंगे। न्यायहित में आवश्यक होने की स्थिति में आदेश 41 नियम 5 सीपीसी के प्रावधानों का अनुसरण किया जा सकेगा। विचारण न्यायालयों को निर्णय व डिक्री जारी करते समय आदेश 41 नियम 5(2) सीपीसी के प्रावधानों को ध्यान में रखना होगा।
अनुतोष के आधार पारित हो निर्णय
अदालतों में प्रकरण का निर्णय करते समय दोनों पक्षों के अभिवचनों, विवाद बिन्दू और विवाद बिन्दू पर आये साक्ष्य व दस्तावेजों का विवेचन करते हुए दोनों पक्षों के तर्कों के परिप्रेक्ष्य में कारण अंकित करते हुए विधिक रूप से स्पष्ट निष्कर्ष दिया जावे और अन्त में अनुतोष के अनुसार निर्णय पारित किया चाहिये।
राजस्व मण्डल को रिकार्ड तलबी अविलंब हो
राजस्व मण्डल द्वारा रिकार्ड तलबी हेतु निर्देश जारी किये जाने के पश्चात् भी अधीनस्थ न्यायालयों द्वारा वांछित रिकार्ड मण्डल को समय पर प्रेषित नहीं किये जाते जिससे प्रकरण अनावश्यक लम्बित होते रहते हैं। मण्डल द्वारा जारी किये गये रिकार्ड तलबी पत्र प्राप्त होते ही उक्त वांछित रिकार्ड पत्र में वर्णित समयावधि के अन्दर मण्डल को प्रेषित किये जायेंगे। इसमें लापरवाही पर पीठासीन अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।
इसी प्रकार राजस्व मण्डल एवं अधीनस्थ न्यायालयों मंे लंबित वाद, रेफरेन्स, निगरानी, अपील आदि के प्रकरणों में कुछ प्रत्यर्थी पक्षकारों की मृत्यु हो जाने पर सम्बन्धित तहसीलदार द्वारा मृतक पक्षकार के विधिक वारिसान के नाम, पते आदि की सूचना समय पर प्रेषित को कहा गया है। राजकीय अधिवक्ता द्वारा पत्र प्रेषित करने के बाद भी वांछित सूचना प्रेषित नहीं करने पर तहसीलदार दुराचरण का दोषी होगा।
पुराने व वरिष्ठ नागरिकों के प्रकरणों को दें प्राथमिकता
न्यायालयों में लम्बित पुराने प्रकरणों का 5, 10 व 10वर्ष से अधिक के प्रकरणों का वर्गीकरण किया जाकर और पुराने व वरिष्ठ नागरिकगण के प्रकरणों को न्यायालयों द्वारा प्राथमिकता प्रदान करने के निर्देश दिये गये हैं। निष्पादन प्रार्थनापत्रों पर भी पीठासीन अधिकारियों को व्यक्तिशः ध्यान देकर प्रभावी कार्यवाही करने को कहा गया है।
समझाइश के आधार पर निपटाने के करें प्रभावी प्रयास
जिन विवादों में समझौते की सम्भावना हो उन्हें यथासम्भव समझाईश के द्वारा निस्तारित करने का प्रयास किया जावे। साथ ही किसी भी स्तर पर प्रस्तुत होने वाले विविध प्रार्थनापत्रों को अनावश्यक लम्बित नहीं रखते हुए उनके शीघ्र निस्तारण पर ध्यान देना होगा।