विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर होगी जिले में विशेष ग्राम सभा, जगेगी जागरूकता की अलख

हम सब मिलकर बनाएंगे ‘तंबाकू मुक्त श्रीगंगानगर’

विनय एक्सप्रेस समाच्रार, श्रीगंगानगर। जिले को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए चल रहे 100 दिवसीय विशेष जागरूकता अभियान का विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर समापन होगा। इस दिन मेगा शपथ के साथ ही विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन भी किया जाएगा। जिसमें शपथ के साथ ही आमजन को तंबाकू का सेवन न करने व तंबाकू रोकथाम के प्रति जागरूक किया जाएगा। वहीं तंबाकू उत्पादों पर रोक के लिए प्रभावी कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में एनएचएम एमडी डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी व जिला कलेक्टर रूकमणि रियार सिहाग ने सभी विभागों को विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

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सीएमएचओ डॉ. गिरधारी लाल मेहरड़ा ने बताया कि जिले में तंबाकू मुक्त राजस्थान अभियान जारी है और विभिन्न जागरूकता गतिविधियां की जा रही हैं। मुख्यत: आशा सहयोगिनियां इस मुहिम में अहम भूमिका अदा कर रही हैं। अब 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाएगा और इसी दिन मेगा शपथ का आयोजन किया जाएगा। जिसमें आमजन ऑनलाइन व ऑफलाइन शपथ लेंगे। इसके साथ ही ग्राम पंचायत, पंचायत समिति एवं जिला परिषद की बैठकों में तम्बाकू नियंत्रण के विषय में प्रस्ताव पारित कर ग्रामीण स्तर तक लोगों से तंबाकू छोडने के लिए संकल्प पत्र भरवाए जाएंगे। प्रशासन की ओर से ग्राम सभाओं का आयोजन करवाया जाएगा ताकि ग्रामीण स्तर पर तंबाकू के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता लाई जा सके।

पुलिस व स्वास्थ्य विभाग तंबाकू उत्पादों का प्रदर्शन करने एवं प्रचार-प्रसार करने वालों पर भी कार्रवाई करेंगे। डॉ. मेहरड़ा ने बताया कि विश्व भर में, तंबाकू के बढ़ते उपयोग और उसके स्वास्थ्य पर पडऩे वाले हानिकारक प्रभाव चिंता का कारण बन गए हैं। गैर-संचारी रोग (एनसीडी) जैसे कि हृदय रोग, कैंसर, मधुमेह, पुरानी सांस की बीमारियां इत्यादि विश्व स्तर पर होने वाली मृत्यु का प्रमुख कारण हैं, जो तंबाकू के सेवन के साथ जुड़ी हैं। विश्व में हर वर्ष 38 लाख लोग एनसीडी से मर जाते हैं। एनसीडी के अत्यधिक बोझ को तंबाकू के उपयोग को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। सभी आयु वर्ग के लोगों को बहुत सारी बीमारियों से प्रभावित करने वाला मुख्य जोखिम का कारण तंबाकू हैं। डब्ल्यूएचओ डेटा द्वारा यह स्पष्ट होता है कि तंबाकू का सेवन करने वाले लगभग छह लाख लोगों की मृत्यु प्रतिवर्ष होती हैं। इन मौतों के परिणामस्वरूप लगभग पांच लाख मौतों का प्रत्यक्ष कारण तंबाकू का सेवन हैं, जबकि अप्रत्यक्ष तंबाकू के सेवन के परिणामस्वरूप साठ लाख लोगों की मृत्यु होती हैं। तंबाकू के कारण हर छह सेकंड में एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाती हैं। भारत में स्थिति समान रूप से काफी गंभीर हैं।

यहां तंबाकू के उपयोगकर्ताओं की अनुमानित संख्या सताईस करोड़ उनचास लाख हैं। तंबाकू के धूम्रमुक्त उपयोगकर्ताओं की संख्या सौलह करोड़ सैंतीस लाख और तंबाकू पीने (धूम्रपान) वालों की संख्या केवल छह करोड़ नवासी लाख तथा ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे ऑफ इंडिया (गैट्स) के अनुसार धूम्रपान और धूम्रमुक्त उपयोगकर्ताओं की संख्या बयालीस करोड़ तीन लाख हैं। इसका मतलब यह हैं कि भारत में लगभग पैंतीस प्रतिशत के आसपास वयस्क (47.09 प्रतिशत पुरुष और 20.03 प्रतिशत महिलाएं) किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। भारत में (इक्कीस प्रतिशत) धूम्रमुक्त तंबाकू का उपयोग सबसे अधिक प्रचलित है। ऐसे में हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि हम तंबाकू मुक्त राजस्थान और तंबाकू मुक्त भारत की परिकल्पना में अपना अहम योगदान देवें।