पड़दादा का नाम पता नहीं और बातें वंश बढ़ाने की’ -बेटियों के नाम रहा ‘लाडली महोत्सव’, लाडो के लिए बनाएं सकारात्मक माहौल – जिला कलक्टर रूकमणि रियार सिहाग

विनय एक्सप्रेस समाचार, श्रीगंगानगर। जिला स्वास्थ्य भवन में आयोजित जिलास्तरीय समारोह लाडली महोत्सव के दौरान जिला कलेक्टर रूकमणि रियार सिहाग ने दो बालिकाओं पर नसबंदी करवाने वाली महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि निश्चित ही उन्हें यह निर्णय लेने में कठिनाई हुई होंगी, परिवार या समाज से दबाव भी आया होगा। लेकिन आप इस सराहनीय निर्णय पर कायम रहे जिसकी बदौलत समाज में यह सुंदर संदेश गया कि बेटियां बेटों से कम नहीं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के पीसीपीएनडीटी व आईईसी अनुभाग की ओर से आयोजित इस समारोह में प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि, पुलिस, शिक्षा, अधिवक्ता व आशा वर्ग से महिलाएं मंचासीन हुईं।


जिला कलेक्टर ने अपनी व्यक्तिगत जीवनी साझा करते हुए बताया कि ‘‘मैं अपने माता-पिता की इकलौती बेटी हूं और उन्होंने भी मेरे जन्म के बाद निर्णय लिया कि और बच्चे पैदा नहीं करेंगे। निर्णय लेने का कारण ये था कि मेरे पिता सरकारी कर्मचारी थे और उन्होंने तय किया कि एक ही बच्चे को पढ़ा-लिखाकर बेहतर बनाएंगे, वो चाहे लडक़ा हो या लडक़ी। मुझे आज भी याद है कि एक दिन गांव में घर पर आस-पड़ोस की महिलाएं आईं और माँ को सांत्वना देते हुए कहा कि, ‘कोई गल नी, हो ज्यू बच्चा’। मेरी उम्र बेहद छोटी थी, पर इतनी समझ थी कि हम भी तो बच्चे हैं, हमें कोई गिन ही नहीं रहा। लेकिन आज जिस मुकाम पर हम पहुंचे हैं, उससे निश्चित ही मां-बाप व अन्य परिजनों को खुशी है व गर्व महसूस करते हैं।’’ उन्होंने सवाल किया कि बेटे की चाह क्यों है ?, यही कि बुढ़ापे में सहारा बनेंगे। लेकिन हम बदले हुए समाज में देख रहे हैं कि बेटों की बजाए मां-बाप का ख्याल बेटियां ज्यादा रखती हैं। दूसरी सोच यह कि बेटा वंश चलाएगा। लेकिन जब हमें पड़दादा या उनसे पहले की पीढ़ी के लोगों के नाम नहीं पता तो कौनसा वंश। आखिर किस वंश के लिए हम बेटियों को कोख में दफना रहे हैं। जमाना बदल रहा है, इसलिए सोच बदलिए एवं बेटियों को सकारात्मक माहौल देते हुए उन्हें आगे बढऩे में हर संभव योगदान दीजिए। इसमें महिलाएं ही नहीं, पुरुषों की भागीदारी बराबर जरूरी है तभी बेटा-बेटी का भेद मिटेगा। इस दौरान उन्होंने खेलकूल, शिक्षा एवं लाडली महोत्सव के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को शुभकामनाएं देते हुए उन्हें कामयाब बनकर बेटियों का नाम रोशन करने के लिए प्रेरित किया। पंचायत समिति प्रधान सुनीता गोदारा ने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि भविष्य में भी इस तरह के आयोजन किए जाएं ताकि बेटा-बेटी का भेद मिट सके एवं समाज जागरूक हो सके। इसी तरह वरिष्ठ अधिवक्ता राजकुमारी जैन व महिला थानाधिकारी राजेश रानी ने बालिकाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि बेटियां किसी से कम नहीं है और वे आज समाज में कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। उनकी सुरक्षा के लिए अनेक कानून बने हैं और उनके अधिकारों की रक्षा भी सरकारें कर रही हैं। वहीं अनेक योजनाओं के जरिए बालिकाओं का उत्थान किया जा रहा है। इसलिए समाज को भी अपनी सोच बदलकर बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करना चाहिए।


बेटियों के नाम रहा लाडली महोत्सव का मंच
स्वास्थ्य विभाग ने अनूठी पहल करते हुए मंच पर केवल बेटियों को ही बिठाया। विभाग के अधिकारी भी सामने आमजन के बीच बैठे। मंच पर अलग-अलग वर्ग से बेटियां थी, जिसका उद्देश्य समाज में यह संदेश देना कि बेटियां हर क्षेत्र में आगे है। जिला कलेक्टर रूकमणि रियार सिहाग सहित जनप्रतिनिधि रायसिंहनगर पंचायत समिति प्रधान सुनीता गोदारा, अतिरिक्त जिला कलेक्टर कमला अलारिया, नगर विकास न्यास सचिव डॉ. हरीतिमा, पुलिस विभाग से महिला थानाधिकारी राजेश रानी, पुलिस लाइन अधिकारी चंद्रकला, वरिष्ठ अधिवक्ता राजकुमारी जैन, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सोनालिका सारस्वत, शिक्षा से प्रिंसिपल पूनम खेतान व विगत तीन वर्षों से जिले की बेस्ट आशा  वर्कर राजविंद्र कौर मंचासीन रहीं। मंच संचालन महिला व्याख्याता डॉ. निकिता शर्मा ने किया। सभी मंचासीन अतिथियों का बुक्के देकर स्वागत भी विभाग की महिला अधिकारियों व कर्मचारियों ने किया। वहीं स्वागत भाषण एसीएमएचओ डॉ. मुकेश मेहता ने दिया।
दो बालिकाओं पर करवाई नसबंदी, हुआ सम्मान
सीओआईईसी विनोद बिश्रोई ने बताया कि दो बालिकाओं पर नसबंदी करवाने पर बलजीत कौर पत्नी रमेश सिंह, भावना पत्नी शिव शंकर, चंद्रकला पत्नी अमरचंद, नेहा देवी पत्नी राजकुमार, पूजा चराया पत्नी सुनील चराया, राधा पत्नी करण आहूजा, सरोज पत्नी जुमार राम, सरोज पत्नी प्रमोद कुमार, सुनीता पत्नी मलकीत सिंह, कविता पत्नी नरेंद्र कुमार, ममता रानी व राजेंद्र पाल, वाशुदेवी पत्नी बजरंग लाल, कुलदीप कौर पत्नी वीर सिंह, रेखा रानी पत्नी लालचंद एवं ज्योति पत्नी सुभाष को सम्मानित किया जाएगा।
प्रतियोगिताओं में दिखाया हुनर, किया पुरस्कृत
पीसीपीएनडीटी प्रभारी रणदीप सिंह ने बताया कि ‘लाडली महोत्सव’ के तहत विगत एक सप्ताह के दौरान विभाग की ओर से विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिनमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को सम्मानित किया गया। मेहंदी प्रतियोगिता में गजल अरोड़ा, सुमन, आरती सिंगाठिया, पूजा वर्मा, आरूषी, मुस्कान सोलंकी, रेणु गर्ग व शिवानी सोनी, वीडियो प्रतियोगिता में अवनी अरोड़ा, अंजली शर्मा, भाविषा सिंह एवं लेखन प्रतियोगिता रेखा, गुंंजन बेदी, दिव्या अरोड़ा, अन्नू, अमन स्वामी, मानवी खत्री, नेहा स्वामी व शीतल और पोस्टर प्रतियोगिता में भूमिका गर्ग, स्नेहा तंवर, लक्षिता डाबला, मंजू छिंपा, कुमकुम वर्मा, वंशिका मितल, जीविका सोनी, किरण बुगालिया, भूमिजा, सृष्टि, छवि, हर्षिता व योगीता को पुरस्कृत किया गया। खेलकूद व शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं दिव्या यादव, रिद्धि माहर, हार्दिका राठी, हरप्रीत कौर, पूजा रानी, स्नेहा एवं समीक्षा को सम्मानित किया गया।
स्पर्श पर दी जानकारी, ली शपथ
कार्यक्रम के दौरान स्पर्श वोलेंटियर पूनम खेतान ने गुड टच-बैड टच के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ आईएएस नवीन जैन की ओर से राज्य में स्पर्श अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत बच्चों अच्छे और बूरे स्पर्श के बारे में विस्तार से व व्यवहारिक जानकारी देकर प्रशिक्षित किया जाता है। कार्यक्रम के दौरान सभी मंचासीन, बालिकाओं, महिलाओं व अधिकारियों ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत शपथ लेकर कन्या भू्रण न करने एवं न करने देने की शपथ ली। कार्यक्रम में मुखबिर योजना की विस्तृत जानकारी दी गई।

प्रश्रोत्तरी आयोजित, बेटियों ने कलेक्टर को दिया पोर्टेट


कार्यक्रम के दौरान प्रश्रोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें सही जवाब देने वाली बालिकाओं को मौके पर ही पुरस्कृत किया। प्रश्रोत्तरी में आशा प्रभारी रायसिंह सहारण ने सवाल किए एवं बालिकाओं ने उत्साहपूर्वक जवाब दिए। कार्यक्रम में बालिका मंजू छिंपा एवं दीपिका शर्मा ने जिला कलेक्टर रूकमणि रियार सिहाग को उनका पोर्टेट सौंपा। कार्यक्रम मेें जिला लेखा प्रबंधक मनोज मित्तल, सतीश गुप्ता, सांख्यिकी अधिकारी प्रीति अरोड़ा, एनटीसीपी प्रभारी अजय सिंह शेखावत व नकुल शेखावत विशेष सहयोग  रहा।