मनरेगा मज़दूरों को सर्वाेच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार मजदूरी व काम मिले

विनय एक्सप्रेस समाचार, श्रीगंगानगर। मनरेगा मजदूरों की दिन में दो बार ऑनलाइन हाजरी लेने की व्यवस्था को लेकर अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन ने कड़ा विरोध जताया है। गौरतलब है कि इन दिनों मनरेगा के तहत श्रमिकों की भी दो बार ऑनलाइन हाजरी लेने व्यवस्था की गई है, इसे लेकर नरेगा मजदूर संघ तथा अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के द्वारा विरोध व्यक्त किया गया है।


श्रीगंगानगर के पंचायती धर्मशाला में अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन द्वारा आयोजित एक पत्रकार वार्ता में अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के अ. भा. सचिव डॉ0 विक्रम व प्रदेश अध्यक्ष रामरतन बगड़िया ने बताया कि मनरेगा कानूनों में जिस प्रकार परिवर्तन किया जा रहा है वह किसी भी प्रकार से मनरेगा मजदूरों के हितों में नहीं है।

उन्होंने सर्वाेच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार मनरेगा मजदूरों को रूपयें 600 प्रतिदिन की मजदूरी देने तथा साल में कम से कम 200 दिन का काम देने की बात कही। इसके अलावा मनरेगा के बजट में की गई कटौती को वापस लेने तथा शहरी क्षेत्रों में भी मनरेगा का काम शुरू करने की बात कही है। डॉक्टर विक्रम ने बताया कि मनरेगा मजदूरों का बकाया भुगतान भी काफी समय से पड़ा है, इसको जारी किया जाए इसके अलावा मनरेगा मजदूरों के कार्य स्थलों पर छाया, पानी और दवाई आदि की उचित व्यवस्था में भी लगातार लापरवाही हो रही है। उन्होंने कहा कि मनरेगा में ठेका व्यवस्था को बंद करने के साथ-साथ मनरेगा मजदूरों के लिए श्रम कल्याण बोर्ड की सभी योजनाओं को जोड़ा जाए। इनका भुगतान भी समय पर किया जाए, साथ ही साथ मनरेगा मजदूरों को 7 साल की उम्र में रूपयें 3000 प्रति माह पेंशन देने की बात कही।


इस अवसर पर अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के अध्यक्ष अजीत सिंह व सचिव वकील सिंह के अलावा कामरेड दुर्गा स्वामी वरिष्ठ कांग्रेस नेता भुरामल स्वामी एडवोकेट उपस्थित रहे।