विनय एक्सप्रेस समाचार, जैसलमेर। जैसलमेर जिले में विश्व जल दिवस पर जिला कलक्टर डॉ. प्रतिभा सिंह के मुख्य आतिथ्य एवं जिला प्रमुख प्रतापसिंह सोलंकी की अध्यक्षता में मंगलवार को डीआरडीए सभागार में अटल भूजल योजना के तहत भू जल सरक्षण और जल की सतत उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ‘‘भूजल अदृश्य को दृश्यमान बनाना‘‘ विषय पर कार्यशाला का आयोजन हुआ। इस कार्यशाला में उप जिला प्रमख डॉ. बी.के. बारूपाल, पंचायत समिति सम के प्रधान तन सिंह सोढ़ा, जैसलमेर प्रधान श्रीमती रसाल कंवर, मोहनगढ़ प्रधान श्रीमती कृष्णा चौधरी, पूर्व जिला प्रमुख एवं महिला आयोग की सदस्य श्रीमती अंजना मेघवाल, अधीक्षण भू जल वैज्ञानिक डॉ विमल सोनी, जैसलमेर विकास समिति के सचिव सी पी व्यास, अधीक्षण अभियंता दिनेश नागोरी, विकास अधिकारी, सरपंच गण, विभागीय अधिकारियों के साथ ही अन्य सम्भागी उपस्थित थे।
जिला कलक्टर ने सम्भागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिले में भूजल के गिरते स्तर को पुनः कैसे बढ़ाया जा सके, उसके लिए विशेष कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अटल भूजल योजना में जिले की तीन समितियां एवं उनकी ग्राम पंचायते चयनित की गई है, उनमें भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए विशेष कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने इसके साथ ही जिले में जल के हो रहे दोहन को भी कम करने के लिए लाईन डिपार्टमेंट को सहयोग लेकर ठोस कदम उठाने पर बल दिया।
जिला प्रमुख प्रतापसिंह सोलंकी ने विश्व जल दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि जैसलमेर वासियों को पानी के महत्व की बखूबी जानकारी है एवं यहां के लोगों ने पानी को घी से भी अधिक महत्व दिया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में नलकूपों से हो रहे जल के दोहन से दिनो-दिन भूजल का स्तर गिर रहा है, जो हम सबके लिए चिन्तनीय है। उन्होंने कार्यशाला में भूजल स्तर बढ़ाने के सम्बन्ध में विशेषज्ञों द्वारा जो जानकारी दी जाएगी, उसको फील्ड में क्रियान्विति कर जल को बढ़ाना है।
उप जिला प्रमुख डॉ. बी.के. बारूपाल ने कहा कि जल ही जीवन है एवं जल के बिना कल नहीं है। उस थीम को ध्यान में रखते हुए हमें जल के उपयोग को समझना होगा एवं इस क्षेत्र में कम से कम पानी का दोहन करना होगा तभी हम आने वाली पीढ़ी के लिए जल को बचा पाएगे। कार्यशाला के प्रारम्भ में अधीक्षण अभियंता जलदाय दिनेश नागौरी ने सभी अतिथियों एवं सम्भागियों का स्वागत किया। भूजल वैज्ञानिक डॉ. एन.डी. ईणखियां ने अटल भूजल योजना के तहत जिले में भूजल स्तर को बढ़ाने के सम्बन्ध में की जाने वाली गतिविधियों पर प्रकाश डाला तथा अटल भू जल योजना की अब तक की प्रगति के बारे में पावर पॉइंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से जानकारी प्रदान की।
नोडल अधिकारी ने बताया की भू जल विभाग अपने सिमित संसाधनों के साथ योजना की हर गतिविधि को प्रभावी ढंग से पूरा करने का प्रयास कर रहा है। योजना के तहत जिले के 41 जल सुरक्षा प्लान तैयार कर राज्य इकाई को प्रेषित किये जा चुके है। कार्यक्रम के अंत में भू जल वैज्ञानिक रिशेंद्र सिंह ने आभार व्यक्त किया। संचालन बराई दीन संवारा द्वारा किया गया।