विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। तृतीय राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन शनिवार को राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर, जयपुर एवं राज्य के सम्पूर्ण अधीनस्थ न्यायालयों में ऑफलाईन के साथ-साथ ऑनलाइन माध्यम से किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रदेश में कुल 81 हजार 110 प्रकरणों जिनमें से प्रि-लिटिगेशन की स्टेज के 27,091 व न्यायालयों में लंबित 54,019 प्रकरणों का राजीनामा की भावना से निस्तारण कराया गया तथा 558 करोड़ रुपये की अवार्ड राशि पारित की गयी।
राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर पीठ में न्यायाधिपति श्रीमती सबीना, न्यायाधीश, राजस्थान उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष, राजस्थान उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, जयपुर व राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर में न्यायाधिपति श्री संदीप मेहता, न्यायाधीश, राजस्थान उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष, राजस्थान उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, जोधपुर की अध्यक्षता में राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ प्रातः 10.00 बजे किया गया।
राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष व प्रशासनिक न्यायाधीश, राजस्थान उच्च न्यायालय श्री संगीत लोढा के निर्देशानुसार इस राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रि-लिटिगेशन मामलों के तहत धारा 138 परक्राम्य विलेख अधिनियम, धन वसूली के प्रकरण, श्रम एवं नियोजन संबंधित प्रकरण, बिजली, पानी व अन्य बिल भुगतान से संबंधित प्रकरणों, भरण-पोषण से संबंधित प्रकरण एवं अन्य (दाण्डिक शमनीय एवं अन्य सिविल प्रकरण) को रखा गया। इसी प्रकार विभिन्न न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में दाण्डिक शमनीय प्रकरण, दाण्डिक लघु प्रकृति, धारा 138 परक्राम्य विलेख अधिनियम, धन वसूली, मोटर वाहन दुर्घटना अधिकरण के प्रकरण, बिजली, पानी व अन्य बिल भुगतान से संबंधित प्रकरण, वैवाहिक विवाद, भूमि अधिग्रहण से संबंधित प्रकरण, मजदूरी भत्ते और पेंशन भत्तों से संबंधित सेवा मामले, राजस्व मामले एवं अन्य सिविल मामलों के प्रकरणों को रखा गया। लोक अदालत में चेक अनादरण के मामले जिनमे चेक राशि दो लाख रूपये से कम की है पर विशेष ध्यान केन्दि्रत किया गया। इन सभी प्रकरणों में लोक अदालत से पूर्व प्री-काउंसलिंग की कार्यवाही की गई।
राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव श्री ब्रजेन्द्र जैन ने बताया कि विगत राष्ट्रीय लोक अदालतों में केवल अधीनस्थ न्यायालयों में ऑफलाईन के साथ-साथ ऑनलाईन माध्यम से लोक अदालत का आयोजन किया जाता रहा है लेकिन इस बार राष्ट्रीय लोक अदालत में पहली बार ऑफलाईन व ऑनलाईन दोनों माध्यम से लोक अदालत का आयोजन राजस्थान उच्च न्यायालय में भी किया गया, जहां 10 प्रकरणों का निस्तारण वीडियो कॉन्फ्रेन्सिग के माध्यम से न्यायाधिपतिगण श्री विजय व्यास, श्री जे. के. रांका की अध्यक्षता एवं डॉ. पदम कुमार जैन तथा सुश्री चन्द्रकान्ता गुप्ता, सेवानिवृत्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश की सदस्यता में गठित लोक अदालत बैंच द्वारा दूरस्थ क्षेत्रों में निवासरत पक्षकारों को जोडकर ऑनलाईन राजीनामा करवाया जाकर प्रकरण का जरिये राजीनामा निस्तारण किया गया।
उन्होंने बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर मुख्य पीठ में कुल 311 प्रकरणों का निस्तारण कर 3 करोड़ 99 लाख 46 हजार 803 रुपये का अवार्ड पारित किया गया व राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर पीठ में कुल 349 प्रकरणों का निस्तारण कर 3 करोड़ 23 लाख 57 हजार 168 रुपये का अवार्ड पारित किया गया। उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन कोविड-19 हेतु राज्य सरकार द्वारा जारी गाईड लाइन की अक्षरशः पालना करते हुए किया गया।
श्री जैन ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने हेतु न्यायाधिपति श्री संगीत लोढ़ा ने न्यायिक अधिकारीगणों, मुख्य सचिव, वित्त सचिव, प्रमुख विधि सचिव से लेकर इन्शोरेन्स कम्पनी, बैंक अधिकारीगण, विभिन्न विभागों के प्रतिनिधिगण के साथ व्यक्तिशः बैठक कर राष्ट्रीय लोक अदालत में राजीनामा योग्य प्रकरणों को रखने हेतु प्रेरित किया ताकि आम जन को सस्ता, सुलभ एवं शीघ्र न्याय मिल सके और लोक अदालत प्रणाली में आमजन का विश्वास प्रशस्त हो।