भरे हॉल में तालियों की गूंज ने ‘मिस्टीकल फॉरेस्ट’ की प्रस्तुति ने अमिट छाप छोड़ी

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। डेल्फिक काउंसिल ऑफ़ राजस्थान और उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला के संयुक्त तत्वाधान में, जवाहर कला केंद्र के रंगायन सभागार में नृत्य नाटिका ‘मिस्टिकल फॉरेस्ट’ की प्रभावी प्रस्तुति की गई ।

यह मयूरभंज छाऊ और समकालीन नृत्य विधा पर आधारित एक ऐसी नृत्य नाटिका है जिसमें प्राकृतिक परिवेश में रहने वाले लोगों की उस पीड़ा को कलात्मक ढंग से दर्शाया गया जो बाहरी हस्तक्षेप के कारण होती है। आधुनिकता की होड़ ने जिस प्रकार हमें, हमारी नैसर्गिक शांति से दूर किया है इस प्रस्तुति ने उस ओर इशारा किया। इस प्रस्तुति में जंगल में रहने वाले लोग प्राकृतिक परिवेश के प्रतीक ही हैं जिन्हें बाहरी दुनिया खत्म करना चाहती हैं ।
इस नृत्य नाटिका की खूबसूरती इस बात में भी थी कि इस समस्या की ओर मात्र इशारा किया गया, निष्कर्ष दर्शकों पर छोड़ दिया गया। छाऊ नृत्य में प्रयोग होने वाले विभिन्न मास्क और प्रभावी लाइटिंग ने दर्शकों के ज़ेहन पर जबरदस्त छाप छोड़ी । कलाकारों के अद्भुत नृत्य और अभिनय ने दर्शकों को बांधे रखा।
साध्या संस्था, नई दिल्ली की इस प्रस्तुति का निर्देशन प्रसिद्ध कोरियोग्राफर संतोष नायर द्वारा किया गया था। संगीत उपमन्यु भनोत और लाइटिंग मिलिंद श्रीवास्तव की थी।
इस प्रस्तुति के मुख्य अतिथि जे एस डब्लू प्राइवेट लिमिटेड के थर्मल बिजनेस हेड थे जिन्होंने प्रस्तुति की भरपूर प्रशंसा करते हुए कार्यक्रम की सराहना की। इस अवसर पर डेल्फिक काउंसिल ऑफ़ राजस्थान की अध्यक्ष श्रेया गुहा और वरिष्ठ आई ए एस अधिकारी संदीप वर्मा और उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक फुरकान खान भी उपस्थित थे।