विनय एक्सप्रेस समाचार, श्रीगंगानगर। ‘अब पुरुष निभाएंगे जिम्मेदारी, परिवार नियोजन अपनाकर दिखाएंगे अपनी भागीदारी’ थीम पर जिले में सोमवार से पुरुष नसबंदी पखवाड़ा प्रारंभ हुआ। मोबिलाइजेशन व सेवा वितरण सप्ताह के रूप में मनाए जाने वाला यह पखवाड़ा चार दिसंबर तक चलेगा। पखवाड़े का पहला चरण 21 से 27 नवंबर तक मोबिलाइजेशन सप्ताह के रूप में एवं दूसरा चरण 28 नवंबर से चार दिसंबर तक सेवा वितरण सप्ताह के रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान नसबंदी शिविरों के साथ ही जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
एसीएमएचओ डॉ. मुकेश मेहता ने बताया कि परिवार कल्याण कार्यक्रम में पुरुषों की भागीदारी बेहद अहम है लेकिन नसबंदी में पुरुषों की भागीदारी कम रहती है। इसलिए जरूरी है कि पुरुषों को नसबंदी के लिए प्रेरित किया जाए और इसी उद्देश्य के साथ जिले में पुरुष नसबंदी पखवाड़ा प्रारंभ किया गया है। इस दौरान मोबिलाइजेशन सप्ताह में जनसंख्या स्थिरीकरण में पुरूषों की भागीदारी सुनिश्चित करने एवं एनएसवी कार्यक्रम को सुचारु करने के उद्देश्य से पुरुष नसबंदी बढ़ाने के लिए जागरूकता पैदा की जाएगी। पुरुष नसबंदी पखवाड़ा में स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनियां व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा अपने क्षेत्र में लोगों को पुरुषों की परिवार नियोजन में सहभागिता, परिवार नियोजन के उपलब्ध साधनों की जानकारी, परिवार सीमित रखने, सीमित परिवार के लाभों, प्रसवोत्तर परिवार कल्याण सेवाएं, गर्भपात पश्चात परिवार कल्याण सेवाएं, विवाह की सही आयु (लडके की 21 व लडक़ी की 18 वर्ष), विवाह के पश्चात कम से कम दो वर्ष बाद पहली संतान, दो बच्चों के बीच कम से कम तीन साल का अंतर रखने सहित परिवार नियोजन के बारे में विस्तार से जानकारी देकर आमजन को इसके लिए प्रेरित किया जाएगा। सीओआईईसी विनोद बिश्राई ने बताया कि आमजन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, ट्वीटर आदि पर आईईसी श्रीगंगानगर पेज से जागरूकता सामग्री हासिल कर सकते हैं। वहीं जागरूकता के लिए सास बहू सम्मेलन में भी पुरुष नसबंदी पर चर्चा होगी और घर-घर परिवार कल्याण संसाधन वितरण के दौरान भी आशा व एएनएम आमजन को जागरूक करेंगी।