विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। सूचना प्रौद्योगिकी के युग में राज्य के विद्यार्थियों को कम्प्यूटर शिक्षा से लैस करने के उद्धेश्य से माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने पहली बार रज्य में कम्प्यूटर शिक्षक केडर का सृजन किया है।
स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव श्री नवीन जैन ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री महोदय के निर्देशों की पालना में शिक्षा विभाग सूचना एवं तकनीकी के युग में राजकीय विद्यालयों के बच्चों को कम्प्यूटर शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए विभाग ने विभिन्न प्राथमिकताएं तय की है। इन्हीं प्राथमिकताओं में कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए कम्प्यूटर शिक्षा का पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। इसके लिए राज्य परियोजना निदेशक की अध्यक्षता में एक कमेटी का निर्माण किया गया है, जो 10 दिवस में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इस कमेटी में एससीईआरटी के शैक्षिक अधिकारी, आरईआई संस्थाओं के प्रतिनिधि तथा विषय विशेषज्ञ सम्मिलित होंगे। रिपोर्ट के आधार पर कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए बेसिक कम्प्यूटर शिक्षा का पाठ्यक्रम तैयार कर क्रियान्विति की जायेगी।
श्री जैन ने बताया कि बेसिक कम्प्यूटर अनुदेशकों तथा वरिष्ठ कम्प्यूटर अनुदेशकों को राज्य सरकार द्वारा नियुक्ति दी गई है, लेकिन उनका अभी तक जॉब प्रोफाइल जारी नहीं किया गया है। विभाग द्वारा इनके लए जॉब प्रोफाइल तैयार किया जा रहा है। राज्य सरकार की अनुमति से शीघ्र ही बेसिक कम्प्यूटर अनुदेशकों तथा वरिष्ठ कम्प्यूटर अनुदेशकों का जॉब प्रोफाइल जारी किया जायेगा ताकि इनका लाभ विद्यार्थियों को मिल सके।
श्री जैन ने बताया कि शिक्षा विभाग राज्य के विद्यार्थियों हेतु कई प्रकार से ई-नवाचार कर रहा है, जिसके तहत 5 सितम्बर शिक्षक दिवस के अवसर पर 12 हजार से अधिक राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में ई-एज्यूकेशन का शुभारंभ ‘मिशन स्टार्ट‘ कार्यक्रम के तहत किया जायेगा। इस हेतु शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न पाठयक्रमों के पाठवार ऑनलाइन वीडियो तैयार करवाये गये हैं। प्रदेश के 12 हजार से अधिक विद्यालयों में आईसीटी से संबंधित वर्तमान में उपलब्ध उपकरणों/इंटरनेट का इस्तेमाल करके ई-कक्षाओं का संचालन किया जायेगा। विद्यालय में विषय शिक्षक के अवकाश रहने या पद रिक्त रहने पर ई-कक्षाओें का संचालन किया जायेगा। प्रत्येक संस्था प्रधान द्वारा प्रत्येक शनिवार को आगामी सप्ताह की ई-कक्षा की समय सारणी अग्रिम रूप से तैयार कर विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर लगाकर विद्यार्थियों को सूचित किया जायेगा। इसके लिए सभी जिलों में तैयार विषय वस्तु को हार्ड डिस्क/इंटरनेट के माध्यम से विद्यालयों में पहुंचाया जायेगा। इस कार्यक्रम द्वारा विद्यार्थी नवीन तकनीक से रूबरू होने के साथ ही टेक्नोलॉजी फ्रेंडली होंगे तथा उनके तकनीकी ज्ञान में वृद्धि होगी। ‘मिशन स्टार्ट‘ राजस्थान की शिक्षा प्रणाली को सुढृढ करने के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
श्री जैन ने बताया कि राज्य की 300 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में रोबोटिक्स लैब स्थापित की गई है तथा 201 विद्यालयों में लैब स्थापना प्रक्रियाधीन है। इन लैब में कार्य करने से विद्यार्थियों को तकनीकी कौशल विकसित कर सीखने का अवसर मिलेगा, जो उनकी बौद्धिक क्षमताओं को मजबूती प्रदान करेगा।
श्री जैन ने बताया कि मिशन ज्ञान के सहयोग से स्कूल शिक्षा विभाग बोर्ड कक्षाओं के लिए स्कूल ऑफ्टर स्कूल कार्यक्रम का संचालन भी 05 सितम्बर से करेगा, जिसके तहत बोर्ड कक्षाओं के लिए स्कूल समय के पश्चात् लाइव क्लासेज का आयोजन यूट्यूब के माध्यम से किया जायेगा। लाइव क्लासेज इन्टरेक्टिव होगी, जिससे छात्र रियल टाइम क्लास रूप का एक्सप्रियंस का अनुभव कर सकेंगे तथा त्वरित प्रोबलम सोल्विंग से बच्चों के सभी डाउट उसी समय सोल्व किये जा सकेंगे। क्लास के बाद पीडीएफ नोटस, ई-बुक्स, क्विज के माध्यम से छात्र समय पर रिविजन भी कर सकेंगे। राजस्थान स्कूल समय के पश्चात् ऑनलाइन सपोर्ट देने वाला देश का अग्रणी राज्य है।