राजस्थान के सरकारी विभाग में तकनीक के माध्यम से काम को आसान बनाने और गति देने कि, की जा रही कोशिश
विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। राजस्थान के सरकारी विभाग में पेपरलैस आदेश निकाले जा रही है, जिससे अधिकारियों का काम बहुत आसान हो रहा है. राजस्थान के वरिष्ठ आईएएस डॉ. समित शर्मा ने इस पहल की शुरूआत की है.
अब सरकारी दफ्तरों में फाइलों का नहीं लगेगा अंबार
सरकारी दफ्तरों में जाते ही हमे फाइलों का अंबार देखने को मिलता है, जिसमें नई पुरानी फाइलों से सरकारी दफ्तर भरे रहते है, लेकिन राजस्थान के सरकारी विभाग में भारी भरकम फाइलों से मुक्ति मिल गई है. राजस्थान में तकनीक के जरिए पूरे सिस्टम को पेपरलैस करने की कोशिश की जा रही है, जिसकी शुरूआत वरिष्ठ आईएएस डॉ. समित शर्मा ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से की. विभाग के सचिव डॉ समित शर्मा ने अपने विभाग में पूरे सिस्टम को बहुत आसान बना दिया है
स्कैन करने पर आदेश, योजनाएं होगी सामने
दरअसल समित शर्मा अपने विभाग में ऐसे आदेश निकाल रहे हैं, जिमसें क्यू-आर कोड का इस्तेमाल किया जा रहा है. यानि अधिकारियों को अपने मोबाइल में क्यूआर कोड का सिर्फ स्कैन करना है और पूरा आदेश मोबाइल में ओपन हो जाएगा. आदेश के साथ-साथ विभाग में चाहे डेटा की बात हो या फिर योजनाओं की. सभी कार्यों में डॉ. समित शर्मा स्कैनिंग सिस्टम को आजमाकर अपने विभाग का काम बहुत आसान कर रहे हैं. समित शर्मा के इस प्रयास से पूरा सिस्टम तो अपडेट होगा ही, इसके साथ साथ पूरी सरकारी प्रक्रिया पेपरलेस भी होगी.
सीएम गहलोत ने भी दिए कई बार सुझाव
अमूमन ये प्रक्रिया आपने अब तक प्राइवेट दफ्तरों में देखी होगी, लेकिन संभवतया राजस्थान के किसी भी सरकारी विभाग में इस तरह की कार्यशैली पहली बार शुरू हुई है. समित शर्मा ने इससे पहले भी वाट्सअप और दूसरे साफ्टवेयर के जरिए विभाग के काम को आसान बनाने की कोशिश की थी. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी लगातार यही कह रहे हैं कि तकनीक को ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जाए, ताकि काम आसान और तेजी से हो सके.