विनय एक्सप्रेस समाचार, हनुमानगढ़। खाद्य पदार्थों के अवमानक पाए जाने पर माननीय न्यायालय ने पांचों खाद्य पदार्थ व्यापारियों पर 2 लाख 35 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। संबंधित फर्म संचालकों को यह राशि एक माह के अंदर-अंदर जमा करवानी पड़ेगी। जुर्माना राशि जमा ना करवाने पर खाद्य विक्रेता का लाइसेंस निरस्त कर वसूली की कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जावेगी। इसके अलावा एक पुराने मामले में मिलावटी दूध बेचने वाले को 6 माह की सजा सुनाई गई।
सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि श्शुद्ध के लिए युद्ध अभियान्य एवं रुटीन निरीक्षण में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के खाद्य सुरक्षा अधिकारी जीतसिंह यादव द्वारा गत माह हनुमानगढ़ जिले में अनेक संस्थानों पर निरीक्षण कर खाद्य पदार्थों के नमूने एकत्र करने की कार्यवाही की गई थी। एकत्र नमूनों को जांच के लिए बीकानेर स्थित जांच लैब में भेजा गया। उक्त नमूनों की जांच रिपोर्ट में सामने आया कि पांच फर्मों के नमूनों को अवमानक अथवा मिथ्याछाप होना पाया गया। उक्त पांच फर्मों पर माननीय न्यायालय एडीएम कोर्ट हनुमानगढ़ ने जुर्माना लगाया है। उन्होंने बताया कि रावतसर के सतवीर जाट पुत्र किशनलाल जाट के संस्थान से मावा का सैम्पल भरा गया था, जो अवमानक पाया गया, जिस पर एक लाख रुपए जुर्माना लगाया गया। इसी तरह, पीलीबंगा के चेतराम पुत्र काशीराम स्वामी के संस्थान से भी घी का सैम्पल भरा गया। यह सैम्पल अवमानक पाए जाने पर कोर्ट ने इन पर 50 हजार रुपए जुर्माना लगाया। नोहर के देवकीनंदन पुत्र चेतनदास के संस्थान से सरसों के तेल का सैम्पल लिया गया, जो मिथ्याछाप पाए जाने पर संस्थान पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। हनुमानगढ़ निवासी राजेश कुमार पुत्र बलराम के संस्थान से गाय के दूध का सैम्पल भरा गया, जो अवमानक पाया गया। इन पर कोर्ट द्वारा 25 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया। हनुमानगढ़ के बालकिशन पुत्र रामचन्द्र हलवाई के संस्थान से मावा का सैम्पल लिया गया, जो फेल हो गया। इन पर भी 10 हजार रुपए की जुर्माने से दण्डित किया गया। उन्होंने बताया कि कोर्ट द्वारा संबंधित संस्थानों को जुर्माना राशि जमा करवाने के लिए अवगत करवा दिया गया है।
खाद्य अपमिश्रण अधिनियम 1956 के अंतर्गत एसीजेएम कोर्ट नोहर में दर्ज पुराने प्रकरण में मिलावटी दूध बेचने के दोषी मानते हुए पीएफए एक्ट धारा 7/16 के अंतर्गत दर्ज परिवाद में नोहर के थालड़का निवासी राजवीर पुत्र बलवंत को छरू माह के कारावास एवं 3 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। यह फैसला 17 अगस्त 2021 को सुनाया गया।
डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि जिले में निरीक्षण की कार्यवाही निरंतर जारी रहेगी। उन्होंने आमजन से अपील की कि जिले में अगर कहीं पर भी मिलावटी खाद्य सामग्री का बेचान किया जाता है, तो उसकी सूचना चिकित्सा विभाग को आवश्यक रूप से दें।