शहरी पुर्नगठित जल प्रदाय योजना का शिलान्यास- बीकानेर के 13 लाख लोगों की पेयजल समस्या का होगा स्थाई समाधान : मुख्यमंत्री

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि शहरी पुर्नगठित जल प्रदाय योजना से बीकानेर शहर और आसपास के 32 गांवों के लगभग 13 लाख लोगों की पेयजल समस्या का स्थाई समाधान हो सकेगा।
श्री गहलोत शुक्रवार को बीकानेर के रवींद्र रंगमंच सभागार में जलप्रदाय योजना के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह योजना बीकानेर के लिए अत्यंत लाभदायक साबित होगी। उन्होंने इसका समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित करने तथा इसकी नियमित मॉनिटरिंग के निर्देश दिए।


मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान के लोग पानी का मोल समझते हैं तथा इसका प्रभावी प्रबंधन करते आए हैं। उन्होंने इंदिरा गांधी नहर परियोजना को पश्चिमी राजस्थान की लाइफलाइन बताते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ईस्टर्न केनाल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करे। इससे प्रदेश के 13 जिलों को इसका प्रत्यक्ष लाभ होगा।
श्री गहलोत ने कहा कि देश में 10 प्रतिशत भू-भाग वाले राजस्थान में सिर्फ 1 प्रतिशत सतही जल उपलब्ध है। ऐसे में इसका प्रभावी प्रबंधन बड़ी चुनौती है। इसके बावजूद राज्य सरकार द्वारा घर-घर तक पानी पहुंचाने की दिशा में प्रभावी कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश के 45 लाख से अधिक परिवारों का बिजली बिल शून्य आने लगा है। राजस्थान देश का पहला राज्य है, जहां मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से प्रत्येक परिवार को 10 लाख रूपये का निःशुल्क इलाज मिल रहा है। प्रदेश में सड़कों का जाल बिछ रहा है। लगभग 90े लाख लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिल रही है।
श्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक व्यक्ति तक सुशासन पहुंचाने को संकल्पबद्ध है। सरकार के जनकल्याणकारी निर्णयां से प्रत्येक वर्ग को लाभ मिल रहा है। शहरी क्षेत्र में रोजगार के लिए इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना शुरू की जा रही है। मनरेगा के तहत 25 दिन का अतिरिक्त रोजगार का प्रावधान किया गया है, जिस पर होने वाला व्यय राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने कहा कि बीकानेर शहर की वर्ष 2052 तक की पेयजल आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2019-20 के बजट में इस योजना की घोषणा की गई थी। योजना के मास्टर प्लान के अनुसार प्रथम चरण में 614.9 करोड़ तथा दूसरे चरण में 798 करोड़ रूपए के कार्य कराए जाएंगे।
डॉ. कल्ला ने बताया कि जलप्रदाय योजना के प्रथम पैकेज के लिए 176 करोड़ रूपए के कार्यादेश जारी कर दिए गए हैं। इसके तहत चकगर्बी में 30 हजार लाख लीटर व बीछवाल में 25 हजार लाख लीटर क्षमता के रॉ वाटर जलाशय तथा दोनों स्थानों पर 300 लाख लीटर क्षमता के जल शोधन यंत्र स्थापित किए जाएंगे। द्वितीय पैकेज में 15 उच्च जलाशय, 2 स्वच्छ जलाशय तथा 61 हजार से अधिक कनेक्शन दिए जाएंगे। पहला फेज नवंबर 2023 तथा दूसरा मई 2024 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है।
उन्होंने बीकानेर के रेलवे फाटकों की समस्या के स्थाई समाधान के लिए मुख्यमंत्री से आग्रह किया। उन्होंने बताया कि पूर्व में मुख्यमंत्री श्री गहलोत द्वारा वर्ष 1998 से 2003 के कार्यकाल के दौरान बीकानेर में रेल बाईपास के लिए 61.12 करोड़ रूपए स्वीकृत किए गए, लेकिन वर्ष 2003 के पश्चात् यह कार्य नहीं हो सका। उन्होंने केन्द्रीय रेल मंत्री से इस समस्या के समाधान के संबंध में वार्ता का आग्रह किया।
जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी ने कहा कि जल तंत्र सुदृढ़ीकरण की दिशा में राज्य सरकार उल्लेखनीय कार्य कर रही है। प्रत्येक घर तक पेयजल पहुंचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है तथा आमजन की पेयजल से जुड़ी प्रत्येक मांग की समयबद्ध पूर्ति के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीकानेर की पुर्नगठित जल प्रदाय योजना सरकार के इन प्रयासों की एक कड़ी है।
राजस्थान एग्रो इंडस्ट्री डवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष श्री रामेश्वर डूडी ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार ने प्रत्येक क्षेत्र में क्रांति लाने का प्रयास किया है। आज दूरस्थ क्षेत्रों में बैठे ग्रामीणों को सरकार की योजनाओं से संबल मिल रहा है।
ऊर्जा राज्यमंत्री श्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि आने वाले 25 वर्षों की योजना के आधार पर जल प्रदाय योजना स्वीकृत करना सरकार की दूरगामी सोच को परिलक्षित करता है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र में भी कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। राज्य में विद्युत तंत्र सुदृढ़ हुआ है तथा 50 यूनिट बिजली मुफ्त करने से ग्रामीणों को प्रत्यक्ष राहत मिली है।
इस मौके पर अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने जलप्रदाय योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में केश कला बोर्ड अध्यक्ष श्री महेन्द्र गहलोत, भूदान आयोग अध्यक्ष श्री लक्ष्मण कड़वासरा, डॉ. भीमराव अम्बेडकर फाउण्डेशन के महानिदेशक श्री मदन गोपाल मेघवाल तथा माटी कला बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री डूंगरराम गेदर सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण मौजूद रहे।