विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद बीकानेर इकाई द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी भारत का स्वाधीनता आंदोलन एवं साहित्य विषय पर दो दिवसीय संगोष्ठी संपन्न हुई। संयोजक करणसिंह बेनीवाल ने बताया कि संगोष्ठी में संपूर्ण देश से दो सौ से अधिक साहित्यकारों ने नौ सत्रो में भाग लिया ।
40 शोधार्थियों ने शोधपत्रों का वाचन किया जिन्हें प्रमाणपत्र प्रदान किए गये। मुख्य अतिथि श्रीराम परिहार ने कहा कि संस्कृति के उत्तम तत्वों का आदर ना होने पर वह काल कलवित हो जाती है इसीलिए संस्कृति में जीवन मूल्यों का समावेश होना अत्यावश्यक है। विशिष्ट अतिथि डॉ इंदुशेखर तत्पुरुष, पूर्व अध्यक्ष राजस्थानी साहित्य अकादमी, उदयपुर ने स्वतंत्रता आंदोलन में विभिन्न पत्रिकाओं के माध्यम से जन जागरण और वैचारिक परिवर्तन की समुचित व्याख्या करते हुए तत्कालीन साहित्य समाज की दशा और दिशा की विवेचना की।
अध्यक्षता कर रहे अखिल भारतीय साहित्य परिषद राजस्थान क्षेत्र के संगठन मंत्री डा.विपिनचंद्र पाठक ने कहा साहित्य हमारे अंदर शौर्य प्रेम प्रेरणा कर्तव्य परायणता, सेवा का भाव जाग्रत करता है। साहित्य भारत देश की ॠषि, त्याग, ज्ञान, अध्यात्म, दर्शन परंपरा को अपने में समाये हुए है।
महामंडलेश्वर श्री सरजूदास ने कहा साहित्य के बल पर हमारा देश संपूर्ण विश्व में अलग स्थान रखता है। इस अवसर पर प्रदेशाध्यक्ष डा. अन्नाराम शर्मा, विभाग संघचालक तेजचंद वरडिया, मोनिका गौड, विजय मोहन जोशी, समाजसेवी दीपक पारीक, डॉ.सत्यप्रकाश आचार्य, डॉ.चंद्रशेखर कच्छावा, डॉ.रवीन्द्र कुमार उपाध्याय डॉ.नीलम राठी, डॉ.सुरेन्द्र सिंह राव, डॉ.ममता जोशी, डॉ.राजेन्द्र सिंघवी, मुनीन्द्र अग्निहोत्री, डॉ.संजीव कश्यप, ओमप्रकाश भार्गव सहित देश भर से आये साहित्यकारों ने भाग लिया सत्र का संचालन मनीषा आर्य सोनी ने किया।
कल सायं के सत्र समापन के बाद शुरू हुए कवि सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कुंदनलाल शर्मा ने कहा कि हमारे देश के साहित्यकार अपनी कलम से जन चेतना का कार्य कर रहे हैं | मुख्य अतिथि डॉ.अजय जोशी ने कहा कि पूरे देश से आए साहित्यकारों ने बीकानेर में दो दिन स्वतंत्रता की अलख पर भुत अच्छा कार्य किया जिससे नवांकुरों को आजादी का महत्व समझ में आया है |
कवि सम्मेलन में स्थानीय कवियों के साथ बाहर से आए कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से देश के गौरव का गुणगान कर खूब तालियां बटोरी । कमलनयन शर्मा, डी.आर.पद्म कोटपूतली, श्रीमती कुसुम शर्मा, ओमप्रकाश भार्गव जयपुर, जयसिंह आशावत बूंदी, राजाराम स्वर्णकार, मनीषा आर्य, नीलम पारीक, सुमन ओझा जोशी, मोनिका गौड़ बीकानेर, राजेन्द्र शर्मा मुसाफिर चुरू, ओमप्रकाश सुथार रावतसर, कैलाश टाक, डॉ.कृष्णा आचार्य, जितेन्द्रसिंह राठौड़, कृष्णलाल विश्नोई, नन्हे कलाकार आशानन्द बीकानेर ने अपने नगाड़ों के साथ प्रस्तुति दी |
विश्वनाथ भारती, गुरदयाल भारती तारानगर आदि ने देशभक्ति की रचनाओं से समां बाँध दिया | संचालन हास्य कवि बाबू बमचकरी ने किया | आभार मधुसुदन सोनी ने व्यक्त किया |