राजस्थान ग्रामीण परिवार आजीविका ऋण योजना : एक लाख परिवारों को अकृषि कार्यों के लिए मिलेगा 2 लाख रूपये तक का ब्याज मुक्त ऋण

वाणिज्यिक, क्षेत्रीय ग्रामीण एवं सहकारी बैंक 2000 करोड रूपये का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करें : प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता ने बैंक प्रतिनिधियों की ली बैठक

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता श्रीमती श्रेया गुहा ने कहा कि राजस्थान ग्रामीण परिवार आजीविका योजना के तहत एक लाख परिवारों को अकृषि कार्यो के लिए 2000 करोड़ रूपये का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाना है। राज्य सरकार ने योजना को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक एवं सहकारी बैंक इस वित्तीय वर्ष में दिए गए लक्ष्य के अनुसार एक लाख परिवारों को ब्याज मुक्त ऋण देना सुनिश्चित करें।
श्रीमती गुहा सोमवार को सहकार भवन में राजस्थान ग्रामीण परिवार आजीविका योजना के दायरे में आने वाले वाणिज्यिक, क्षेत्रीय ग्रामीण एवं सहकारी बैंकों के प्रतिनिधियों को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की यह योजना अकृषि कार्यों की गतिविधियों में आजीविका पर निर्भर परिवारों के बेहतरी के लिए लागू की है। उन्होंने कहा कि इस योजना से राजीविका से जुड़े समूहों को विशेष रूप से फायदा होगा।
प्रमुख शासन सचिव ने सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रतिनिधि को निर्देश दिए कि एक माह में पोर्टल तैयार किया जाए ताकि योजना के पात्र लाभार्थियों को जल्द ही ऋण वितरण की प्रक्रिया शुरू की जा सके। उन्होंने कहा कि बैठक में आये विभिन्न सुझावों को ध्यान में रखते हुए योजना को और सरलीकृत किया जाएगा ताकि बैंकों एवं ऋण के लिए पात्र लाभार्थियों को योजना से मिलने वाले लाभ में आसानी हो सके।
सचिव, ग्रामीण विकास विभाग, श्रीमती मंजू राजपाल ने कहा कि इस योजना में राजीविका के समूहों को ब्याज मुक्त ऋण से जोड़ना महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक अहम कदम है। उन्होंने कहा कि राजीविका के महिला समूहों के व्यक्तिगत सदस्यों को ऋण वितरण के लिए कुल ब्याज मुक्त ऋण वितरण का निर्धारित प्रतिशत दिया जाए। जिससे समूहों की गतिविधियों को आगे बढ़ाने में आसानी हो सके। उन्होंने इससे संबंधित सुझाव भी बैठक में रखें।
रजिस्ट्रार, सहकारिता, श्री मुक्तानंद अग्रवाल ने योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में कई परिवार कृषि एवं पशुपालन के साथ-साथ अकृषि कार्यो जैसे हस्तशिल्प, लघु उद्योग, कताई-बुनाई, रंगाई-छपाई आदि से आजीविका पर निर्भर है। राज्य सरकार ने इसके साथ ही राजीविका के स्वयं सहायता समूहों, उत्पादक समूहों एवं व्यावसायिक समूहों को व्यक्तिगत सदस्यों को सामूहिक गतिविधियों के लिए ब्याज मुक्त ऋण के लिए जोड़ा है। राज्य सरकार इस प्रकार के ऋणों के लिए 100 करोड़ रूपये का ब्याज अनुदान भी देगी। उन्होंने एसएलबीसी के प्रतिनिधि को कहा कि बैंकवार निर्धारित लक्ष्य को बैंकों को आवंटित करें। उन्होंने कहा कि बैंठक में आये सुझावों को योजना में शामिल करने के लिए वित्त विभाग को भेजा जाएगा। बैठक में एसएलबीसी के सहायक महाप्रबंधक श्री अनिल सिंघल, संबंधित बैंकों के प्रतिनिधि एवं विभाग के संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।