विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। निदेशालय समेंकित बाल सेवाएं द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से एचसीएम रिपा में जयपुर जिले के समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी ,महिला पर्यवेक्षकों का प्रारंभिक बाल्यावस्था देखरेख एवं शिक्षा ( ईसीसीई ) पर 6 से 8 दिसंबर तक तीन बैच में एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया।
जयपुर जिले में लगभग 4252 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है एवं इनमें 70 हजार बच्चे पंजीकृत हैं। इन बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों पर खेल खेल में स्कूल शिक्षा के लिए तैयार किया जाता है। निदेशक समेकित बाल विकास सेवाएं श्री रामावतार मीना द्वारा गुरूवार को प्रशिक्षण का समापन किया गया।
निदेशक समेकित बाल विकास सेवाएं श्री रामअवतार मीणा प्रशिक्षण के दौरान बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं महिला पर्यवेक्षकों को अपने सम्बोधन में कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से संचालित आंगनबाड़ी में बच्चों का ठहराव सुनिश्चित करने हेतु खेल खेल में शिक्षा महत्वपूर्ण है। इस हेतु आंगनबाड़ी केंद्रों पर खिलौना बैंक लाभकारी हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों का मन अत्यधिक कोमल होता है आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों के साथ बहुत ही सहजता एवं सरलता से कार्य किए जाने का वातावरण आवश्यक है।
प्रशिक्षण में यूनिसेफ शिक्षा विशेषज्ञ श्रीमती सन्नो श्रीवास्तव और आई सी डी एस ईसीसीई सुमन यादव द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों पर नियमित शाला पूर्व शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ-साथ बच्चों के सर्वांगीण विकास से संबंधित बिंदुओं पर चर्चा की गई।
प्रशिक्षण में अतिरिक्त निदेशक ( पोषाहार ) श्री लोकश सहल ने आंगनबाड़ी केंद्रों पर उपलब्ध ईसीसीई सामग्री एवं विभाग द्वारा भेजी जा रही ईसीसी कार्य योजना के अनुसार बच्चों को कार्य करवाने पर बल दिया साथ ही उन्होंने कहा कि विभाग की सेवाओं की लाभार्थियों तक पहुंच बनाने में बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं महिला पर्यवेक्षक की अहम भूमिका है।
प्रशिक्षण के दौरान बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं महिला पर्यवेक्षकों को उपनिदेशक श्री तेज प्रकाश अग्निहोत्री ने इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उपनिदेशक जयपुर श्री महेश शर्मा ने आंगनबाड़ी केन्द्र पर सभी बच्चों तक ईसीसीई की समुचित पहुँच की आवश्यकता पर बल दिया।