जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय का दीक्षान्त समारोह आयोजित, समाज एवं राष्ट्रविकास तथा लोक कल्याण मानव जीवन के लिए सर्वोपरि – राज्यपाल श्री मिश्र

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने युवाओं से अपनी प्रतिभाओं का उपयोग समाज एवं राष्ट्र के लिए समर्पित करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा है कि अर्जित शिक्षा के माध्यम से लोक कल्याण में अधिक से अधिक भागीदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वाह करें।
राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र ने गुरुवार को जोधपुर में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के 19 वें दीक्षान्त समारोह में अध्यक्षीय उद्बोधन में यह आह्वान किया। राज्यपाल श्री मिश्र ने दीक्षान्त समारोह में दो शोधार्थियों डॉ. मोहम्मद कमाल हुसैन और डॉ. तृप्ति खींची को डी लिट तथा डॉ. शिवसिंह राठौड़ को डी-एससी की उपाधि प्रदान की।
कुलाधिपति ने विभिन्न संकायों में वर्ष 2021 में सर्वोच्च अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को स्वर्ण पदक, दानदाता पदक तथा उपाधियां प्रदान की। इनमे 78 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक तथा अन्य पदक प्रदान किए गए। कुलाधिपति ने विभिन्न संकायों में शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधियां प्रदान की।
सेवा भावना को अपनाएं
राज्यपाल श्री मिश्र ने उपाधियां एवं पदक प्राप्त सभी विद्यार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की और कहा कि सच्ची शिक्षा के मर्म को आत्मसात करते हुए केवल अपने लिए नहीं, बल्कि सबके लिए कल्याण और समाज तथा राष्ट्र की सेवा की भावना से जीवन निर्वाह को धन्य करें।
सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास एवं आत्मनिर्भरतापरक शिक्षा पर जोर
राज्यपाल ने स्वामी विवेकानंद के शिक्षा दर्शन को आत्मसात करते हुए स्वयं में आत्मविश्वास जगाते हुए आत्मनिर्भरता, व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास और बहुआयामी प्रतिभाओं को विकसित करने, रोजगार दाता के रूप में व्यक्ति निर्माण के लिए शिक्षा के जरिये सार्थक प्रयासों की जरूरत बतायी।  नई शिक्षा नीति में कौशल विकास से रोजगार पर विशेष ध्यान देते हुए ही उच्च शिक्षा में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को पढ़ने वाले विषयों में ही नहीं बल्कि आज के लिए जरूरी सभी क्षेत्रों से जुड़े ज्ञान से पारंगत किए जाने पर जोर दिया गया है। उन्होंने इस उद्देश्य को सामने रखते हुए विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के बहुमुखी व्यक्तित्व विकास के पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए जोर दिया।
सुशासन के लिए कौटिल्य अर्थशास्त्र का अध्ययन करें
उन्होंने सुशासन के संकल्पों को साकार करने की दिशा में कौटिल्य के अर्थशास्त्र को बहुत महत्त्वपूर्ण ग्रंथ बताते हुए इसके अध्ययन का आह्वान विश्वविद्यालय से जुड़े आचार्यों, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से किया और कहा कि सभी को इसका अध्ययन अवश्य करना चाहिए। यह मानव जीवन के सुशासन की दृष्टि से भी प्रासंगिक और प्रभावी है।
विश्वविद्यालयी गतिविधियों की सराहना
राज्यपाल ने जी-20 के परिप्रेक्ष्य में विश्वविद्यालय द्वारा कई महत्त्वपूर्ण परियोजनाएं बनाने, सालावास को आदर्श गांव बनाने, 21 लाख की धनराशि से स्मार्ट क्लास रूम बनाने आदि कार्यों की सराहना करते हुए ‘बैक टू स्कूल’ कार्यक्रम, भामाशाहों के सहयोग से निःशुल्क ऑनलाईन कक्षाओं के संचालन जैसी अहम् गतिविधियों को भविष्य में भी जारी रखने को कहा।
संविधान की उद्देशिका व मूल कर्तव्यों को करें आत्मसात
समारोह में राज्यपाल एवं कुलाधिपति ने संविधान की उद्देशिका एवम मूल कर्तव्यों का वाचन किया। उन्होंने संविधान को अपने आचरण एवं व्यवहार में लाने का आह्वान सभी से करते हुए कहा कि इससे समाज एवं देश विकसित और सुदृढ़ होगा। उन्होंने जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय में संविधान पार्क को शीघ्र ही मूर्त रूप प्रदान किए जाने के निर्देश दिए।
नारी सशक्तिकरण की दिशा में शुभ संकेत
राज्यपाल ने दीक्षान्त समारोह में छात्रों के मुकाबले छात्राओं की संख्या अधिक होने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि यह शुभ संकेत है जो संदेश देता है कि आने वाले समय में नारी शक्ति हर क्षेत्र में अव्वल स्थान बनाएगी। उन्होंने छात्राओं को बधाई देते हुए छात्रों से कहा कि वे स्पर्धा में आगे रहने के लिए पूरी मेहनत के साथ पढ़ें, सक्षम रहें और आगे बढ़ें। उन्होंने दीक्षान्त के बारे में ‘पदवीदान’ शब्द की चर्चा करते हुए इसकी व्याख्या की।
मुख्यमंत्री ने दी बधाई एवं शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने दीक्षान्त समारोह के लिए शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए उपाधियां प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को बधाई एवं शुभकामनाएं दी और उज्ज्वल भविष्य की कामना की। मुख्यमंत्री श्री गहलोत इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे, लेकिन विधानसभा सत्र की वजह से वे नहीं आ सके। उनके द्वारा प्रेषित शुभकामना संदेश का वाचन कुलपति ने किया।
कुलपति ने दिया स्वागत भाषण
कुलपति प्रो के. एल. श्रीवास्तव ने स्वागत उद्बोधन में कुलाधिपति सहित सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए उपाधि प्राप्त सभी विद्यार्थियों को बधाई दी और श्रेष्ठ नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए समाज और देश की सेवा का आह्वान किया।
इस अवसर पर विभिन्न संकायों के अधिष्ठातागण, निदेशकगण, सिण्डीकेट और सीनेट सदस्यगण, शिक्षकगण, अधिकारीगण, विद्यार्थी, अभिभावक एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।