ग्रामीणों कों अब बनाया जायेगा डिजिटल साक्षर और साइबर क्राइम से मुक्त

मंजरी फाउंडेशन और नैसकॉम फाउंडेशन के सहयोग से प्रारंभ हुए कार्यक्रम के तहत राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय छत्रैल के स्कूली विद्यार्थियों को दी विस्तृत जानकारी

विनय एक्सप्रेस समाचार, जैसलमेर। डिजीटल युग में वर्तमान और भविष्य की बढ़ती अर्थव्यवस्था और रोजमर्रा की जिन्दगी में सबसे बड़ी भूमिका निभा रही है और निभाने वाली है, जहाँ दुनिया पूरी तरह से डिजिटल पर आश्रित हो जाएगी और जिसके लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी डिजिटल साक्षरता। डिजिटल साक्षरता के मामले में भारत में केवल 23ः शहरी परिवार और 4ः ग्रामीण परिवार के पास कंप्यूटर है, जिसमे से 15 से 29 वर्ष की आयु के नौजवान जो की कंप्यूटर संचालित करने में सक्षम हैं वह 56ः शहरी क्षेत्र और 24ः ग्रामीण क्षेत्र में है और साथ ही साथ इंटरनेट का उपयोग करने वाले इसी आयु वर्ग के नौजवान शहरी क्षेत्र में 58ः है और ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 25ः है, अब इन आकड़ों से यह साबित होता है की हमारे देश में डिजिटल साक्षरता आज के इस बढ़ते डिजिटल युग में कितना कम है पर अब मंजरी फाउंडेशन और नैसकॉम फाउंडेशन के सहयोग से राजस्थान के आकांक्षी जिलों जैसलमेर, करौली, बारां, सिरोही और धौलपुर में संचालित होने वाले कार्यक्रम के तहत सरकारी स्कूलों में, स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं,  मनरेगा मजदूरों और मनरेगा मैट, आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता, ए एन एम और सहायिका के साथ साथ दुकानदार, किसान, पशुपालक, सरपंचो, वार्ड पंचो, आदि कों  डिजिटल रूप से साक्षर बनाने के लिए ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी जिससे की वे विभिन डिजिटल डिवाइसेस (कंप्यूटर, मोबाइल फोन, टेबलेट, लैपटॉप) का उपयोग करने में सक्षम हो सकेंगे।

मंजरी फाउंडेशन के वाॅलेंटिर श्रीमती धरमू कंवर ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय छत्रैल में आयोजित हुए कार्यक्रम के दौरान कहा कि आधुनिक युग कंप्यूटर का युग है तथा वर्तमान में सरकार द्वारा सभी सेवाओं को ऑनलाइन किया जा रहा है ऐसे में सभी को डिजिटल साक्षर होना बहुत आवश्यक है। अधिकांश ग्रामीण आबादी संसाधनों की कमी के कारण और पर्याप्त प्रशिक्षण ना मिलने के कारण डिजिटल रूप से साक्षर नहीं होती जिससे की उन्हें विभिन समस्याओ का सामना करना पड़ता है। इसलिए ये प्रोग्राम शुरू किया गया है।

इस कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र के नागरिको को डिजिटल रूप से साक्षर बनाने के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा जिसके अंतर्गत उन्हें कंप्यूटर, मोबाइल चलाने, ईमेल भेजने और प्राप्त करने,ऑनलाइन पेमेन्ट, मेल आई डी बनाना, सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल, डिजिटल लॉकर, सरकारी योजनाओं की जानकारी के लिए उमंग ऐप, मोबाइल का सदुपयोग का तरीका बताया जायेगा साइबर फ्रॉड और साइबर क्राइम से बचने की जानकारी देने के लिए टोल फ्री नंबर, शिकायत दर्ज कराने का तरीका भी बताया जायेगा। कार्यक्रम के तहत इंटरनेट का इस्तेमाल करके विभिन सूचनाएँ प्राप्त करने, गवर्नमेंट सर्विसेज की जानकारी और आवेदन करने की प्रक्रिया और डिजिटल पेमेंट करने सम्बंधित जानकारी दी जाएगी।