नागौर जिले में वैक्सीनेशन कार्य अन्य जिलों से बेहतर चिकित्सकों की माने राय, व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी पर न दे ध्यान

विनय एक्सप्रेस समाचार,नागौर। नागौर जिले में 60 वर्ष और इससे अधिक एवं 45 वर्ष से उपर उम्र के लोगों में वैक्सीनेशन का कार्य अन्य जिलों की अपेक्षा सुचारू रूप से किये जाने के फलस्वरूप जिले की प्रगति प्रदेश में और अधिक बेहतर बन सकी है। वैक्सीनेशन के इस कार्य में 60 वर्ष एवं इससे अधिक उम्र के जिले में 75 प्रतिशत तथा 45 एवं इससे अधिक उम्र के लगभग 50 प्रतिशत लोगों में टीकाकरण का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। जिला कलक्टर डाॅ जितेन्द्र कुमार सोनी ने यह जानकारी आज कलेक्टेªट परिसर स्थित राजीव गांधी केन्द्र में उपखण्ड स्तरीय अधिकारियों के साथ वीसी के माध्यम से ली जारी बैठक में दी।
टीकाकरण एवं चिरंजीवी योजना
डाॅ. सोनी ने कहा कि आगामी 1 मई के पश्चात 18 वर्ष एवं इससे अधिक उम्र के लोगों में टीकाकरण कार्य युद्व स्तर पर किया जाएगा जिसकी प्रगति में नागौर जिला प्रदेश में एक मिसाल बन सके और यह कार्य अधिकारियों के आपसी समन्वय से सम्भव होगा। डाॅ. सोनी ने सभी ब्लाॅक स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना में पंजीयन की समय सीमा को ध्यान में रखते हुए जनप्रतिनिधियों के सहयोग से अधिक से अधिक लोगों का पंजीयन कराया जाना सुनिश्चित करें। साथ ही उन्होने इस बात के निर्देश भी दिए की मई में आरम्भ होने वाले टीकाकरण अभियान में निर्धारित लक्ष्यों को पूरी ताकत के साथ सभी के सहयोग से पूरा करे।
उन्होने बताया की अधिकारी वर्ग कोरोना संक्रमण की जानकारी के प्रति सावचेत रहे और इसकी रोकथाम के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइन की पालना सख्ती से करवाएं तथा इसकी रोकथाम में अपना योगदान दे। उन्हांेने अधिकारियों को यह निर्देश दिए कि शादियों के सीजन में अपने अपने क्षेत्र में हो रहे विवाह कार्यक्रमों में नजर रखे और गाइडलाइन के अनुसार ही शादी समारोह में लोगों की उपस्थिति हो। शदियों में इससे अधिक लोगो के आने की जानकारी मिलने पर सख्त कार्यवाही करते हुए जुर्माना भी किया जाए। उन्होने इस बात पर जोर दिया कि शादियों के माहौल में अनावश्यक भीड़ होने के फलस्वरूप रोग फैलने की सम्भावना अधिक तेज हो जाती है जिसके कारण इसकी रोकथाम के सभी प्रयास एक तरह से गौण हो जाते है।
चिकित्सकों की माने राय व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी पर न दे ध्यान
डाॅ. सोनी ने बताया कि आजकल लोगों का मोबाइल पर अधिक जुडाव होने के फलस्वरूप क्षण प्रतिक्षण व्हाट्स एप एवं सोसियल मीडिया पर प्रसारित होने वाली भ्रामक जानकारी पर विश्वास कर लेते है जो नही होना चाहिए, अपितु चिकित्सकों की राय को ही सर्वोपरि माने। इसके अतिरिक्त आज के इस परिवेश में मिल रही किसी प्रकार की सूचना के स्त्रोत की जानकारी पता लगाए और इसकी विश्वसनियता की भी जांच करें।
उन्होने कहा कि कोरोना गाइडलाइन की पालना के अनुसार जिले के सभी उपखण्ड क्षेत्रों में डोर टू डोर सर्वे कर संक्रमण से प्रभावित लोगों की जानकारी लेवें और उनकी प्रतिदिन अपने स्तर पर समीक्षा की जाए। जिले के सभी चिकित्सालयों में कोरोना वार्ड में भर्ती मरीजों से मिलने वाले परिजन प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक ही मिल सकेगें और इसके लिए अस्पताल के माध्यम से उन्हे निर्धारित पास जारी किया जाएगा। वार्ड में अनावश्यक भीड ना हो इसके लिए संबंधित चिकित्सा प्रभारी आवश्यक व्यवस्था भी करेगें। डाॅ. सोनी ने जिले के सभी अस्पताल प्रभारियो को निर्देश दिए कि कोरोना जांच के लिए आने वाले लोगों को उनकी जांच के बाद आवश्यक रूप से मेडिसिन किट उपलब्ध कराए जिससे वे संभावित रोग से गम्भीर पीडित ना हो और उनका समय पर इलाज शुरू हो जाए। उन्होने निर्देश दिए कि चिकित्सालयों में उपलब्ध आॅक्सीजन के लिए सीसीटीवी कैमरा अनिवार्य रूप से लगाकर उसकी उपयोगिता पर निगरानी रखी जाए।
जिला कलक्टर डाॅ सोनी ने सभी उपखण्ड अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार केवल मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर ही निजी वाहनों को आने जाने की सुविधा उपलब्ध कराए इसके अतिरिक्त रेल एवं रोडवेज बसों में यात्री आ-जा सकेगें।
बैठक के दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर मनोज कुमार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी, उपखण्ड अधिकारी अमित चौधरी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थय अधिकारी मेहराम महिया, सहित जिले के समस्त उपखण्ड अधिकारी व ब्लाॅक मुख्य चिकित्सा अधिकारी शामिल हुए।