मोहन राठी, रमेश चांडक व नारायण कुम्हार सहित अन्य के खिलाफ एमपी नगर पुलिस थाने में दर्ज किया गया मामला
कूटरचित दस्तावेज बनाकर अराजीराज जमीन को बेचने का है प्रकरण
विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। ग्राम चकगर्बी में सरकारी जमीन के कूटरचित दस्तावेज बनवाकर और उपनिवेशन विभाग से राजस्व खसरा बनवाकर एक रसूखदार ने जमीन खरीद कर बेचने वाले रसूखदारों के खिलाफ एमपी नगर पुलिस थाने में जातिसूचक गालियां निकालने, मारपीट करने का मामला दर्ज किया है।
एफआईआर के अनुसार परिवादिया की ओर से दी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि दिनांक 5 सितम्बर, 2023 को वह अपनी खरीदशुदा कृषि भूमि वाके चकगर्बी तहसील व जिला बीकानेर के खसरा नम्बर 1288/159 खाता संख्या 163 तादादी 1.5 बीघा पर अपने छोटे बच्चे सहित सुबह के समय अपनी जमीन देखने को गई तो पीछे रमेश चाण्डक, मोहन राठी, नारायण कुम्हार व तीन-चार अन्य लोग थे, उन्होंने उसके साथ अभद्र व्यवहार किया व उसे गन्दी गालियां निकाली व जाति सूचक गालियां निकाली। परिवादिया को गन्दी जाति का डेढ़, मांग खाने वाली नीच कहा और उसके साथ इन सभी लोगों ने मारपीट की। उस समय मौके पर आदिल, सानु, भैरू अग्रवाल खड़े थे। इन्होने बीच-बचाव कर परिवादिया को बचाया। पुलिस ने रमेश चाण्डक, मोहन राठी, नारायण कुम्हार व अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की।
गौरतलब है कि प्रकरण से जुड़े दस्तावेज के अनुसार तत्कालीन संभागीय आयुक्त नीरज के पवन ने कलेक्टर भगवतीप्रसाद कलाल को दिनांक 21 जून, 2023 को पत्र लिख कर निर्देश दिए हैं कि उपनिवेशन खसरा नंबर 766 तथा चक 7 बीकेएम के मुरब्बा नंबर 77/33 में गैर कानूनी तरीके से नामांतरकरण मोहनलाल राठी ने अपनी पत्नी एवं पुत्र के नाम दर्ज करवाकर अराजीराज जमीन को अन्य के नाम बेचान की है, जिससे राज्य सरकार को राजस्व हानि हुई है।
इस प्रकरण में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के लिए इससे पहले दिनांक 22 जून, 2022, 19 जुलाई, 2022, 18 नवम्बर, 2022 तथा 8 फरवरी, 2023 को भी कलेक्टर को पत्र लिखे गए थे। कार्रवाई नहीं होने पर इस पत्र में संभागीय आयुक्त की ओर से कलेक्टर को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि उक्त प्रकरण को व्यक्तिश: देखें तथा तथ्यों का स्वयं परीक्षण करें। प्रकरण की गंभीरता को देखते अराजीराज जमीन को गैर कानूनी तरीके से खातेदारी दर्ज किए जाने की स्थिति में सरकार जमीन का संरक्षण करते हुए खातेदारी भूमि को रकबा राज दर्ज करने की कार्रवाई करते हुए पालना रिपोर्ट से अविलम्ब इस कार्यालय को अवगत करवाना सुनिश्चित करें। इस पत्र के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई होती नजर नहीं आई है। परिवादी ने मांग की है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही हो।