जिले की प्रत्येक ढाणी व घर तक कुपोषण दूर करने पर जोर अभियान “लाडेसर“ के तहत किया जाएगा सर्वे, बच्चों को देंगें पोषण किट

विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में आईसीडीएस, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा शिक्षा विभाग के समन्वय से संचालित होने वाले अभियान “लाडेसर“ के संबंध में विस्तृत कार्य योजना बनाई गई। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष व जिला कलक्टर डॉ जितेन्द्र कुमार सोनी के मार्गदर्शन में तीनों विभागों के अधिकारियों की संयुक्त बैठक में इस कार्य योजना का प्रस्तुतीकरण किया गया तथा इसके क्रियान्विति पक्ष पर चर्चा की गई। वीसी के माध्यम से जिले के तीनों विभागों के प्रमुख अधिकारियों ने इस बैठक में भाग लिया। तीनों विभागों का यह संयुक्त अभियान पूरे राजस्थान राज्य के लिए अभिनव नवाचार सिद्ध हो सकता है, जो 27 मई से 3 जून तक समयबद्धता के साथ पूर्ण किया जाएगा।

बैठक में सर्वप्रथम शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आर.के. सुथार ने पावर पाॅईंट प्रजेंटेशन के माध्यम से शिशु व बाल वर्ग में कुपोषण के कारण तथा उनके उपचार के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही विश्व, भारत व राजस्थान इस परिदृश्य में कुपोषित बच्चों की अनुपातिक जनसंख्या को भी विस्तार से समझाया गया।
बैठक में आरसीएचओ डॉ. मुस्ताक ने वीसी के माध्यम से जिलेभर से जुड़े अधिकारियों को घर-घर सर्वे की कार्य योजना के संबंध में विस्तार से बताया। बालक व बालिकाओं सहित जनसामान्य में एनीमिया ( रक्ताल्पता ) के क्या लक्षण हैं इस संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हाथ के नाखून दबाने पर नाखुन रक्त की लालिमा से युक्त न हों तथा आंख के सफेद हिस्से को देखने पर उसमें ललाई नजर नहीं आए तो वह रक्ताल्पता के लक्षण हैं। साथ ही रक्त की कमी से शिशु, बच्चांे में जीभ का रंग गुलाबी के स्थान पर सफेद होता है। ऐसे सभी शिशु, बालकों व किशोरियों का चिह्नीकरण किए जाने का कार्य सर्वे के माध्यम से होगा। इस चिह्नीकरण के बाद बनाई गई सूची के आधार पर संबंधित कुपोषित बच्चों की एएनएम द्वारा जांच करवाई जाएगी। अगर उनमें हीमोग्लोबिन की मात्रा 11 ग्राम से कम है तो ऐसे बच्चों को प्रतिदिन दवा दी जाएगी। जिसमें आयरन सिरप भी शामिल हैं। रक्त की अत्यधिक कमी वाले ऐसे बच्चों को एम.टी.सी. पर रेफर भी किया जाएगा।
पोषण व मेडिसिन किट द्वारा किया जाएगा उपचार
बैठक में डॉ शीशराम चैधरी ने बताया कि ऐसे कुपोषित बच्चों का पोषण द्वारा तथा मेडिसिन किट के माध्यम से उपचार किया जाएगा। वहीं पोषण का कार्य आंगनबाड़ी स्तर पर विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन व वसा आदि खाद्य पदार्थों से किया जाएगा। जिसमें 1 माह के खाद्यान्न किट का सहयोग शामिल है, जो सामाजिक सरोकार की भावना से उपलब्ध करवाया जाएगा।
बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चैधरी ने कहा कि इस महाअभियान के निमित्त संबंधित क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, भामाशाह, सामाजिक व स्वयंसेवी संगठनों का अपेक्षित सहयोग निवेदित करना चाहिए। अभियान “लाडेसर“ नागौर जिले के लिए अभिनव प्रयोग है। जिस प्रकार नागौर जिले में मेरा गांव, मेरी जिम्मेदारी अभियान प्रदेश में नवाचार की दृष्टि से प्रेरक रहा है। वैसे ही अभियान “लाडेसर“ को भी तीनों विभागों के अधिकारी व कार्मिक पूर्ण मनोयोग से लगकर प्रेरणादायक बनाएंगे, ऐसा विश्वास है। बच्चे हमारे जिले, प्रदेश व देश का भविष्य है, वह स्वस्थ हों। इस श्रेष्ठ कार्य को कोरोना गाइड लाइन की पालना के साथ संपन्न करवाएं।

सामाजिक सरोकार की भावना से करें कार्य
इस अवसर पर अपने संबोधन में जिला कलक्टर डॉ सोनी ने कहा कि अपने कार्य क्षेत्र में प्रमाणिक ढंग से कार्य करने वालों को सदैव ही जन सामान्य का विश्वास व सहयोग प्राप्त होता है। आंगनबाड़ी में बच्चों के प्रति आत्मीय व पारिवारिक भाव से सोचना आज के समय की आवश्यकता है। किशोरी बालिकाओं व अन्य कुपोषित बच्चों के पोषण से संबंधित कार्य को अतिरिक्त जिम्मेदारी न मानें। इस विषम परिस्थिति में भी आत्मीय, पारिवारिक व श्रेष्ठ भाव से कार्य करना है। जिले की प्रत्येक ढाणी व घर में कुपोषण दूर करने के निमित्त सभी का सहयोग लिया जाना चाहिए। जिससे शिशु, बच्चें व किशोर चिकित्सा व स्वास्थ्य के सभी मापदंडों को सफलता से पार कर सकें।

बैठक में मूंडवा, रिंया व नावां के बीसीएमओ तथा सीडीपीओ नावां ने भी अपने विचार व्यक्त किए। बैठक में तीनों विभाग के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि पत्रकारिता क्षेत्र द्वारा पूर्व में ही प्राप्त समाचार के आधार पर “लाडेसर“ अभियान से संबंधित पूर्व तैयारी प्रारम्भ कर दी गई है तथा इससे संबंधित सर्वे व सूची बनाने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व आशा सहयोगिनी स्वयं भी कुपोषित बच्चों की जांच करने में सक्षम है ऐसा अनुभव आया है। बैठक में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी संपतराम, मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मेहराम महिया, पीएमओ डॉ शंकरलाल, आईसीडीएस के डीडी सिकरामराम, सीडीपीओ दुर्गासिंह उदावत, महिला सुपरवाइजर सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।