बीकानेर। संस्कृति आर्य गुरुकुलम् तथा हमारा उन्नति संस्थान के संयुक्त तत्वावधान् में 22वां निःशुल्क स्वर्णप्राशन कार्यक्रम गुरुवार को चार केन्द्रों पर आयोजित हुआ। कार्यक्रम प्रभारी शिवकुमार शर्मा ने बताया कि पुष्य नक्षत्र के अवसर पर सायं 4ः30 से 7 बजे तक 82 बच्चों ने स्वर्णप्राशन की दो-दो बूंद गटकी। उनहोंने बताया कि शून्य से चार वर्ष तक के बच्चों में रोग प्रतिरोधक व बौद्धिक क्षमता बढ़ाने के लिए स्वर्णप्राशन आयुर्वेद का वरदान है। इसे महर्षि कश्यप ने लगभग 3 हजार वर्ष पूर्व बनाया था। कश्यप संहिता में इसका उल्लेख मिलता है। उन्होंने बताया कि गुरुवार को पुरानी गिन्नाणी स्थित गायत्री शक्तिपीठ, पवनपुरी स्थित ऋषभदेव नेचुरल, नत्थूसर बास स्थित बाबा स्वदेशी केन्द्र, जयनारायण व्यास काॅलोनी स्थित करंट बालाजी मंदिर तथा मुरलीधर व्यास काॅलोनी स्थित पुष्पा विला ने स्वर्णप्राशन की दवाई पिलाई गई।