बुध के वृश्चिक राशि में गोचर से आर्थिक परिदृश्य में दुर्बलता संभव : डॉक्टर आलोक व्यास

ज्योतिष आचार्य: डॉक्टर आलोक व्यास

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। वैदिक ज्योतिष में बुध एक शुभ ग्रह माना गया है जोकि व्यक्ति की तार्किकता, संवाद क्षमता, गणित में निपुणता, चातुर्य और विश्लेषणात्मक क्षमता का परिचायक होता है। जातक की कुंडली में बुध ग्रह के बली होने पर व्यक्ति तर्कसंगत, कुशल वक्ता, संवाद शैली में निपुण, वाणिज्य व कारोबार का अच्छा जानकार होता है। इसके विपरीत जातक की जन्म कुंडली अशुभ राशि या शत्रु राशि या अशुभ ग्रहों से दृष्ट होने पर व्यक्ति में वाणी दोष, संचार क्षमता और धन प्रबंधन में कमी, गणित विषय में कमजोर, दरिद्रता, आर्थिक कठिनाइयों को महसूस करता है। दुर्बल बुध को प्रबलता देने हेतु तर्जनी अंगुली में सोने की अंगूठी में पन्ना धारण करना लाभदायक रहता है।

बुध ग्रह दिनांक 29 अक्टूबर 2024 को रात्रि 10:45 मिनट पर वायु तत्व की तुला राशि से जल तत्व की वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा तथा 26 नवंबर 2024 को वक्री होने के पश्चात 4 जनवरी 2025 को धनु राशि मे प्रवेश करेगा। इस समयरेखा में बुध क्रमशः विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा (उत्तरोत्तर बली) पर भ्रमण करेगा। बुध ग्रह का शत्रु राशि मे गोचर होने के कारण समाज के आर्थिक परिदृश्य में दुर्बलता तथा व्यापार वाणिज्य में कठिनाइयां आने की संभावना है । बुध के वृश्चिक राशि मे गोचर से विभिन्न राशियों (चंद्र राशि अनुसार) पर निम्नलिखित प्रभाव परिलक्षित हो सकते है।

 

मेष :भूमिगत वस्तुओं से लाभ, मन में भय अथवा आशंका, नकारात्मक मानसिकता, ससुराल पक्ष से पीड़ा।

वृषभ: जीवनसाथी अथवा मित्रों का सहयोग, विवाह अथवा सगाई के अवसर, नव साझेदारी की इच्छा, यात्रा योग।

मिथुन: दैनिक क्रियाकलाप में अड़चन, रोग, ऋण अथवा शत्रु बाधा, तर्क वितर्क से निकट संबंधों में खटास, कानूनी कार्यों में सफलता।

कर्क: रचनात्मक कार्यों में रुझान, सट्टेबाजी की मनोवृत्ति, संतान संबंधी पीड़ा, शेयर मार्केट में लाभ, प्रेम प्रसंग के अवसर।

सिंह: भूमि मकान वाहन के क्रय विक्रय के अवसर, गृहस्थान पर नवाचार, माता संबंधी चिंता, मन में बेचैनी।

कन्या: संप्रेषण कार्य में लाभ, अल्प दूरी की यात्रा योग, छोटे भाई बहनों से संबंधित चिंता या उनसे असन्तुष्टि, नव कार्य का प्रारंभ।

तुला: सुरुचि भोज, पारिवारिक जिम्मेदारी की अधिकता, नेत्र अथवा वाणी दोष, स्थायी परिसंपत्ति में वृद्धि के अवसर।

वृश्चिक: आत्म चिंतन अथवा आत्म मनन, एकांतवास, मानसिक पीड़ा, स्वाध्याय, आर्थिक अनुकूलता में वृद्धि।

धनु: आय की अपेक्षा व्यय में बढ़ोतरी, व्यापार में हानि के योग, आर्थिक प्रतिकूलता, विदेश यात्रा के अवसर, सुदूर प्रांत से लाभ, अस्पताल संबंधी खर्च।

मकर: संपर्क सूत्रों में बढ़ोतरी, आय में वृद्धि हेतु प्रयास, बड़े भाई-बहन से संबंधित चिंता, कार्यक्षेत्र में अनुकूलता।

कुंभ: पिता अथवा उच्च अधिकारियों से मतभेद या उनसे संबंधित चिंता, रोजगार अथवा नौकरी में पदोन्नति हेतु प्रयास, सामाजिक प्रतिष्ठा को लेकर सजगता, आर्थिक अनुकूलता।

मीन: धार्मिक अनुष्ठान अथवा धार्मिक क्रियाकलाप के अवसर, गुरुजनों के आशीर्वाद से कार्यों में सफलता, उच्च अध्ययन की ओर झुकाव, नव संस्कृति से संपर्क।