विनय एक्सप्रेस स्वास्थ्य आलेख। विनय एक्सप्रेस के सुधि पाठकों हेतु समय समय पर स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न विषयों पर आलेख प्रकाशित किया जाता रहा है इसी क्रम बीकानेर शहर के मुरलीध व्यास नगर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थापित युवा चिकित्सा अधिकारी डॉ. राहुल व्यास पाठको के साथं मौसमी बीमारीयों से जुड़ी उपयोगी जानकारीयां इस आलेख के माध्यम से साझा कर रहें है।
बारिश के दौरान मच्छरों के बढ़ने से मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
बारिश के दौरान तापमान में बार-बार बदलाव की वजह से डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में सावधानी रखना जरूरी है। बुखार को अक्सर लोग वायरल फीवर समझ लेते हैं और कभी-कभी डेंगू या मलेरिया के मरीज की कंडिशन बिगड़ जाती है। यहां कुछ लक्षण हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं।
डेंगू
– तेज बुखार और प्लेटलेट्स का कम होना (नॉर्मल रेंज 1.5 से 4 लाख तक)
-सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द
बहुत ज्यादा कमजोरी लगना, भूख न लगना और जी मिचलाना
-शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर, लाल-गुलाबी रंग के रैशेज
– डेंगू हॅमरेजिक बुखार (DHF) में नाक, मसूढ़ों या पॉटी में खून आना
– डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) में ब्लडप्रेशर एकदम लो (ऊपर वाला 100 से नीचे खतरनाक) हो जाना और फिर मरीज का होश खोने लगना।
डेंगू से छुटकारा पाने के कुछ घरेलू उपचार जो प्रभावी हैं:-
1.गिलोय का रस 10 मिली दिन में तीन बार आधे ग्लास पानी के साथ
2.बकरी का दूध
3. पपीते के पत्तो का रस
4. कीवी दिन में दो बार
5. अनार का रस
6. पानी का सेवन ज्यादा करना चाहिए
मलेरिया
– कंपकंपी और ठंड के साथ तेज बुखार चढ़ना
– 104-105 डिग्री तक तेज बुखार (आमतौर पर एक दिन छोड़कर आता है)
– उलटी, कमजोरी, चक्कर आना और जी मिचलाना
– जोड़ों में दर्द नहीं, लेकिन सिर दर्द और शरीर दर्द
वायरल
– तेज बुखार
– खांसी, गला खराब और नाक बहना
– सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द
बारिश के मौसम में ऐसे रखें सावधानी
बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा ठहरे हुए पानी में मच्छर पैदा होने का रहता है।
डेंगू और चिकनगुनिया का मच्छर साफ पानी में और मलेरिया का गंदे पानी में पैदा होता है। हर जगह पानी को पूरी तरह ढककर रखें। कूलर, बाथरूम, किचन आदि में जहां पानी रुका रहता है, वहां दिन में एक बार मिट्टी का तेल या मच्छर भगाने वाले स्प्रे डालें।
मच्छरों से करें बचाव
ऐसे कपड़ें पहनें जिनसे पूरा शरीर ढंका रहे। खासकर बच्चों को स्कर्ट और हाफपैंट वगैरह न पहनाएं।
मच्छरों से बचने के प्रॉपर उपाय करें, कॉइल और मस्किटो रिपेलेंट का इस्तेमाल करें।
मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी सबसे अच्छा तरीका है इससे हार्मफुल केमिकल्स का खतरा भी नहीं रहता।
डॉक्टर से लें सलाह
अगर 102 डिग्री तक है और कोई और खतरनाक लक्षण (रैशेज, बेचैनी, चक्कर, लगातार उलटी, खून आना आदि) नहीं हैं तो मरीज की देखभाल घर पर ही कर सकते हैं। मरीज के माथे पर सामान्य पानी की पट्टियां रखें। पट्टियां तब तक रखें, जब तक शरीर का तापमान कम न हो जाए
अगर दो दिन तक बुखार ठीक न हो तो मरीज को डॉक्टर के पास ले जाएं। अगर 102 डिग्री से ज्यादा बुखार, आंखों में तेज दर्द, पेट में तेज दर्द, चक्कर आना, बार-बार उलटी आना, नाक, मसूढ़ों, कान या शौच में खून आना, बेहद कमजोरी महसूस करना या बेहोशी आना, तो भी तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।