विनय एक्सप्रेस समाचार,जैसलमेर। जैसलमेर के सुविख्यात चित्रकार लक्ष्मण गोयल कठिन संघर्ष के बाद आखिरकार मंगलवार को कोरोना से जंग हार गए। उन्होंने मंगलवार को दोपहर श्री जवाहिर चिकित्सालय में अंतिम साँस ली। पैंसठ वर्षीय लक्ष्मण गोयल पारंपरिक से लेकर अत्याधुनिक चित्रकारिता के विलक्षण हस्ताक्षर थे जिनकी कृतियों ने खूब सराहना पायी और जैसाण धरा को गौरव प्रदान किया।
गोयल ने कला क्षेत्र में नई प्रतिभाओं को प्रोत्साहित एवं निःशुल्क प्रशिक्षित कर आगे लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी और चित्रकला से संबंधित विभिन्न आयोजनों में सहभागिता निभायी।
पूर्व महारावल जैसल देव सिंह से लेकर पूर्व महारावल बृजराज सिंह तक का पोट्रेट चित्रण एवं राजघराने की वंशावली का निर्माण किया। श्री गिरधर स्मारक धर्मार्थ ट्रस्ट, दुर्ग जैसलमेर महारावल अमरसिंह कला पुरस्कार से भी नवाजा गया।
एशिया के सबसे बड़े पुस्तकालय भादरिया में भी गोयल द्वारा दो माह वहीं रहकर बनाए गए 300 चित्र पुस्तकालय की शोभा बढ़ा रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा आयोजित विभिन्न चित्रकला प्रतियोगिताओं में निर्णायक की भूमिका का निर्वहन करने के साथ ही प्रशासनिक भवनों में भी अपनी चित्रकारी की दक्षता दिखाई।
मौजूदा परिप्रेक्ष्य में कोरोना संक्रमण से बचाव और रोकथाम के उपायों के बारे में जन-जन को जागृत करने तथा लोकचेतना का व्यापक और प्रभावी माहौल बनाने के उद्देश्य से चलाए जा रहे कोरोना जागरुकता अभियान अन्तर्गत जैसलमेर विजुअल आर्ट सोसायटी के तत्वावधान में सुवृष्टि की कामना के लिए आयोजित रंग-मल्हार उत्सव के माध्यम से स्थानीय चित्रकारों के साथ सुविख्यात चित्रकार लक्ष्मण गोयल का भी अमूल्य योगदानरहा।
जैसलमेर राजघराने के चित्रकार लक्ष्मण गोयल द्वारा कला के क्षेत्र में दिया गया उनका योगदान कला जगत में चिरस्मरणीय रहेगा। रंग-मल्हार परिवार की तरफ से सभी चित्रकारों द्वारा लक्ष्मण गोयल को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और कहा गया कि लक्ष्मण गोयल के रूप मेंं जैसलमेर की धरा ने कला जगत की विलक्षण प्रतिभा को खो दिया है जिनकी क्षति अपूरणीय है।