विनय एक्सप्रैस समाचार, जैसलमेर। प्रशासन गांवों के संग अभियान जैसलमेर जिले में ग्रामीणों की जिन्दगी सँवारने का अभियान बनता जा रहा है, जहाँ ग्रामीणों और उनके परिवारजनों के लिए तरक्की के कई-कई रास्ते खुलने लगे हैं और अपने लाभ की योजनाओं एवं कार्यक्रमों का फायदा उठाकर ग्रामीण शिविरों से प्रफुल्लित होकर लौट रहे हैं। जैसलमेर जिले में सरकारी मशीनरी की समर्पित भागीदारी की बदौलत प्रशासन गांवों के संग अभियान की उपलब्धियों का ग्राफ निरन्तर ऊँचा बढ़ने लगा है। इन शिविरों में मेहनत-मजदूरी कर पसीने की कमाई से जीवनबसर करने वाले श्रमिकों के बेटे-बेटियों के जीवन को सुनहरा बनाने के लिए छात्रवृत्ति से जोड़ा जा रहा है।
इससे जिले के श्रमिक वर्ग में खासे उत्साह का माहौल है। शिविरों में श्रमिकों के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति, सहायता राशि एवं श्रमिक कल्याण की गतिविधियों से जोड़े जाने की बात सुनकर ग्राम्यांचलों में आयोजित प्रशासन गांवों के संग अभियान के शिविरों में श्रमिक परिवारों की संख्या भी अब बढ़ने लगी है।फतेहगढ़ उपखण्ड क्षेत्र अन्तर्गत रामा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर मंगलवार को आयोजित शिविर में अपनी दोनाें बेटियों के लिए 30 हजार रुपए सहायता राशि की स्वीकृति पाकर ग्रामीण श्रमिक पिता खेताराम गद्गद् हो उठा।शिविर में खेताराम पुत्र लूणाराम ने आकर बताया कि मार्च 2021 में उसकी पुत्री दुर्गा एवं भावना कुमारी का निर्माण श्रमिक शिक्षा एवं कौशल सहायता योजना में आवेदन किया गया था लेकिन कमी के कारण ये आवेदन विभागीय स्तर पर लंबित रहे।शिविर प्रभारी, उपखण्ड अधिकारी श्री दिनेश विश्नोई के निर्देश पर शिविर स्थल पर उपस्थित श्रम विभागीय कार्मिकों ने हाथों-हाथ सारी कमी की पूर्ति करवा कर मौके पर दोनों बेटियों के लिए कुल 30 हजार रुपए की छात्रवृत्ति सहायता राशि स्वीकृत कर दी।
सरकार का दीवाली तोहफा याद रहेगा जिन्दगी भर
उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार एवं विकास अधिकारी के हाथों स्वीकृति पत्र पाकर खेताराम अत्यन्त भाव विह्वल हो उठा। उसने श्रम विभाग एवं शिविर संचालकों का आभार जताते हुए कहा कि अब उसकी दोनों बेटियों के सुनहरे भविष्य निर्माण की राह को कोई रोक नहीं सकता, उसके लिए तो आज का शिविर दीवाली उत्सव जैसा ही है। छात्रवृत्ति सहायता राशि पाने वाली दुर्गा एवं भावना ने अपने दिली उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार का दीवाली का यह तोहफा पूरे परिवार को जिन्दगी भर याद रहेगा।