एमजीएसयू के ड्राइंग एंड पेंटिंग विभाग में डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से बताई अजंता चित्रकला की बारीकियां

प्राचीन भारतीय इतिहास को जीवंत करते हैं अजंता गुहाओं की चित्रकला : विनोद कुमार सिंह
महान चित्रकारों की जीवनियों पर भी भविष्य में दिखाई जाएंगी डॉक्यूमेंट्री : डॉ॰ मेघना शर्मा
ड्राइंग एंड पेंटिंग के विद्यार्थियों के प्रायोगिक ज्ञान में डॉक्यूमेंट्री सहायक सिद्ध होंगी : प्रो. राजाराम चोयल

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर।एमजीएसयू के ड्राइंग एंड पेंटिंग विभाग में अजंता चित्रकला आधारित डॉक्यूमेंट्री शो के माध्यम से चित्रकला की बारीकियों का एक प्रायोगिक सत्र आयोजित किया गया।
सत्र की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि अजन्ता का ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि इससे तत्कालीन समाज मे चित्रकला का महत्व उजागर होता है।
ड्राइंग एंड पेंटिंग विभाग की सह प्रभारी डॉ. मेघना शर्मा ने बताया कि अजन्ता का अध्ययन कला के विद्यार्थियों के लिए अति आवश्यक है क्योंकि प्रथम तो ये इनके पाठ्यक्रम का हिस्सा है और द्वितीय इससे तत्कालीन चित्रकला की गुण विशेषताओं और चित्रण की तकनीकी जानकारिया प्राप्त होती है ।
विभागाध्यक्ष प्रो. राजाराम चोयल के अनुसार ड्राइंग एंड पेंटिंग के विद्यार्थियों के प्रायोगिक ज्ञान में ऐसी डॉक्यूमेंट्री इत्यादि सदा सहायक सिद्ध होंगी।
बीते दिनों गुजरात के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन में आयोजित उस्ता (बीकानेर की सुनहरी कलम) कला पर आधारित प्रशिक्षण कार्यशाला में  एमजीएसयू के 4 विद्यार्थियों ने प्रशिक्षण दिया जिन्हें कुलपति ने स्वयं अपने हाथों प्रमाण पत्र देकर मंच से सम्मानित भी किया।
डॉक्यूमेंट्री सत्र में विभाग के संकाय सदस्य डॉ राकेश किराडू और डॉक्टर मदन राजोरिया के अतिरिक्त सभी समेस्टरों के विद्यार्थी शामिल रहे।
विभागाध्यक्ष प्रो. राजाराम चॉयल ने अंत में सभी का आभार व्यक्त किया।